Friday, December 19, 2025
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सहकारी विश्वविद्यालय

सहकारी विश्वविद्यालय

सहकारिता मंत्रालय ने इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आणंद (IRMA) को परिवर्तित करके सहकारी क्षेत्र में एक राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय, “त्रिभुवन” सहकारी यूनिवर्सिटी (TSU) की स्थापना की है और इसे संसद के एक अधिनियम के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया है। “त्रिभुवन” सहकारी यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025  लोकसभा द्वारा 26 मार्च 2025 को और राज्यसभा द्वारा 1 अप्रैल 2025 को पारित किया गया था, जिसके बाद इसे 3 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई थी। दिनांक 4 अप्रैल 2025 को जारी राजपत्र अधिसूचना द्वारा अधिनियम को लागू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय की स्थापना दिनांक 6 अप्रैल 2025 से प्रभावी हुई।

चूँकि “त्रिभुवन” सहकारी यूनिवर्सिटी (TSU) को एक मौजूदा संस्थान को परिवर्तित करके स्थापित किया गया है, यह तत्काल कार्यशील हो गया, तथा पदेन कुलपति, कुलसचिव और वित्त अधिकारी की नियुक्तियाँ की गईं। शासी बोर्ड और कार्यकारी परिषद का गठन दिनांक 02.06.2025 और 16.07.2025 को किया गया है। विश्वविद्यालय के परिनियम और अध्यादेश को क्रमशः मंत्रालय द्वारा दिनांक 27.06.2025 को और विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 21.11.2025 को अधिसूचित  किया गया है।

वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान, “त्रिभुवन” सहकारी यूनिवर्सिटी (TSU) ने तीन नए एमबीए कार्यक्रम -सहकारी प्रबंधन, सहकारी बैंकिंग और वित्त और कृषि व्यवसाय प्रबंधन शुरू किए हैं।

इसके अतिरिक्त, गुजरात सरकार ने नई अवसंरचना के विकास के लिए लगभग 125 एकड़ भूमि आबंटित की है और विश्वविद्यालय के नए भवन की आधारशिला 5 जुलाई, 2025 को रखी गई थी।

सरकार ने दिनांक 4 अप्रैल 2025 की राजपत्र अधिसूचना संख्या CG-DL-E-04042025-26229 और CG-DL-E-04042025-262290 के माध्यम से विश्वविद्यालय की स्थापना को विधिवत अधिसूचित  कर दिया है। शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यकलाप शैक्षणिक वर्ष 2025 में प्रारंभ हुए है।

विभिन्न अवधि के 50 से अधिक चिह्नित गए पाठ्यक्रमों में से विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक वर्ष से तीन स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनका शीर्षक है-सहकारी प्रबंधन में एमबीए, सहकारी बैंकिंग और वित्त में एमबीए और कृषि व्यवसाय प्रबंधन में एमबीए है।

विश्वविद्यालय, अपने संबद्धता फ्रेमवर्क के माध्यम से, सहकारी क्षेत्र में कार्यबल को पेशेवर बनाएगा है, साथ ही कई संस्थानों के साथ भी संबद्ध हो रहा है।

  योग्य और प्रशिक्षित मानव संसाधन सहकारी उद्योग सहित किसी भी उद्योग का आधार हैं और यह भविष्य को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में कार्य करते हैं। योग्य और प्रशिक्षित जनशक्ति की स्थिर और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, “त्रिभुवन” सहकारी विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय परिसर और अन्य राज्यों में नए स्कूल खोलकर और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए मानदंडों के एक सेट के आधार पर मौजूदा सहकारी संस्थानों/कॉलेजों को संबद्ध करके सहकारी संस्थानों का पूरे भारत में एक नेटवर्क बनाने के लिए अधिदेशित किया गया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025, जोकि मंत्रालय द्वारा 24 जुलाई 2025 को शुरू की गई थी, में सहकारी उद्योग को आकार देने में राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय सहकारी समितियों और विश्वविद्यालयों को शामिल करने की केंद्र सरकार की योजना भी शामिल है, जिनमें से कुछ को निम्नानुसार पुनः पुनरुत्पादित किया गया हैः

3.3.2. सहकारिता की भावना को बढ़ावा देने और उनका अनुकरण करने के लिए सेक्‍टोरल राष्‍ट्रीय परिसंघों को सहकारी क्षेत्र में प्रचलित best practices पर success stories का संकलन करने हेतु प्रोत्‍साहित करना।

5.2.1.2 सहकारी क्षेत्र के लिए युवा और योग्‍य श्रमबल की स्‍थायी और पर्याप्‍त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा,

 

यह जानकारी केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

      1. अपने प्राथमिक सदस्‍यों को अधिक प्रतिस्‍पर्धी बनाने में सहायता देने की बड़ी जिम्‍मेदारियों को निभाने के लिए ऊपरी स्‍तरों के सहकारी संघों के सशक्तीकरण को प्रोत्‍साहित करना।

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