सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीद के माध्यम से किसानों की आय मज़बूत कर रही है
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीद के माध्यम से किसानों की आय मज़बूत कर रही है
केंद्र सरकार 22 सूचीबद्ध कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है। एमएसपी तय करने से पहले केंद्र, राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों के सुझावों पर विचार करता है तथा कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी ) की सिफारिशों को आधार बनाता है।
2018-19 के केंद्रीय बजट में एक सिद्धांत निर्धारित किया गया कि एमएसपी को उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना स्तर पर रखा जाएगा। तदनुसार, सरकार ने 2018-19 से सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी बढ़ा दी थी, जिसमें अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत का लाभ मिलता है।
सरकार तय खरीद एजेंसियों के माध्यम से कृषि उपज खरीदने की पेशकश करती है और किसानों के पास यह विकल्प होता है कि वे अपनी उपज सरकारी एजेंसियों को बेचें या खुले बाज़ार में बेचें, जो भी उनके लिए लाभकारी हो।
सरकार किसानों को अच्छी कीमत के माध्यम से सहायता देने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और अन्य तय राज्य एजेंसियों के ज़रिए अनाज और मोटे अनाज खरीदती है।
दलहनी, तिलहन और नारियल की कीमतें जब भी बाज़ारों में एमएसपी से नीचे गिर जाती हैं, तो संबंधित राज्य सरकार से सलाह करके इनकी खरीद प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम -आआएसएचए) की अम्ब्रेला योजना के अंतर्गत मूल्य समर्थन योजना के तहत की जाती है। पीएम -आआएसएचए स्कीम के तहत खरीद के लिए केंद्र सरकार की निम्नलिखित एजेंसियां काम करती हैं: भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड या एनसीसीएफ हैं। कपास और जूट की खरीद भी सरकार द्वारा एमएसपी पर क्रमशः भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) और भारतीय जुट निगम लिमिटेड (जेसीआई) के माध्यम से की जाती है।
बढ़ी हुई एमएसपी से देश के किसानों को लाभ हुआ है, जो खरीद और किसानों को दी गई एमएसपी राशि के आंकड़ों से साफ पता चलता है। 2024-25 (फसल वर्ष) के दौरान किसानों से खरीद और उन्हें दी गई एमएसपी राशि का विवरण इस प्रकार है:
कुल खरीद (लाख मीट्रिक टन में)
कुल एमएसपी मूल्य (लाख करोड़ रुपये में)
1,223
3.47
भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए उचित नीतिगत उपायों, बजट सहायता और विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों के प्रयासों में मदद करती है। किसानों के कल्याण के लिए उत्पादन बढ़ाने, लाभकारी रिटर्न और आय सहायता देने के लिए भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहलें नीचे दी गई हैं।
1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (एनएफएसएनएम)
2. खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमईओ)-ऑयल पाम
3. खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमईओ)-तिलहन
4. प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएनएफ)
5. परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)
6. मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता (एसएच एंड एफ)
7. वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (आरएडी )
8. कृषि वानिकी
9. फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी)
10. कृषि विस्तार पर उप-मिशन (एसएमएई)
11. बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (एसएमएसपी)
12. बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (एमआईडीएच)
13. राष्ट्रीय बांस मिशन
14. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम)
15. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट
16. प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी)
17. कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना (आईएसएएम)
18. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम – किसान)
19. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-के एम वाई )
20. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)/ पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यू बी सी आई एस)
21. प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम -आशा)
22. संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (एमआईएसएस)
23. कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ)
24. 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और प्रचार
25. स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष (एग्री-श्योर)
26. कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम)
27. डिजिटल कृषि मिशन
यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।