सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए ‘एएसपीआईआरई’ (नवाचार, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन देने की योजना) लागू कर रही है
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए ‘एएसपीआईआरई’ (नवाचार, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन देने की योजना) लागू कर रही है
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित ‘नवाचार, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता प्रोत्साहन योजना (एएसपीआईआरई)’ का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना है। इसका मुख्य लक्ष्य कौशल विकास, इनक्यूबेशन और सूक्ष्म उद्यमों को सहायता प्रदान करके रोजगार सृजन के लिए एक सक्षम इको-सिस्टम का निर्माण करना है। वर्तमान में, देश भर में 109 आजीविका व्यवसायी इन्क्यूबेटर स्वीकृत किये जा चुके हैं। इस योजना के तहत कुल 1,16,726 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 18,444 स्वरोजगार प्राप्त कर चुके हैं, 13,824 लोगों को वेतनभोगी रोजगार मिला है और 1,141 सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए हैं। मंत्रालय ने 2022 से श्रेणीवार (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/सामान्य) और लिंगवार आंकड़े एकत्र करना शुरू किया। 2022 से अब तक प्रशिक्षित कुल 56,721 लाभार्थियों में से 27,970 महिलाएं हैं, 8,365 अनुसूचित जाति वर्ग से और 9,311 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।
सरकार ने महिला एवं अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए, अन्य बातों के साथ, निम्नलिखित पहल की हैं:
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
- एमएसएमई मंत्रालय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हब योजना लागू करता है। इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए विक्रेता विकास कार्यक्रम (वीडीपी) पीएमएसएस के तहत आयोजित किए जाते हैं। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी ऐसे वीडीपी आयोजित करते हैं।
- एमएसएमई मंत्रालय ने 27.06.2024 को ‘यशस्विनी अभियान’ शुरू किया, जिसका उद्देश्य औपचारिकीकरण, ऋण तक पहुंच, क्षमता निर्माण और मार्गदर्शन जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पूरे भारत में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना है, साथ ही इन योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
- केंद्रीय बजट 2025 में एमएसएमई के संवर्धन एवं विकास के लिए महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पहली बार के उद्यमियों को 2 करोड़ रुपये तक के सावधि ऋण उपलब्ध कराने की एक नई योजना की घोषणा की गई है।