समग्र एलएफपीआर और डब्ल्यूपीआर में निरंतर बढ़त का रूझान
समग्र एलएफपीआर और डब्ल्यूपीआर में निरंतर बढ़त का रूझान
संक्षिप्त विवरण :
परिचय
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के अधीन काम करने वाला राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा संचालित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) जनसंख्या की गतिविधि भागीदारी और रोजगार-बेरोजगारी की स्थिति पर आंकड़ों का प्रमुख स्रोत है। देश के लिए श्रम बल संकेतकों के मासिक और त्रैमासिक अनुमान प्रदान करने के लिए जनवरी 2025 से पीएलएफएस सर्वेक्षण पद्धति को संशोधित किया गया है।
पीएलएफएस के मासिक परिणाम मासिक बुलेटिन के रूप में जारी किए जाते हैं। इसमें अखिल भारतीय स्तर पर श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) जैसे प्रमुख श्रम बाजार संकेतकों का वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) दृष्टिकोण के अनुसार अनुमान प्रस्तुत किया जाता है।
अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक के मासिक बुलेटिन पहले ही जारी किए जा चुके हैं। नवंबर 2025 महीने का यह मासिक बुलेटिन इस श्रृंखला का आठवां संस्करण है।
सीडब्ल्यूएस के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए प्रमुख निष्कर्ष:
15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में समग्र एलएफपीआर नवंबर 2025 में बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गया, जो अप्रैल 2025 के बाद से दर्ज किया गया उच्चतम स्तर है। एलएफपीआर में वृद्धि मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों द्वारा संचालित थी, जहां एलएफपीआर अप्रैल 2025 में 58.0 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2025 में 58.6 प्रतिशत हो गया। पिछले महीने की तुलना में ग्रामीण एलएफपीआर 57.8 प्रतिशत से बढ़ गया, जबकि शहरी एलएफपीआर 50.5 प्रतिशत से घटकर 50.4 प्रतिशत हो गया।
नवंबर 2025 में समग्र एलएफपीआर बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गया, जो अप्रैल 2025 के बाद से दर्ज किया गया उच्चतम स्तर है।

समग्र महिला एलएफपीआर जून 2025 से नवंबर 2025 तक महिला श्रम बल भागीदारी दर में लगातार वृद्धि देखी गई। इस अवधि के दौरान यह 32.0 प्रतिशत से बढ़कर 35.1 प्रतिशत हो गई, जिसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी में वृद्धि थी, जबकि शहरी महिला श्रम बल भागीदारी दर अपेक्षाकृत स्थिर रही।
ग्रामीण महिला एलएफपीआर में लगातार वृद्धि दर्ज की गई, जो जून 2025 में 35.2 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2025 में 39.7 प्रतिशत हो गई।

नवंबर 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में व्यापक रूप से सुधार का रुझान देखा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में डब्ल्यूपीआर अप्रैल 2025 में 55.4 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2025 में 56.3 प्रतिशत हो गया, जबकि इसी अवधि में समग्र डब्ल्यूपीआर 52.8 प्रतिशत से बढ़कर 53.2 प्रतिशत हो गया। शहरी डब्ल्यूपीआर लगभग स्थिर रहा। विशेष रूप से, ग्रामीण महिला डब्ल्यूपीआर अप्रैल 2025 में 36.8 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2025 में 38.4 प्रतिशत हो गया, जिससे इस अवधि में समग्र महिला डब्ल्यूपीआर 32.5 प्रतिशत से बढ़कर 33.4 प्रतिशत हो गया।
समग्र कार्यबल में वृद्धि का रुझान देखा गया, जो जून 2025 में 51.2 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2025 में 53.2 प्रतिशत हो गया



15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर नवंबर 2025 में घटकर 4.7 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2025 के बाद से सबसे न्यूनतम स्तर है। नवंबर 2025 में ग्रामीण बेरोजगारी दर घटकर 3.9 प्रतिशत के नए निचले स्तर पर आ गई, जबकि शहरी बेरोजगारी दर घटकर 6.5 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2025 में दर्ज किए गए अपने पिछले सबसे निचले स्तर के बराबर है।
समग्र बेरोजगारी दर नवंबर 2025 में घटकर 4.7 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2025 के बाद से सबसे कम है।

नवंबर 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं दोनों की बेरोजगारी दर (यूआर) में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। महिलाओं में यूआर अक्टूबर 2025 के 5.4 प्रतिशत से घटकर नवंबर 2025 में 4.8 प्रतिशत हो गई। यह गिरावट ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं की यूआर में कमी के कारण हुई, जो क्रमशः 4.0 प्रतिशत से घटकर 3.4 प्रतिशत और 9.7 प्रतिशत से घटकर 9.3 प्रतिशत हो गई।
इसके अतिरिक्त, नवंबर 2025 में समग्र पुरुष बेरोजगारी दर (यूआर) घटकर 4.6 प्रतिशत हो गई, जबकि अक्टूबर 2025 में यह 5.1 प्रतिशत थी। क्षेत्रवार विश्लेषण करने पर नवंबर 2025 में ग्रामीण और शहरी पुरुष बेरोजगारी दर क्रमशः 4.1 प्रतिशत और 5.6 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह क्रमशः 4.6 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत थी।


अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान पुरुषों, महिलाओं और सभी व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर में लगातार और व्यापक गिरावट देखी गई। ग्रामीण क्षेत्रों में यह गिरावट अधिक स्पष्ट थी, जहां नवंबर में पुरुष और महिला दोनों की बेरोजगारी दर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। शहरी बेरोजगारी दर अधिक बनी रही, लेकिन अवधि के अंत तक इसमें सुधार दिखाई दिया। ये रुझान समग्र रूप से श्रम बाजार की मजबूत स्थितियों का संकेत देते हैं, जो ग्रामीण रोजगार में वृद्धि, महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और शहरी श्रम मांग में कर्मिक सुधार से समर्थित हैं।
ये मासिक अनुमान अखिल भारतीय स्तर पर कुल 3,73,229 व्यक्तियों के सर्वेक्षण से एकत्रित जानकारी पर आधारित हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण किए गए व्यक्ति
2,13,337
शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण किए गए व्यक्ति
1,59,892
नवंबर 2025 माह का मासिक बुलेटिन मंत्रालय की वेबसाइट (https://www.mospi.gov.in) पर उपलब्ध है।
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