Current Affairs

संसदीय प्रश्न: परमाणु ऊर्जा का समावेश

संसदीय प्रश्न: परमाणु ऊर्जा का समावेश

परमाणु ऊर्जा देश में दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपार क्षमता रखती है। देश में सीमित यूरेनियम भंडारों और विशाल थोरियम भंडारों का इष्टतम उपयोग करने के उद्देश्य से, परमाणु ऊर्जा विभाग ने बंद परमाणु ईंधन चक्र पर आधारित एक तीनचरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अपनाया है, जिसका उद्देश्य देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करना है।

यह तीनचरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम, जिसे क्रमिक रूप से लागू किया जाना है, प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टरों (प्रथम चरण) में प्राकृतिक यूरेनियम के उपयोग के माध्यम से देश में उपलब्ध फिसाइल संसाधनों को गुणन करने का लक्ष्य रखता है, उसके बाद दूसरे चरण में प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टरों के व्यय ईंधन से प्राप्त प्लूटोनियम का फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों में उपयोग। उसके बाद थोरियम का बड़े पैमाने पर उपयोग होगा, िसमें फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों में उत्पन्न यूरेनियम233 का उपयोग किया जाएगा, जब देश में पर्याप्त परमाणु स्थापित क्षमता का निर्माण हो जाएगा।

इस प्रकार, थोरियम को व्यावहारिक रूप से अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने की कल्पना भारतीय परमाणु कार्यक्रम के तीसरे चरण के दौरान की गई है, जिस तक भविष्य में पहुंचा जा सकता है।

परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का प्रथम चरण, जिसमें स्वदेशी प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर (PHWR) शामिल हैं, औद्योगिक क्षेत्र में है। दूसरे चरण के तहत एक प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR) को भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (BHAVINI) द्वारा तमिलनाडु के कलपक्कम में कमीशन किया जा रहा है।

परमाणु ऊर्जा एक स्वच्छ, आधार भार वाली बिजली का स्रोत है जो 24x7 उपलब्ध है। परमाणु ऊर्जा की जीवनचक्र उत्सर्जन हाइड्रो और पवन जैसी नवीकरणीय ऊर्जाओं के समकक्ष हैं। इस प्रकार, परमाणु ऊर्जा 2070 तक नेट जीरो की ओर भारत की स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

आगंतुक पटल : 133