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श्रम सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र: विकास और कल्याण के लिए एक आधुनिक अवसंरचना

श्रम सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र: विकास और कल्याण के लिए एक आधुनिक अवसंरचना

मुख्य बिंदु

स्मार्ट आईटी क्षेत्र के लिए आधुनिक श्रम नियम

भारत का सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र देश के आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा  की आधारशिला के रूप में उभरा है। पिछले कुछ दशकों में, भारत एक वैश्विक आईटी हब में परिवर्तित हो गया है, जो दुनिया भर के ग्राहकों को सॉफ्टवेयर सेवाएँ, डिजिटल समाधान और व्यावसायिक प्रक्रिया आउटसोर्सिंग  प्रदान कर रहा है।

भारत में भविष्य के लिए तैयार कार्यबल की नींव बनाने के उद्देश्य से, नई श्रम संहिताएँ- वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020  और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 का लक्ष्य अनुपालन को सरल बनाना, काम में लचीलेपन को बढ़ावा देना और सभी प्रकार के श्रमिकों, जिनमें संविदा और अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं, को सामाजिक सुरक्षा  प्रदान करना है। आईटी क्षेत्र के लिए, ये सुधार विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे वेतन, निश्चित अवधि के रोज़गार, घर से काम करने की व्यवस्था और कार्यस्थल सुरक्षा मानकों स्पष्ट करते हैं। ये संहिताएँ नियामक प्रक्रियाओं  को सुव्यवस्थित करके, लैंगिक समावेशिता को बढ़ाकर, और डिजिटल रिकॉर्ड रखने को प्रोत्साहित करती हैं। साथ ही ये आईटी कंपनियों को कर्मचारी कल्याण को ध्यान में रखते हुए कार्यबल को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने में मदद करती हैं, जिससे अंततः संवहनीय विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में योगदान मिलता है।

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श्रम सुधार: आईटी क्षेत्र में व्यवसाय सुगमता को प्रोत्साहन

आईटी क्षेत्र न केवल पर्याप्त राजस्व उत्पन्न करता है, बल्कि यह लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर भी पैदा करता है, यह कौशल विकास, नवोन्मेष, और तकनीकी उन्नति में योगदान देता है। आईटी कार्यबल के विस्तार और जटिलता को देखते हुए, श्रम नियम एक संतुलित और बेहतर उत्पादक कार्य वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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कार्यबल का लचीलापन और रोज़गार मॉडल

अनुपालनों का सरलीकरण और व्यवसाय सुगमता

कार्यस्थल सुरक्षा, मानक और अवसंरचना

बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहर आईटी का केंद्र बन गए हैं, जो घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेश को आकर्षित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, ये  शहरी विकास को बढ़ावा दे रहे हैं और साथ ही यहाँ दूरसंचार, रियल एस्टेट और अन्य सहायक उद्योग  भी फल फूल रहे हैं।

विवाद समाधान और कर्मचारी संरक्षण

अस्थाई (गिग) कार्यबल और असंगठित क्षेत्र के संबंध

श्रम सुधार आईटी क्षेत्र के श्रमिकों को कैसे सशक्त बनाते हैं

श्रम सुधार भारत के तेजी से बढ़ते आईटी क्षेत्र और उसके श्रमिकों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। कुशल प्रतिभा प्रबंधन को मज़बूत श्रमिक संरक्षणों के साथ मिला देने से ये सुधार संवहनीय उद्योग विकास को बढ़ावा देते हैं और भारत की प्रतिस्पर्धिता को विश्व स्तर पर ऊपर उठाते हैं।

रोज़गार संरचना और नौकरी की सुरक्षा

वेतन, समानता और गैर-भेदभाव

महिलाओं की सुरक्षा, समावेशन और कार्य लचीलापन

सामाजिक सुरक्षा,सुवाह्यता और अस्थाई कार्यबल संरक्षण

स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल

कौशल और करियर विकास

शिकायत निवारण और विवाद समाधान

निष्कर्ष

नई श्रम संहिताएँ भारत के श्रम ढाँचे में एक परिवर्तनकारी बदलाव को चिह्नित करती हैं, जिनमें लचीलापन, संरक्षण और आधुनिकीकरण का संतुलन रखा गया है। भारत के सबसे गतिशील और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी उद्योगों में से एक, आईटी क्षेत्र के लिए, ये सुधार नियोक्ता की क्षमताओं और कर्मचारियों के कल्याण दोनों को मजबूत करते हैं। ये संहिताएं अनुपालन को सरल बनाकर, विविध कार्य व्यवस्थाओं को औपचारिक बनाकर, सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करके और सुरक्षित कार्यस्थल बनाकर, एक ऐसा सक्षम परिवेश बनाती हैं जो नवोन्मेषउत्पादकता और समावेशी विकास को बढ़ावा देगा।

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