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व्यापक सांस्कृतिक प्रसार और राजस्व सृजन के लिए प्रसार भारती ने कंटेंट सिंडिकेशन फ्रेमवर्क की शुरुआत की

व्यापक सांस्कृतिक प्रसार और राजस्व सृजन के लिए प्रसार भारती ने कंटेंट सिंडिकेशन फ्रेमवर्क की शुरुआत की

प्रसार भारती ने सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार और सामग्री के मुद्रीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से अपने सार्वजनिक सेवा दायित्व को पूरा करने के लिए सामग्री सिंडिकेशन नीति, 2025 का मसौदा तैयार किया है। यह मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रसार भारती की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है।

मीडिया जगत के प्रमुख हितधारकों के साथ एक सुनियोजित उद्योग परामर्श आयोजित किया गया। इनमें ओटीटी प्लेटफॉर्म, लीनियर टीवी प्रसारक, रेडियो नेटवर्क, दूरसंचार कंपनियां, आईपीटीवी ऑपरेटर और कंटेंट एग्रीगेटर शामिल हैं।

इस नीति का उद्देश्य दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा निर्मित सामग्री, संग्रहित राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सामग्री, और लाइव कवरेज (सरकारी कार्यक्रम, त्योहार, खेल आदि) से आय अर्जित करना है। इसमें प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित डिजिटल-फर्स्ट सामग्री को भी ध्यान में रखा गया है।

इसके अलावा मसौदा नीति में प्रसार भारती के स्वामित्व वाली कमीशन प्राप्त, सह-निर्मित, लाइसेंस प्राप्त और अन्य सामग्री के मुद्रीकरण का प्रस्ताव है।

कंटेंट सिंडिकेशन नीति के मसौदे में प्रसार भारती की सामग्री की पहुंच का विस्तार करने और वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है।

इसमें लचीले लाइसेंसिंग मॉडल जैसे कि फ्लैट शुल्क, राजस्व साझाकरण, राजस्व साझाकरण के साथ न्यूनतम गारंटी आदि का प्रावधान है।

यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने बुधवार को लोकसभा में श्री सेल्वगनापति टीएम द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में उपलब्‍ध कराई।

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