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विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की उपेक्षा

विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की उपेक्षा

केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने आज श्री संदीप कुमार पाठक के अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्यसभा को बताया कि 15 नवंबर 2023 को, माननीय प्रधानमंत्री ने 18 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में रहने वाले 75 पीवीटीजी समुदायों के सामाजिकआर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) शुरु किया। मिशन का उद्देश्य 3 वर्षों में उनकी सामाजिकआर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए लोगों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुँच, सड़क और दूरसंचार संपर्क, अविद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। इन उद्देश्यों को 9लाइन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित 11 उपायों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। अभियान के तहत प्रत्येक मंत्रालय उसे सौंपे गए उपायों को क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार है।

पीएम जनमन के कार्यान्वयन के मद्देनजर, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन/विभागों के माध्यम से पीएम गति शक्ति मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से आवास स्तर पर डेटा संग्रह का कार्य शुरू किया है ताकि पीएम जनमन के तहत गांवों और बस्तियों में रहने वाली पीवीटीजी आबादी को कवर करने के लिए पीवीटीजी आबादी के आंकड़ों और बुनियादी ढांचे के अंतरों का अनुमान लगाया जा सके।

इसके अलावा, राज्य सरकारों के साथ समन्वय से, आईईसी शिविरों का आयोजन किया गया है, जिनका उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, जन धन बैंक खाता जैसे बुनियादी दस्तावेजों को तैयार करने में सुविधा प्रदान करना है, जो आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा आदि सहित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।

पीवीटीजी की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, इस अभियान में पीवीटीजी छात्रों के लिए छात्रावास और पीवीटीजी गाँवों/बस्तियों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का प्रावधान है। अभियान के अंतर्गत, बहुउद्देशीय केंद्र (एमपीसी), जो कि उपायों में से एक है, का उद्देश्य पीवीटीजी गाँवों/बस्तियों को एक ही छत के नीचे आँगनवाड़ी, स्वास्थ्य आदि जैसी कई सेवाएँ प्रदान करना है। इस अभियान के तहत आजीविका सृजन पर स्वयं सहायता समूहों और सदस्यों की संख्या के संदर्भ में लचीले मानदंडों के साथ वीडीवीके की स्थापना के माध्यम से ध्यान दिया जाता है।

जिला/ब्लॉक स्तर पर अभियान के अंतर्गत उपायों की योजना, क्रियान्वयन और निगरानी को सुविधाजनक बनाने के लिए, अभियान के दिशानिर्देशों में जिला स्तरीय समिति और ब्लॉक स्तरीय कार्यान्वयन टीम का प्रावधान है।