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विशाखापत्तनम में पेसा महोत्सव का ऊर्जा से भरपूर पेसा रन और दिनभर चले आदिवासी खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आयोजनों के साथ शुभारंभ हुआ

विशाखापत्तनम में पेसा महोत्सव का ऊर्जा से भरपूर पेसा रन और दिनभर चले आदिवासी खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आयोजनों के साथ शुभारंभ हुआ

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आज से दो दिवसीय पेसा महोत्सव (23-24 दिसंबर 2025) का शुभारंभ प्रतिष्ठित रामकृष्ण बीच पर पेसा दौड़ के साथ हुआ। पेसा महोत्सव पंचायती राज मंत्रालय द्वारा मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है, जो पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 के तहत जनजातीय समुदायों के स्वशासन और सशक्तिकरण का जश्न मनाता है, जिसमें पारंपरिक खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अधिनियम के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है

सुबह आयोजित पेसा दौड़ में सभी आयु वर्ग के लोगों, विशेषकर आदिवासी युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दौड़ को अर्जुन पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध भारतीय तीरंदाज सुश्री ज्योति सुरेखा वेन्नम ने पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती मुक्ता शेखर, आंध्र प्रदेश राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान एवं पंचायती राज आयुक्त श्री मुत्यालाराजू रेवु, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास आयुक्त एवं निदेशक श्री वी.आर. कृष्ण तेजा मैलावरपु, अतिरिक्त आयुक्त डॉ. एम. सुधाकर राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। अधिकारियों ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए पेसा की भावना और अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के अधिकारों, सामुदायिक संसाधनों और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने तथा ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

पेसा रन के बाद पेसा महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन श्रीमती मुक्ता शेखर, संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, डॉ. बिजय कुमार बेहरा, आर्थिक सलाहकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय और श्री वी.आर. कृष्णा तेजा मैलावरपु, आयुक्त एवं निदेशक (पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास), आंध्र प्रदेश सरकार ने किया। इस कड़ी में दिन भर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। आयोजन में शिल्प बाजार और खाद्य महोत्सव सहित प्रदर्शनी स्टालों में आदिवासी हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजन प्रदर्शित किए गए। कबड्डी और तीरंदाजी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। कबड्डी के सेमीफाइनल मैच दिन भर चले और तीरंदाजी प्रतियोगिताएं क्वालीफाइंग, एलिमिनेशन और मेडल राउंड के माध्यम से आगे बढ़ीं।

कार्यक्रम के पहले दिन के दूसरे भाग में कई पेसा राज्यों की टीमों ने आदिवासी खेलों का प्रदर्शन किया, जिसमें चोलो, येदु पेनकुलता, गेडी दौद, रस काशी, उप्पन्ना बारेलू, पिथूल, सिकोर, मल्लखंबा और चक्की खेल जैसे पारंपरिक स्वदेशी खेल प्रस्तुत किये गये। ये आदिवासी समुदायों की समृद्ध खेल विरासत को दर्शाते हैं।

इसके साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू जिले के अंतर्गत दस पीईएसए ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजन की गईं, जिनमें ग्राम सभाओं को सुदृढ़ बनाने, भूमि हस्तांतरण रोकने, लघु वन उत्पादों के स्वामित्व, लघु खनिजों पर नियंत्रण, सामुदायिक संसाधनों और लघु जल निकायों के प्रबंधन, मादक पदार्थों और साहूकारी प्रथा पर नियंत्रण तथा रीति-रिवाजों, परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण जैसे विषयगत क्षेत्रों पर चर्चा की गई।

पीईएसए महोत्सव में कल तकनीकी सत्र, महत्वपूर्ण पहल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरस्कार वितरण समारोह और समापन सत्र होंगे, जो पेसा दिवस उत्सव मनाते हुए, अनुसूचित क्षेत्रों में सहभागी शासन के संदेश को सुदृढ़ और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करेगा।

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