वित्तीय सेवा विभाग बैंकों, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्रों में शिकायत निवारण तंत्र को सुव्यवस्थित और मजबूत बनाता है
वित्तीय सेवा विभाग बैंकों, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्रों में शिकायत निवारण तंत्र को सुव्यवस्थित और मजबूत बनाता है
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में शिकायत निवारण तंत्र की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
वित्तीय सचिव (एफएस) व्यक्तिगत रूप से प्रति माह यादृच्छिक आधार पर चयनित बीस (20) शिकायतों की समीक्षा कर रहे हैं, जिसमें नागरिकों को संबंधित संगठनों के अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी/वरिष्ठ प्रबंधन की उपस्थिति में बीएफएसआई क्षेत्र के विरुद्ध अपनी शिकायतें रखने का अवसर दिया जाता है। इस प्रकार के प्रयास का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इससे वित्तीय सेवा क्षेत्र में ग्राहकों का विश्वास बढ़ाने में मदद मिली है।
अब तक ऐसी पंद्रह (15) बैठकें हो चुकी हैं और शिकायतों के समाधान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तीन सौ (300) शिकायतों का विश्लेषण किया गया है। विभाग के संयुक्त सचिव भी इसी प्रकार की बैठकें आयोजित करते हैं। अनुभव के आधार पर, वित्तीय संस्थानों के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक और सीईओ भी अपने-अपने स्तर पर इसी प्रकार की बैठकें कर रहे हैं। इसका उद्देश्य विभाग के शीर्ष स्तर पर ‘डिप-स्टिक सर्वेक्षण’ के माध्यम से शिकायत समाधान की प्रभावशीलता का आकलन करना है।
वर्ष 2025 में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र पर केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) कार्यशालाओं का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। नियामक संस्थाओं, अर्थात् पीएफआरडीए के साथ कार्यशाला 04.08.2025 को और आरबीआई के साथ 13.10.2025 को आयोजित की गई थी, जिसमें देश भर के शिकायत निवारण अधिकारियों, वरिष्ठ प्रबंधन और लोकपालों ने भाग लिया। इस अभ्यास से संगठनों को शिकायतों के मूल कारणों को प्रभावी ढंग से दूर करने में मदद मिली, जिससे शिकायतों में कमी आई और उनका गुणात्मक समाधान सुनिश्चित हुआ। आईआरडीएआई और बीमा कंपनियों के शिकायत निवारण अधिकारियों के साथ कार्यशाला 19.12.2025 को हैदराबाद में होनी है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शाखा कर्मचारी ग्राहकों और आगंतुकों को उच्चतम स्तर की सेवा प्रदान करें, सभी बैंकों को प्रौद्योगिकी (वॉयस चैट, ईमेल, क्यूआर कोड आदि) की मदद से ग्राहक सेवाओं पर प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए एक तंत्र विकसित करने की सलाह दी गई थी।
शिकायत निवारण प्रणाली को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, वित्तीय सेवा विभाग ने जून 2025 से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों तथा सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की गुणवत्ता और समय पर शिकायत निवारण के आधार पर रैंकिंग शुरू की, जिससे उनके प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ। निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों की रैंकिंग भी प्रक्रियाधीन है। इससे बैंकों और बीमा कंपनियों द्वारा त्वरित निपटान समय (टीएटी) पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, ग्राहक और संबंधित संगठनों के बीच पारदर्शी संचार और संगठनों में ग्राहक सेवा प्रशिक्षण में वृद्धि के माध्यम से शिकायत निवारण तंत्र को मजबूती मिली है।
इसके अलावा, वित्तीय सेवा विभाग ने दिसंबर 2025 से ‘वित्तीय संस्थान संवाद कार्यक्रम’ भी शुरू किया है। इसके तहत सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर चयनित संगठनों के साथ बैठकें आयोजित की जाती हैं। पहले चरण के रूप में, इस प्रक्रिया के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का चयन किया गया है। वित्तीय सेवा क्षेत्र में शिकायत निवारण ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए वित्तीय सेवा विभाग प्रतिबद्ध है।