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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के उड़न दस्ते ने दिल्ली में डीडीए के रखरखाव वाले 136 सड़क खण्डों का निरिक्षण किया; संबंधित सड़क खण्डों के रखरखाव में प्रत्यक्ष कमियों को उजागर किया

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के उड़न दस्ते ने दिल्ली में डीडीए के रखरखाव वाले 136 सड़क खण्डों का निरिक्षण किया; संबंधित सड़क खण्डों के रखरखाव में प्रत्यक्ष कमियों को उजागर किया

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 12 दिसंबर 2025 को सड़क निरीक्षण अभियान के लिए 19 टीमें तैनात कीं। इस अभियान के तहत, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले कुल 136 सड़क खंडों का निरीक्षण पूरी दिल्ली में किया गया। यह निरीक्षण आयोग के वैधानिक ढाँचे और वर्तमान में लागू जीआरएपी के प्रावधानों के तहत निरंतर निगरानी रखने और उन्हें व्यवहार में लाने के प्रयासों के लिए किया गया था।

इन उपायों का उद्देश्य सड़क खंडों पर दिखने वाली धूल, नगरपालिका द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े और भवन निर्माण और उन्हें तोड़े जाने से पैदा होने वाले मलबे के ढेर का आकलन करना था। साथ ही सड़कों पर  नगरपालिका द्वारा जैविक कचरे को खुले में जलाने से जुड़े मामलों की भी जाँच की गई। तैनात की गई टीमों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के उड़न दस्ते और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति  के अधिकारी शामिल थे।

निरीक्षण रिपोर्ट में जियो-टैग और समय पर ली गईं तस्वीरें आयोग के सामने पेश की गईं। अंतिम संकलित आंकड़ों के अनुसार, 15 सड़क खंडों में धूल का उच्च स्तर दिखाई दिया, 38 में मध्यम धूल दिखाई दी, 61 में कम धूल और 22 खंडों में बिलकुल धूल नहीं पाई गई। नगरपालिका के कूड़े वाले 55 और भवन निर्माण और उन्हें तोड़े जाने से पैदा होने वाले मलबे के ढेर वाले 53 सड़क खण्डों की रिपोर्ट दर्ज की गई। 6 सड़क खण्डों पर नगरपालिका द्वारा कूड़े और जैविक कचरे को जलाने के प्रमाण मिलने की सूचना प्राप्त हुई।

निरिक्षण से संबंधित सड़क खंडों के रखरखाव में स्पष्ट कमियों और बार-बार होने वाली लापरवाही का पता चलता है। इससे डीडीए को अपनी परिचालन कुशलता बढ़ाने और  समय पर धूल कम करने जैसे तत्काल किये जाने वाले सुधारात्मक उपाय करने की आवश्यकता उजागर हुई। साथ ही यह भी रेखांकित किया गया कि एजेंसी को जैविक कचरा जलाने के संबंध में सभी सड़क खंडों पर बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

आयोग ने पाया कि इस प्रकार की घटनाएँ दिल्ली में कण प्रदूषण के स्तर को प्रभावित करती हैं, और इसके साथ ही आयोग ने डीडीए द्वारा रखरखाव वाले सभी सड़क खंडों पर जमीनी स्तर पर काम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जिसमें नियमित रूप से मशीनीकृत सफाई सुनिश्चित करना, इकठ्ठा की गई धूल को समय पर उचित तरीके से निपटाना, सड़क के किनारों और डिवाइडरों का उचित रखरखाव करना, धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव करना और जैविक कचरे को जलाने के मामलों को कम करना या उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना  शामिल है।

आयोग ने दोहराया कि ऑपरेशन क्लीन एयरके तहत इस तरह के निरीक्षण जारी रहेंगे ताकि धूल नियंत्रण और जैविक कचरे को खुले में जलाने से संबंधित मामलों को कम करने के लिए उसके वैधानिक निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा सके। इसका उद्देश्य पूरी दिल्ली को स्वच्छ, धूल और खुले में जलाने से मुक्त करना और नियामक उपायों के अनुरूप रखना है।

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