वस्त्र मंत्रालय ने मानव निर्मित रेशे से बने कपड़े (एमएमएफ) और तकनीकी वस्त्र क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना में प्रमुख संशोधन अधिसूचित किए
वस्त्र मंत्रालय ने मानव निर्मित रेशे से बने कपड़े (एमएमएफ) और तकनीकी वस्त्र क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना में प्रमुख संशोधन अधिसूचित किए
वस्त्र मंत्रालय ने सिंथेटिक या कृत्रिम रूप से बनाए गए रेशों से बने परिधान और कपड़े और तकनीकी वस्त्र उत्पादों के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में प्रमुख संशोधन अधिसूचित किए हैं। ये महत्वपूर्ण संशोधन वस्त्र उद्योग की चुनौतियों का समाधान करने, व्यापार सुगमता बढ़ाने, इस क्षेत्र में नए निवेश प्रोत्साहित करने और विकास को गति देने के लिए किए गए हैं। ये बदलाव रोज़गार को बढ़ावा देने और वैश्विक वस्त्र बाजार में भारत की पहुंच व्यापक बनाने के सरकार के ध्यान को रेखांकित करते हैं। योजना के संशोधित दिशानिर्देश भी जारी किए जा रहे हैं।
पीएलआई योजना में प्रमुख संशोधन:
उपरोक्त संशोधनों से प्रवेश संबंधी बाधाएं और वित्तीय सीमाएं काफी कम हो जाएंगी, जिससे क्रियान्वयन तेजी से संभव हो सकेगा।
आवेदन समय-सीमा विस्तारित:
वस्त्र मंत्रालय ने उद्योग जगत की व्यापक भागीदारी प्रोत्साहित करने के लिए, पीएलआई योजना आवेदन पोर्टल 31 दिसंबर, 2025 तक खोल दिया है। इच्छुक कंपनियों से आग्रह किया जाता है कि वे संशोधित ढांचे और बढ़ाई गई समय-सीमा का लाभ उठाकर आवेदन करें और देश को वैश्विक वस्त्र विनिर्माण केंद्र बनने के दृष्टिकोण में योगदान दें।