रेल सुरक्षा रिकॉर्ड सुधार में वृद्धि : वार्षिक दुर्घटनाएं 2004-14 के औसत 171 से घटकर 2025-26 में अब तक 11 रह गई हैं
रेल सुरक्षा रिकॉर्ड सुधार में वृद्धि : वार्षिक दुर्घटनाएं 2004-14 के औसत 171 से घटकर 2025-26 में अब तक 11 रह गई हैं
भारतीय रेल में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। किसी भी असामान्य घटना की रेलवे प्रशासन द्वारा गहन जांच की जाती है। तकनीकी कारणों के अलावा किसी अन्य कारण की आशंका होने पर राज्य पुलिस की सहायता ली जाती है।
कुछ मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से भी मार्गदर्शन लिया जाता है। हालांकि, जांच का प्राथमिक माध्यम राज्य पुलिस ही है। यह संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है। इसके अंतर्गत आपराधिक गतिविधियों की जांच, कानून व्यवस्था बनाए रखना और पटरियों, पुलों, सुरंगों आदि रेलवे के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
वर्ष 2023 और 2024 में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़/तोड़फोड़ की सभी घटनाओं में, राज्यों की पुलिस/जीआरपी और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जांच, अपराधियों की गिरफ्तारी की गई और उन पर मुकदमा चलाया गया।
रेलवे द्वारा राज्य पुलिस/जीआरपी के साथ बेहतर समन्वय, ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए समन्वित कार्रवाई और निगरानी के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
ट्रेन संचालन में सुरक्षा सुधारने के लिए भारतीय रेल द्वारा कई उपाय किए गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में उठाए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों के परिणामस्वरूप, दुर्घटनाओं की संख्या में भारी कमी आई है। नीचे दिए गए ग्राफ में दर्शाए अनुसार, परिणामी ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या 2014-15 में 135 से घटकर 2024-25 में 31 हो गई है।
गौरतलब है कि 2004-14 की अवधि के दौरान परिणामी रेल दुर्घटनाओं की संख्या 1711 थी (औसतन 171 प्रति वर्ष), जो 2024-25 में घटकर 31 और 2025-26 में (नवंबर 2025 तक) और भी घटकर 11 रह गई।
पिछले पांच वर्षों के दौरान परिणामी रेल दुर्घटनाओं की संख्या नीचे दिए गए ग्राफ में दर्शाई गई है:-

रेल संचालन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपनाए गए विभिन्न सुरक्षा उपाय इस प्रकार हैं:-
सुरक्षा सम्बंधी गतिविधियों पर व्यय/बजट (रुपये करोड़ में)
2013-14
2022-23
2023-24
2024-25
2025-26
39,463
87,327
1,01,651
1,14,022
1,16,470
रेलवे द्वारा बेहतर रखरखाव पद्धतियों, तकनीकी सुधारों, बेहतर बुनियादी ढांचे और रोलिंग स्टॉक आदि से सम्बंधित सुरक्षा कार्यों का विवरण नीचे सारणीबद्ध किया गया है:-
क्रमांक
घटक
2004-05 से 2013-14
2014-15 से 2024-25
2014-25 बनाम 2004-14
तकनीकी सुधार
1.
उच्च गुणवत्ता वाली रेल का उपयोग
(60 कि.ग्रा.) (किमी)
57,450 किमी
1.43 लाख किमी
2 गुना से अधिक
2.
लंबे रेल पैनल
(260 मीटर) (किमी)
9,917 किमी
77,522 किमी
लगभग 8 गुना
3.
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (स्टेशन)
837 स्टेशन
3,691 स्टेशन
4 गुना से अधिक
4.
कोहरे से बचाव के लिए सुरक्षा उपकरण (नग)
31.03.14 तक:
90 नग
31.03.25 तक: 25,939 नग
288 बार
5.
थिक वेब स्विच (नग)
शून्य
28,301 नग
बेहतर रखरखाव पद्धतियां
1.
प्राथमिक रेल नवीनीकरण (पटरी किमी)
32,260 किमी
49,941 किमी
1.5 गुना
2.
वेल्ड का यूएसएफडी (अल्ट्रासोनिक दोष पहचान) परीक्षण (संख्या)
79.43 लाख
2 करोड़
2 गुना से अधिक
3.
वेल्ड विफलताएँ (संख्या)
2013-14 में: 3699 संख्या
2024-25 में:
370 संख्या
90 प्रतिशत कमी
4.
रेल टूटफूट (संख्या)
2013-14 में: 2548 संख्या
2024-25 में:
289 संख्या
88 प्रतिशत से अधिक की कमी
बेहतर बुनियादी ढांचा और रोलिंग स्टॉक
1.
नया ट्रैक किलोमीटर जोड़ा गया (ट्रैक किलोमीटर)
14,985 किमी
34,428 किमी
2 गुना से अधिक
2.
फ्लाईओवर (आरओबी)/ अंडरपास (आरओबी) (संख्या)
4,148 संख्या
13,808 संख्या
3 गुना से अधिक
3.
मानवरहित लेवल क्रॉसिंग
(संख्या) बीजी पर
31.03.14 तक:
8,948
दिनांक 31.03.24 तक: शून्य
(सभी 31.01.19 तक बाहर हो गए)
हटा दिया गया
4.
एलएचबी कोचों का निर्माण (नग)
2,337 नग
42,677
18 गुना से अधिक
केंद्रीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
- भारतीय रेल में सुरक्षा सम्बंधी गतिविधियों पर व्यय में पिछले कुछ वर्षों में निम्नलिखित रूप से वृद्धि हुई है:-