रेलवे ब्रॉड गेज नेटवर्क का पूर्ण विद्युतीकरण 99.2 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है, जो ब्रिटेन (39 प्रतिशत), रूस (52 प्रतिशत) और चीन (82 प्रतिशत) से काफी आगे है
रेलवे ब्रॉड गेज नेटवर्क का पूर्ण विद्युतीकरण 99.2 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है, जो ब्रिटेन (39 प्रतिशत), रूस (52 प्रतिशत) और चीन (82 प्रतिशत) से काफी आगे है
रेलवे के नेटवर्क के विद्युतीकरण का कार्य मिशन मोड में शुरू किया गया है। अब तक, ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क का लगभग 99.2 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। शेष नेटवर्क के विद्युतीकरण का कार्य जारी है। वर्ष 2014-25 के दौरान और 2014 से पहले किए गए विद्युतीकरण का विवरण इस प्रकार है:
अवधि
मार्ग किलोमीटर
2014 से पहले (लगभग 60 वर्ष)
21,801
2014-25
46,900
रेलवे की विद्युतीकरण में उपलब्धियां वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय हैं। जून 2025 की इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार रेल विद्युतीकरण की स्थिति इस प्रकार है:
देश
रेलवे विद्युतीकरण
ब्रिटेन
39 प्रतिशत
फ्रांस
60 प्रतिशत
स्पेन
67 प्रतिशत
रूस
52 प्रतिशत
जापान
64 प्रतिशत
चीन
82 प्रतिशत
स्विट्ज़रलैंड
100 प्रतिशत
वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान रेलवे का क्रमशः 7,188 और 2,701 रूट किलोमीटर (आरकेएम) विद्युतीकरण किया गया है। इसके अलावा, सभी नई लाइन/मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं का निर्माण विद्युतीकरण की स्वीकृति के साथ किया जा रहा है।
क्षेत्रवार विद्युतीकरण की स्थिति निम्नानुसार है:
क्र.सं.
क्षेत्र
विद्युतीकृत (प्रतिशत में)
1
सेंट्रल रेलवे
100 प्रतिशत
2
ईस्ट कोस्ट रेलवे
100 प्रतिशत
3
ईस्ट सेंट्रल रेलवे
100 प्रतिशत
4
पूर्वी रेलवे
100 प्रतिशत
5
कोंकण रेलवे
100 प्रतिशत
6
कोलकाता मेट्रो
100 प्रतिशत
7
उत्तर मध्य रेलवे
100 प्रतिशत
8
उत्तर पूर्वी रेलवे
100 प्रतिशत
9
उत्तरी रेलवे
100 प्रतिशत
10
दक्षिण मध्य रेलवे
100 प्रतिशत
11
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
100 प्रतिशत
12
दक्षिण पूर्वी रेलवे
100 प्रतिशत
13
पश्चिम मध्य रेलवे
100 प्रतिशत
14
पश्चिमी रेलवे
100 प्रतिशत
15
उत्तर पश्चिमी रेलवे
98 प्रतिशत
16
दक्षिणी रेलवे
98 प्रतिशत
17
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
95 प्रतिशत
18
दक्षिण पश्चिमी रेलवे
95 प्रतिशत
बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विद्युतीकरण की स्थिति निम्नलिखित है:
क्र.सं.
राज्य
विद्युतीकृत (प्रतिशत में)
क्र.सं.
राज्य
विद्युतीकृत (प्रतिशत में)
1
आंध्र प्रदेश
100 प्रतिशत
16
मिजोरम
100 प्रतिशत
2
अरुणाचल प्रदेश
100 प्रतिशत
17
नागालैंड
100 प्रतिशत
3
बिहार
100 प्रतिशत
18
ओडिशा
100प्रतिशत
4
चंडीगढ़
100 प्रतिशत
19
पुदुचेरी
100 प्रतिशत
5
छत्तीसगढ
100 प्रतिशत
20
पंजाब
100 प्रतिशत
6
दिल्ली
100 प्रतिशत
21
तेलंगाना
100 प्रतिशत
7
गुजरात
100 प्रतिशत
22
त्रिपुरा
100 प्रतिशत
8
हरयाणा
100 प्रतिशत
23
उत्तर प्रदेश
100 प्रतिशत
9
हिमाचल प्रदेश
100 प्रतिशत
24
उत्तराखंड
100 प्रतिशत
10
जम्मू और कश्मीर
100 प्रतिशत
25
पश्चिम बंगाल
100 प्रतिशत
11
झारखंड
100 प्रतिशत
26
राजस्थान
99 प्रतिशत
12
केरल
100 प्रतिशत
27
तमिलनाडु
97 प्रतिशत
13
मध्य प्रदेश
100प्रतिशत
28
कर्नाटक
96प्रतिशत
14
महाराष्ट्र
100 प्रतिशत
29
असम
92 प्रतिशत
15
मेघालय
100 प्रतिशत
30
गोवा
91 प्रतिशत
पूर्वोत्तर क्षेत्र के अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में मौजूदा बीजी नेटवर्क का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। इसके अलावा, सभी नई लाइन/मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं का निर्माण विद्युतीकरण की स्वीकृति के साथ किया जा रहा है। असम में 92 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है और शेष नेटवर्क में विद्युतीकरण का कार्य शुरू हो चुका है।
रेलवे के विद्युतीकरण की नवीनतम जानकारी भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है:
विद्युतीकरण परियोजनाओं का पूरा होना वन विभाग के अधिकारियों से वन संबंधी मंजूरी, अतिक्रमण को हटाना, विभिन्न अधिकारियों से वैधानिक मंजूरी, क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियां, परियोजना क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति और जलवायु परिस्थितियों के कारण किसी विशेष परियोजना स्थल के लिए एक वर्ष में कार्य करने वाले महीनों की संख्या जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।
सड़क परिवहन की तुलना में रेल परिवहन से कार्बन उत्सर्जन में कमी निम्न प्रकार से होती है (संदर्भ: नीति आयोग की जून 2021 की रिपोर्ट “भारत में माल ढुलाई को तेजी से सुगम बनाना”,) ।
परिवहन का साधन
1 टन माल के 1 किलोमीटर परिवहन में कार्बन उत्सर्जन
सड़क
101 ग्राम
रेल
11.5 ग्राम (लगभग 89 प्रतिशत कम)
रेलवे लगभग पूर्ण विद्युतीकरण के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के माध्यम से सतत संचालन के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें रणनीतिक बिजली खरीद योजना के आधार पर सौर, पवन और अन्य नवीकरणीय स्रोतों का संयोजन शामिल है। इन सभी पहलों से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है।
यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।