Friday, December 19, 2025
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रेलवे ने वंदे भारत रेलगाडि़यों में क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है

रेलवे ने वंदे भारत रेलगाडि़यों में क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है

रेलवे ने आईआरसीटीसी के माध्यम से वंदे भारत रेलगाडियों में क्षेत्रीय व्यंजनों की सेवा शुरू की है, ताकि स्थानीय जायके के साथ यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाया जा सके। इस पहल से यात्री देश के विविध व्‍यंजनों का आनंद ले सकते हैं।

यात्री 20101/20102 नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत एक्सप्रेस में महाराष्ट्र के कंदा पोहा, दक्षिण भारतीय डोन्डाकाया करम पोडी फ्राई और आंध्र प्रदेश के आंध्र कोडी कुरा का स्वाद ले सकते हैं। गुजराती व्यंजन जैसे मेथी थेपला 20901 एमएमसीटी-जीएनसी वंदे भारत एक्सप्रेस में और मसाला लौकी 26902 एसबीआईबी-वीआरएल वंदे भारत एक्सप्रेस में परोसी जा रही हैं। यात्री ओडिशा की आलू फुलकोपी का आनन्‍द 22895 हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस में ले सकते हैं।

सफेद चावल, पचक्का चेरुपयार मेझुक्कू पेराती, कडाला करी, केरल पराठा, सादा दही और अप्पम के साथ पलाडा पायसम सहित केरल का पारंपरिक व्यंजन 20633/34 कासरगोड-त्रिवेंद्रम वंदे भारत एक्सप्रेस और 20631/32 मैंगलोर-त्रिवेंद्रम वंदे भारत एक्सप्रेस में  उपलब्ध है, जबकि पश्चिम बंगाल का कोशा पनीर 20872 पर परोसा जा रहा है। यात्री आरओयू-एचडब्‍ल्‍यूएच वंदे भारत एक्सप्रेस और 22895 एचडब्‍ल्‍यूएच-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस में आलू पोटोल भाजा का स्‍वाद ले सकते हैं। चंपारण पनीर जैसे बिहार के विशिष्ट व्यंजन 22349 पीएनबीई-आरएनसी वंदे भारत एक्सप्रेस पर परोसे जा रहे हैं, जबकि चंपारण चिकन 22348 पीएनबीई-एचडब्ल्यूएच वंदे भारत एक्सप्रेस पर उपलब्ध है।

अंबल कद्दू और जम्मू चना मसाला सहित डोगरी व्यंजन रेलगाडी 26401-02 और 26403-04 में परोसे जा रहे हैं, और टमाटर चमन और केसर फिरनी आदि कश्‍मीरी व्‍यंजन रेलगा‍ड़ी 26401/02 और 26403/04 एसवीडीके-सिना वंदे भारत एक्सप्रेस में परोसी जा रही हैं।

महाराष्ट्र का मसाला उपमा 22229 सीएसएमटी-एमएओ वंदे भारत एक्सप्रेस में उपलब्ध है, जबकि पश्चिम बंगाल का मुर्गिर झोल 22302 एनजेपी-एचडब्ल्यूएच वंदे भारत एक्सप्रेस में परोसा जा रहा है।

इस पहल के माध्यम से रेलवे भारत की समृद्ध पाक विविधता के साथ रेल यात्राओं को  यादगार और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बना रही है।

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