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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में प्रस्तावित बांध निर्माण को लेकर लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का स्वतः संज्ञान लिया,जिसमें लोगों को विस्थापन और आजीविका तथा इकोलॉजी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में प्रस्तावित बांध निर्माण को लेकर लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का स्वतः संज्ञान लिया,जिसमें लोगों को विस्थापन और आजीविका तथा इकोलॉजी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है

भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उस मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि निवासी प्रस्तावित बांध निर्माण का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आशंका है कि इससे कई लोगों का विस्थापन हो सकता है और अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में आजीविका तथा इकोलॉजी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कथित तौर पर, इस स्थिति से निपटने के लिए,सरकार ने राज्य के सियांग जिले के विभिन्न क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र बलों को तैनात किया है।

आयोग का मानना है कि यदि समाचार रिपोर्ट के तथ्य सत्य हैं,तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा है। इसलिए, इसने अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

23 मई, 2025 को आई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर, 23 मई, 2025 को मानवाधिकार कार्यकर्ता और सियांग स्वदेशी किसान मंच के संयोजक ने बेगिंग गांव में बांध निर्माण के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें लगभग 400 लोगों ने भाग लिया।