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राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 (2025)–पीआईबी नोट (पोस्ट-इवेंट)

राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 (2025)–पीआईबी नोट (पोस्ट-इवेंट)

 पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालयभारत सरकार, केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 1 से 30 नवंबर, 2025 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 आयोजित कर रहा है। डीएलसी अभियान 4.0 द्वारा संतृप्तिआधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए देशभर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों को कवर किया जा रहा है ताकि पेंशनभोगियों को कई डिजिटल तरीकों के माध्यम से अपने जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सुविधा मिल सके।

वर्ष 2021 में शुरू की गई आधारआधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग को विभाग और अधिक बढ़ावा दे रहा है, जिससे पेंशनभोगी स्मार्टफोन का उपयोग करके अपने घर बैठे आसानी से जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) ने अति वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशनभोगियों को डोरस्टेप डीएलसी सेवाएं प्रदान कीं, जबकि बैंकों, पेंशनभोगी संघों और क्षेत्रीय कार्यालयों ने जागरूकता शिविर आयोजित किए और ऑनसाइट सहायता प्रदान की।

वर्ष 2024 में आयोजित डीएलसी 3.0 में 1.62 करोड़ से भी अधिक डीएलसी जनरेट किए गए, जिनमें से 50 लाख फेस ऑथेंटिकेशन द्वारा जनरेट किए गए। डीएलसी अभियान 4.0 की प्रारंभिक रिपोर्टों से ऐसा प्रतीत होता है कि बैंकों, आईपीपीबी, यूआईडीएआई, मेटी, सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों के संयुक्त प्रयासों से इस वर्ष 2 करोड़ डीएलसी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।

इस अभियान के दौरान, 4 नवंबर, 2025 को श्रीमती मंजू गुप्ता, उप निदेशक, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार ने गया, बिहार के अपने दौरे के दौरान बैंक ऑफ इंडिया में जाकर डॉ पल्लवी कुमारी, आंचलिक प्रबंधक, श्री संतोष कुमार, उप आंचलिक प्रबंधक, श्री उपेंद्र कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक तथा श्री राकेश कुमार, प्रबंधक के साथ भेंट की तथा आंचलिक कार्यालय में जाकर बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों से फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का प्रचारप्रसार करने का आह्वान किया। उसके बाद उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ . एन. पुरी शाखा, गया, बिहार में पेंशनभोगियों से चर्चा की तथा डीएलसी जनरेट करने में मदद की।

डॉ पल्लवी कुमारी ने बताया कि बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से बैंक में आने वाले सभी पेंशनभोगियों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। डीएलसी जनरेट करने के अतिरिक्त पेंशनभोगियों तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए नेत्र चिकित्सा कैंप, सामान्य चिकित्सा कैंप, तथा एक डॉक्टर की सेवाओं की व्यवस्था भी की गई है, जिनमें निशुल्क सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

डॉ पल्लवी ने सूचित किया कि 90 से अधिक आयु के पेंशनभोगियों को सूचीबद्ध किया गया है तथा उन्हें घर पर डीएलसी जनरेट करने के लिए बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा डोर स्टेप सुविधा प्रदान की जा रही है। बैंक ऑफ़ इंडिया की सभी शाखाओं में लगे शिविरों में उक्त सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। श्रीमती मंजू गुप्ता ने बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों श्री उपेंद्र कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक, श्री अमित सौरव, विपणन अधिकारी, श्री केदारनाथ, शाखा प्रबंधक के साथ 101 वर्षीय श्रीमती जानकी देवी, राज्य सरकार कुटुंब पेंशनभोगी, ग्राम सागरपुर तथा ग्राम केदारबीघा की 101 वर्षीय श्रीमती मीना देवी, राज्य सरकार कुटुंब पेंशनभोगियों के घरों में जाकर फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से उनके डीएलसी जनरेट किए। 

इस अभियान को दूरदर्शन, आकाशवाणी, पीआईबी विज्ञप्तियों और सोशलमीडिया आउटरीच के माध्यम से व्यापक कवरेज मिला, जिससे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के बारे में जागरूकता और बढ़ी। एनआईसी डीएलसी पोर्टल के माध्यम से दैनिक प्रगति को ट्रैक किया गया, जिससे बैंकों और विभागों द्वारा जनरेशन आंकड़ों की रियलटाइम निगरानी की जा सकी।

विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान जैसे प्रौद्योगिकीसंचालित नवीन प्रयासों के माध्यम से पेंशनभोगियों के जीवन को और अधिक सुविधापूर्ण बनाने और उनके डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

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