रतलाम नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना रेल की भीड़भाड़ कम करेगी और बंदरगाहों से आंतरिक इलाकों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी; आर्थिक वृद्धि होगी
रतलाम नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना रेल की भीड़भाड़ कम करेगी और बंदरगाहों से आंतरिक इलाकों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी; आर्थिक वृद्धि होगी
केन्द्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली स्थित रेल भवन में मीडिया से बातचीत की। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा हाल ही में स्वीकृत रतलाम और नागदा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना के मुख्य विवरण साझा करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने परियोजना के प्रमुख पहलुओं और मौजूदा रेल लाइनों पर भीड़भाड़ कम करने, माल ढुलाई और यात्री यातायात दक्षता बढ़ाने, महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारों में कनेक्टिविटी मजबूत करने तथा इसके पूरा होने की लक्षित समयसीमा पर प्रकाश डाला।
मीडिया को संबोधित करते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना के रणनीतिक महत्व और व्यापक लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि उच्च-घनत्व नेटवर्क का हिस्सा 41.4 किलोमीटर का रतलाम-नागदा खंड ₹1,018 करोड़ की लागत से चार-लाइन वाला होगा, जिससे लाइन क्षमता उपयोग 116 प्रतिशत से घटकर 65 प्रतिशत रह जाएगा। यह नागदा (उत्तर), वडोदरा (दक्षिण), इंदौर (पूर्व) और चित्तौड़गढ़ (पश्चिम) जैसे प्रमुख जंक्शनों को जोड़ेगा, जो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संपर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह परियोजना मध्य प्रदेश से कांडला, मुंद्रा, पिपावाव, हजीरा, दहेज, जेएनपीए और प्रस्तावित वधावन बंदरगाह जैसे प्रमुख पश्चिमी तट बंदरगाहों तक माल की आवाजाही को बढ़ाएगी, जिससे मध्य और उत्तरी आर्थिक क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ेगी। इससे इंदौर एसईजेड, छिंदवाड़ा एसईजेड, एमएमपीएल इंदौर, एमएमएलपी भोपाल, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा और नागदा थर्मल पावर प्लांट जैसे प्रमुख औद्योगिक केन्द्रों और रतलाम क्षेत्र में संबंधित विस्कोस और रासायनिक उद्योगों को सीधा लाभ होगा।
रेल मंत्री ने बताया कि इस बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण से कृषि वस्तुओं, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों का तेज़ और अधिक कुशल परिवहन हो सकेगा। खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, सांची स्तूप, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे विरासत और धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुँच के साथ मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना से 28 लाख मानव-दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद है और पहले वर्ष में 38 करोड़ किलोग्राम कार्बनडाइक्साइड की बचत करके पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान मिलेगा – जो 1.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है – और 11वें वर्ष तक 16.5 करोड़ से अधिक पेड़ों के बराबर की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, 7.5 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। वधावन बंदरगाह के चालू होने के बाद, माल यातायात पहले वर्ष में 7 मीट्रिक टन प्रति वर्ष से बढ़कर 11वें वर्ष तक 76.4 मीट्रिक टन प्रति वर्ष हो जाने का अनुमान है, जिससे भारत की रसद और औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि महत्वाकांक्षी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत मध्य प्रदेश में 80 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिसमें आधुनिक यात्री सुविधाएं, बेहतर सौंदर्य और सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के लिए बजटीय आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और राज्य सरकार के साथ घनिष्ठ समन्वय में परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। रेलवे अगले एक से दो वर्षों के भीतर राज्य में सभी प्रमुख रेलवे परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास पर परिवर्तनकारी प्रभाव सुनिश्चित होगा।
डॉ. अंबेडकर नगर-नई दिल्ली सुपरफास्ट एक्सप्रेस की भारी मांग और लंबी प्रतीक्षा सूची के मद्देनजर, श्री वैष्णव ने यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए तीन नई रेलगाड़ियाँ शुरू करने की घोषणा की। नई सेवाओं में जबलपुर और सतना होते हुए रीवा से पुणे तक एक ट्रेन, नैनपुर, बालाघाट और गोंदिया होते हुए जबलपुर से रायपुर तक दूसरी ट्रेन तथा गुना और भोपाल होते हुए ग्वालियर से बेंगलुरु तक तीसरी ट्रेन शामिल है। इन ट्रेनों का संचालन अगले दो महीनों में शुरू होने की उम्मीद है।
उज्जैन में आगामी सिंहस्थ कुंभ मेला 2028 की तैयारियों के बारे में श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेल मंत्रालय ने श्रद्धालुओं की अपेक्षित भारी भीड़ को देखते हुए व्यापक योजना बनानी शुरू कर दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बड़े आयोजन के लिए रेलवे की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी। समन्वित योजना और मजबूत बुनियादी ढांचे की तैयारी के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुगम यात्रा और रेलवे से संबंधित सभी व्यवस्थाओं के निर्बाध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पूरा सहयोग दिया है।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल हुए। उज्जैन (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद श्री अनिल फिरोजिया रेल भवन में मौजूद थे। रतलाम सिटी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मध्य प्रदेश सरकार के एमएसएमई मंत्री श्री चैतन्य कश्यप; रतलाम लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती अनीता नागर सिंह चौहान; रतलाम ग्रामीण (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री मथुरा लाल डामर; और नागदा-खचरोड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान भी मौजूद थे। रतलाम और भोपाल में मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालयों से मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया।