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महिला उद्यमियों के लिए समर्थन

महिला उद्यमियों के लिए समर्थन

भारत सरकार ने महिलाओं में उद्यमशीलता की मानसिकता और क्षमताओं का निर्माण करने, महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के विकास के लिए सहायता और बढ़ावा देने और महिलाओं में उद्यमशीलता विकास के लिए मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल की हैं।

 

कौशल विकास और  उद्यमशीलता  मंत्रालय (एमएसडीई) अपने स्वायत्त संगठनों, जैसे राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के माध्यम से देश भर में महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण, उत्थान और विकास के लिए कार्यरत है। इसके अलावा, मंत्रालय स्किल इंडिया मिशन के तहत देश भर में फैले कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कौशलीकरण, पुनर्कौशलीकरण और कौशलोन्नयन कार्यक्रम चलाता है। पिछले तीन वर्षों में मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्यवार प्रशिक्षित महिलाओं की संख्या और आवंटित एवं व्यय की गई निधि का ब्यौरा अनुलग्नक-I में दिया गया है।

 

इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों सहित महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनको सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं/कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का ब्यौरा अनुलग्नक –II में दिया गया है।

अनुलग्नक-I

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान देश भर में महिला उद्यमियों के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न उद्यमिता विकास पहलों का ब्यौरा निम्नलिखित है:

 

1.    प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन)

 

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) अपने स्वायत्त संस्थानों, अर्थात् राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड़) और भारतीय उद्यमिता संस्थान, गुवाहाटी (आईआईई) के माध्यम से, जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक योजना, प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के कौशलीकरण  एवं उद्यमिता घटक को मार्च 2024 से कार्यान्वित कर रहा है, जिसका उद्देश्य निजी जनजातीय समूहों (पीवीटीजीएस) का उत्थान करना है।

 

यह योजना एमएसडीई सहित 9 प्रमुख मंत्रालयों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है। मंत्रालय के प्रमुख क्रियाकलापों में से एक वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) में कौशल और उद्यमिता विकास को बढ़ावा देना है।

 

यह परियोजना जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (टीआरआईएफईडी) के सहयोग से देश भर के 15 राज्यों में कार्यान्वित की जा रही है, जिसके अंतर्गत 31 मार्च 2026 तक कुल 500 महिला एवं महिला विकास समितियों (वीडीवीके) की स्थापना की जानी है। 26.11.2025 तक, कुल 488 वीडीवीके कार्यरत हैं और उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 38,383 सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई 4.0) के अंतर्गत विशेष परियोजना के रूप में 23,47,14,629 रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिसमें से 17,63,56,225 रुपये का उपयोग किया जा चुका है। पीएम जनमन के अंतर्गत महिला प्रतिभागियों की संख्या सहित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का राज्यवार ब्यौरा अनुलग्नक I-क में दिया गया है।

 

2.    स्वावलंबिनी- कौशल विकास और  उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के साथ ज्ञान साझेदार के रूप में सहयोग करते हुए, फरवरी 2025 में असम, मेघालय, मिजोरम, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के छह उच्च शिक्षा संस्थानों/विश्वविद्यालयों में स्वावलंबिनी – एक महिला उद्यमिता कार्यक्रम का प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुभारंभ किया। मंत्रालय इस कार्यक्रम को अपने स्वायत्त संस्थानों, अर्थात् राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड़), नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी के माध्यम से कार्यान्वित कर रहा है।

 

स्वावलंबिनी परियोजना युवा महिलाओं को विचारों से लेकर सफल उद्यम निर्माण तक की यात्रा में सहायता करने के लिए एक संरचित, बहु-स्तरीय प्रशिक्षण पद्धति प्रस्तुत करती है। इस परियोजना का उद्देश्य छात्राओं में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करना है, उन्हें उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए आवश्यक उपलब्ध सहायता तंत्रों, योजनाओं, संसाधनों और नेटवर्कों के बारे में जागरूक करना है।

स्वावलंबिनी परियोजना के लक्षित समूह में उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआईएस) और विश्वविद्यालयों की 1200 छात्राएं शामिल हैं, जिन्हें उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) के माध्यम से उद्यमिता संबंधी प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें से, ईएपी प्रतिभागियों में से चयनित 600 छात्राओं को उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) में शामिल किया जाएगा, जिसमें कौशलीकरण, वित्त तक पहुंच, बाजार संपर्क, अनुपालन और कानूनी सहायता, व्यावसायिक सेवाएं और नेटवर्किंग के अवसर जैसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक पहलुओं को शामिल करते हुए गहन उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद, प्रतिभागियों को अपने विचारों को स्थायी उद्यमों में बदलने में मदद करने के लिए 21 सप्ताह का मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी।

 

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) कार्यक्रम के क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण और निगरानी की देखरेख करेगा, जबकि नीति आयोग कार्यशालाओं का आयोजन करेगा, परामर्श सहायता प्रदान करेगा, प्रारंभिक वित्तपोषण की सुविधा देगा और अवार्ड टू रिवार्ड (एटीआर) पहल के माध्यम से सफल उद्यमियों को सम्मानित करेगा।

 

इस मार्गदर्शन और सहायता कार्यक्रम के दौरान, उद्योग जगत के अग्रणी और सफल उद्यमी प्रतिभागियों को सलाह और व्यावहारिक सहायता प्रदान करके उनका मार्गदर्शन करेंगे। सफल उद्यमियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जिसमें वे उन चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की और अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिए अपनाई गई कार्यनीतियों के बारे में बताएंगे।

 

दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए, कार्यक्रम में एक संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) भी शामिल है, जिसमें भाग लेने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों/विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र से गुजरना होगा। यह पहल शिक्षकों को अपने संस्थानों में महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों को सलाह और मार्गदर्शन देने के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित करेगी। ब्यौरा अनुलग्नक-I-ख में उपलब्ध है।

 

3.    उत्तर पूर्वी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में उद्यमिता विकास केंद्र (ईडीसी) और इन्क्यूबेशन केंद्र (आईसी) की स्थापना, विकास और प्रबंधन – इस परियोजना के अंतर्गत, आईआईई ने उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) के सहयोग से उत्तर पूर्वी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में 30 उद्यमिता विकास केंद्र (ईडीसी) और 4 इन्क्यूबेशन केंद्र (आईसी) स्थापित, विकसित और प्रबंधित किए हैं। दिनांक 1 दिसंबर 2025 तक, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आठ राज्यों में 30 पूर्णतः कार्यरत ईडीसी स्थापित किए जा चुके हैं और 60 ईडीसी कर्मचारियों और 582 सलाहकारों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। 90 उद्यमिता विकास कार्यक्रमों (ईडीपी) के माध्यम से कुल 943 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। पायलट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 1 दिसंबर 2025 तक प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की राज्यवार और कार्यक्रमवार जानकारी अनुलग्नक ।-ग  में दी गई है।

 

4.    प्रधानमंत्री स्वनिधि लाभार्थियों के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना – एनआईएसईबीयूडी (निस्बड़) और आईआईई ने एमएसडीई के सहयोग से प्रधानमंत्री स्वनिधि लाभार्थियों के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना का कार्यान्वयन किया है। इस परियोजना में एक सप्ताह का कक्षा कार्यक्रम और 21 सप्ताह का मार्गदर्शन एवं सहायता कार्यक्रम शामिल है। संस्थानों ने वित्त वर्ष 2023-24 में इस परियोजना के तहत कुल 1744 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिनमें 1205 महिलाएं शामिल हैं। राज्यवार और कार्यक्रमवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक 1 -घ में दिया गया है।

 

5.    संकल्प योजना के अंतर्गत क्षमता निर्माण, इनक्यूबेशन सहायता, मेंटरिंग और हैंडहोल्डिंग के माध्यम से उद्यमिता के माहौल को सुदृढ़ बनाना – एनआईएसईबीयूडी ने कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के कौशल अर्जन एवं ज्ञान जागरूकता आजीविका संवर्धन (संकल्प) कार्यक्रम के सहयोग से समाज के विभिन्न हाशिए पर पड़े वर्गों के उद्यमिता इको –सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए एक परियोजना कार्यान्वित की। इस परियोजना का उद्देश्य क्षमता निर्माण, इनक्यूबेशन सहायता, मेंटरिंग और हैंडहोल्डिंग के माध्यम से महिलाओं सहित विभिन्न लक्षित समूहों में उद्यमिता की भावना का सृजन, पोषण और संवर्धन करना था। 2024 में, आईआईई को प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत वन धन केंद्रों के आदिवासी कारीगरों और एसएफयूआरटीआई (स्फूर्ति) क्लस्टर के सदस्यों को सहायता प्रदान करने के लिए इस परियोजना की स्वीकृति दी गई थी।

 

संकल्प योजना के अंतर्गत उत्तर–पूर्व में निर्यात-उन्मुख हथकरघा प्रशिक्षण कार्यक्रम: आईआईई ने निर्यात-गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों के उत्पादन, निर्यात प्रक्रियाओं की समझ, ब्रांड निर्माण और प्रोटोटाइप विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए वस्त्र क्षेत्र में एक व्यापक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया। कुल 1166 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया और बाद में उन्हें उन्नत शिक्षा के लिए संबंधित क्लस्टरों से जोड़ा गया। आईआईई ने बाजार संपर्क, हितधारकों की सहभागिता, क्रेता-विक्रेता बैठकें, ऋण संपर्क की सुविधा प्रदान की और आयात-निर्यात परिषद के साथ क्लस्टर पंजीकरण में सहायता की। संस्थान ने प्रमुख निर्यात घरानों को भी आमंत्रित किया, निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ सहयोग किया और प्रशिक्षुओं की निर्यात बाजार में संभावनाओं को मजबूत करने के लिए प्रोटोटाइप विकास को सक्षम बनाया। आवंटित राशि 50,89,41,050/- रुपये के मुकाबले 50,31,61,022/- रुपये का उपयोग किया जा चुका है। महिला प्रतिभागियों की राज्यवार संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक I-ड. में है।

 

6.    जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना: जेएसएस, जिसे शुरू में 1967 में श्रमिक विद्यापीठ (एसवीपी) के रूप में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत सरकार के पूर्ण अनुदान से पंजीकृत समितियों (एनजीओ) के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर ही अनौपचारिक रूप से कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार/मजदूरी को बढ़ावा देकर घरेलू आय में वृद्धि करना है। योजना के लक्षित लाभार्थी निरक्षर, नवसाक्षर और प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त व्यक्ति, साथ ही कक्षा 12वीं तक के स्कूल छोड़ने वाले 15-45 वर्ष आयु वर्ग के लोग हैं। दिव्यांगजनों और अन्य पात्र मामलों, विशेषकर महिलाओं को आयु में छूट दी जाती है। प्राथमिकता वाले समूह ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी निम्न-आय क्षेत्रों में महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक हैं। वर्ष 2018 से 31 अक्टूबर 2025 तक, जेएसएस योजना के तहत देश भर में कुल 32,53,965 लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। योजना के मुख्य उद्देश्य के अनुरूप, प्रशिक्षित लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएं हैं (~83%)। राज्यवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्‍यौरा अनुलग्‍नक I-च में दिया गया है।

 

7.    कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) वर्ष 2015 से अपनी प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश भर के युवाओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, को अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना और पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से कौशल उन्नयन एवं पुनः कौशल प्रदान करना है। इसका लक्ष्य युवाओं को उद्योग से संबंधित कौशल से लैस करके रोजगार के अवसरों तक पहुंच बढ़ाने के लिए उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। वर्तमान में पीएमकेवीवाई 4.0 वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2025-26 तक लागू है।

 

हाल ही में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित एक विशेष पहल, जिसका शीर्षक ‘नव्या’ (युवा किशोरियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से आकांक्षाओं का पोषण) है, का शुभारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य 19 राज्यों के 27 आकांक्षी जिलों में 3,850 किशोरियों को लक्षित कौशलीकरण प्रदान करना है, ताकि उनकी रोजगार क्षमता और सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ाया जा सके ‘नव्या’ योजना के तहत प्रशिक्षित/उन्मुख महिला उम्मीदवारों का ब्‍यौरा ऊपर दिया गया है।

 

पीएमकेवीवाई 4.0 एक मांग-आधारित योजना है जिसे समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। इस योजना में विशेष परियोजनाओं के लिए एक समर्पित प्रावधान शामिल है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं और दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) सहित अल्पप्रतिनिधित्व वाले सामाजिक समूहों की भागीदारी को बढ़ाना है। कौशल विकास कार्यक्रमों तक उनकी पहुंच को सुगम बनाकर महिलाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया है।

 

समावेशिता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये समूह प्रशिक्षण में भाग ले सकें और बाद में लाभकारी वेतन या स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें, योजना के तहत महिलाओं, दिव्यांगजनों और विशेष क्षेत्रों (सामान्य मानदंडों के अनुसार परिभाषित) के प्रशिक्षुओं के लिए आवास और परिवहन सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, सामान्य मानदंडों के अनुसार, गैर-आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए परिवहन सहायता भी अनुमेय है। राज्यवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्‍यौरा अनुलग्‍नक I-छ में दिया गया है।

 

8.    कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अधीन प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) देश के युवाओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, को कौशलीकरण प्रदान करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के नेटवर्क के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) को लागू करता है।

 

आईटीआई में, एनएसक्यूएफ से प्रमाणित 169 ट्रेडों में शिल्पकार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रत्येक ट्रेड का अपना अलग पाठ्यक्रम है। प्रशिक्षण की अवधि छह महीने, एक वर्ष और दो वर्ष है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम इस प्रकार तैयार किए गए हैं कि प्रशिक्षुओं को अर्ध-कुशल/कुशल कामगार के रूप में रोजगार के लिए तैयार करने हेतु ट्रेडों में बुनियादी कौशल और ज्ञान प्रदान किया जा सके।

 

वर्तमान में देश में 14,682 आईटीआई स्थापित हैं, जिनमें से 3,345 सरकारी और 11,337 निजी आईटीआई हैं। राज्यवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्‍यौरा अनुलग्‍नक I-ज में दिया गया है।

 

पिछले तीन सालों में मंत्रालय की अलग-अलग स्कीमों के तहत  प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं की संख्या और राज्य-वार आवंटित और खर्च की गई निधि का ब्यौरा नीचे दिया गया है:-

 

(अनुलग्‍नक I-क)

1. प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महा अभियान (पीएम जनमन)

क्र.सं.

राज्य

सदस्यों की संख्या (लक्ष्य)

ईडीपी के तहत प्रशिक्षित सदस्य

पुरुष

महिला

कुल

1

आंध्र प्रदेश

6162

841

5135

5976

2

छत्तीसगढ

2422

39

2356

2395

3

गुजरात

1050

751

299

1050

4

झारखंड

2876

352

2524

2876

5

कर्नाटक

1784

192

976

1168

6

केरल

433

269

156

425

7

मध्य प्रदेश

5151

1413

3687

5100

8

महाराष्ट्र

3624

1776

1848

3624

9

ओडिशा

3553

46

2279

2325

10

राजस्थान

8659

0

8659

8659

11

तमिलनाडु

2403

0

1042

1042

12

तेलंगाना

1461

469

992

1461

13

उत्तर प्रदेश

319

0

266

266

14

उत्तराखंड

314

0

314

314

15

त्रिपुरा

1702

5

1697

1702

कुल

41,913

6153

32230

38,383

 

(अनुलग्‍नक I-ख)

 

2. स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम

 

पायलट परियोजना के तहत दिनांक 01.12.2025 तक प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या का राज्य-वार और कार्यक्रम-वार ब्‍यौरा इस प्रकार है

राज्य

कार्यक्रम का नाम (कुल प्रशिक्षित)

एफडीपी

ईएपी

ईडीपी

असम

9

64

-*

मेघालय

8

161

-*

मिजोरम

10

244

-*

उत्तर प्रदेश

38

491

254

तेलंगाना

17

150

48

कुल

82

1,110

302

*प्रशिक्षण दिसंबर, 2025 से आयोजित किया जा रहा है

अनुलग्‍नक I-ग

 

3. उत्‍तर–पूर्व क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में उद्यमिता विकास केंद्र (ईडीसी) और इनक्यूबेशन केंद्रों (आईसी) की स्थापना, विकास और प्रबंधन करना।

 

पायलट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 01.12.2025 तक प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या का राज्य-वार और कार्यक्रम-वार ब्‍यौरा इस प्रकार है।

राज्य

पुरुष

महिला

कुल ईडीपी प्रतिभागी

अरुणाचल प्रदेश

44

57

101

असम

98

35

133

मणिपुर

89

32

121

मेघालय

67

53

120

मिजोरम

50

37

87

नगालैंड

78

46

124

सिक्किम

122

41

163

त्रिपुरा

66

28

94

कुल योग

614

329

943

 

अनुलग्‍नक I-घ

 

4. पीएम स्वनिधि लाभार्थियों के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना

परियोजना अवधि

राज्य

प्रशिक्षित प्रतिभागियों की संख्या

प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या

2023–24

मध्य प्रदेश

179

136

ओडिशा

1162

545

राजस्थान

101

38

उत्तर प्रदेश

262

175

कुल

1704

894

 

अनुलग्‍नक I-ड.

 

5. संकल्प योजना के तहत क्षमता निर्माण, इनक्यूबेशन सहायता, परामर्श (मेंटरिंग) और मार्गदर्शन (हैंडहोल्डिंग) के माध्यम से उद्यमशीलता के माहौल को सुदृढ़ करना (2022-23,2023-24,2024-25)

राज्य

प्रशिक्षित प्रतिभागियों की संख्या

प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या

आंध्र प्रदेश

500

415

बिहार

6296

3612

छत्तीसगढ

3565

3020

दिल्ली

199

177

गुजरात

1550

1089

हरियाणा

929

604

हिमाचल प्रदेश

1851

1532

जम्मू-कश्मीर

2551

1416

झारखंड

4601

3609

कर्नाटक

1800

1307

केरल

200

80

लद्दाख

70

69

मध्य प्रदेश

6968

4683

महाराष्ट्र

3607

3007

ओडिशा

6059

4399

पंजाब

950

556

राजस्थान

3768

2248

तमिलनाडु

1450

1080

तेलंगाना

1700

1617

उत्तर प्रदेश

7182

4315

उत्तराखंड

4779

3607

पश्चिम बंगाल

2250

1357

कुल

62825

43799

 

अनुलग्‍नक I-च

 

6. दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक जेएसएस स्कीम के तहत प्रशिक्षण पाने वाली महिला लाभार्थियों की संख्या :

राज्य

2022-23

2023-24

2024-25

2025-26

अंडमान और निकोबार

1270

1377

1636

292

आंध्र प्रदेश

12805

9035

9365

2813

अरुणाचल प्रदेश

0

0

0

0

असम

10178

7403

9418

2282

बिहार

45138

29736

30824

8060

चंडीगढ़

1953

1229

1164

184

छत्तीसगढ

28719

17662

21218

4660

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

2708

2667

2233

335

दिल्ली

6547

4200

4556

1412

गोवा

2449

1612

1512

256

गुजरात

19846

11853

13616

4516

हरियाणा

8207

5640

2745

875

हिमाचल प्रदेश

20694

13537

14315

2383

जम्मू-कश्मीर

375

631

308

90

झारखंड

21334

18549

18975

4597

कर्नाटक

25773

17909

19190

5019

केरल

20849

13759

14147

2692

लद्दाख

441

196

0

20

लक्षद्वीप

1335

1682

831

223

मध्य प्रदेश

56358

40553

44904

11202

महाराष्ट्र

42284

29677

32038

8163

मणिपुर

6508

4362

4844

2158

मेघालय

1102

1260

1502

122

मिजोरम

1435

991

647

181

नगालैंड

1348

1539

345

219

ओडिशा

54323

38957

44126

9101

पंजाब

3646

2940

2884

1134

राजस्थान

14657

10935

12565

4157

तमिलनाडु

16194

11890

13605

2276

तेलंगाना

13403

9247

9804

3162

त्रिपुरा

3951

2589

2758

444

उत्तर प्रदेश

97341

67315

69586

16432

उत्तराखंड

17342

12160

12548

3797

पश्चिम बंगाल

14298

9943

11349

1951

कुल योग

574811

403035

429558

105208

जेएसएस को जारी कुल अनुदान

1,54,65,98,518

1,54,37,53,058

1,39,55,01,725

73,17,60,271

 

अनुलग्‍नक I-छ

 

7. पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत चालू वित्त वर्ष (31.10.2025 तक) सहित पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान प्रशिक्षित/उन्मुख और प्रमाणित महिला उम्मीदवारों का वित- वर्ष वार और राज्यवार ब्‍यौरा :

राज्य

वित्त वर्ष 23-24

वित्त वर्ष 24-25

वित्त वर्ष 25-26

नव्या के तहत वित्त वर्ष 2025-26*

प्रशिक्षित / उन्मुख

प्रमाणित

प्रशिक्षित / उन्मुख

प्रमाणित

प्रशिक्षित / उन्मुख

प्रमाणित

प्रशिक्षित / उन्मुख

प्रमाणित

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

240

31

381

382

23

0

आंध्र प्रदेश

15,171

9,147

16,596

10,924

1,222

1,649

अरुणाचल प्रदेश

2,576

373

6,297

3,962

42

316

असम

26,298

11,401

57,306

36,561

4,121

5,677

बिहार

11,502

5,684

50,055

30,009

1,746

5,398

चंडीगढ़

287

153

535

457

123

84

छत्तीसगढ

5,512

3,243

8,987

6,145

166

323

दिल्ली

5,506

3,278

7,415

4,707

1,240

1,413

गोवा

148

22

215

263

गुजरात

9,732

3,204

23,763

17,129

315

964

हरियाणा

12,005

6,354

37,165

25,262

3,622

7,147

हिमाचल प्रदेश

3,135

1,855

9,506

6,378

1,752

1,624

20

19

जम्मू-कश्मीर

16,909

8,857

57,994

47,620

2,729

5,305

119

92

झारखंड

5,134

3,050

17,695

10,567

229

1,460

9

0

कर्नाटक

5,073

2,056

38,352

17,104

2,906

10,650

21

0

केरल

4,686

2,584

5,235

3,102

381

466

लद्दाख

314

96

264

314

0

8

लक्षद्वीप

0

0

46

0

मध्य प्रदेश

18,097

9,145

1,53,055

91,662

6,624

22,274

88

70

महाराष्ट्र

15,739

6,325

35,649

21,280

1,591

4,744

39

0

मणिपुर

1,865

365

15,700

10,537

805

1,187

मेघालय

1,320

361

4,910

2,289

282

286

मिजोरम

2,019

634

4,505

2,354

905

929

नगालैंड

1,938

532

3,554

2,200

329

523

ओडिशा

10,347

6,170

13,429

8,921

557

718

पुदुचेरी

1,187

781

2,235

1,426

321

460

पंजाब

6,133

2,745

65,032

49,968

5,421

9,225

78

20

राजस्थान

11,142

5,199

1,19,423

89,200

4,961

14,729

सिक्किम

1,563

403

1,774

648

0

143

तमिलनाडु

23,198

12,970

57,929

45,510

5,623

8,470

तेलंगाना

7,006

4,450

11,855

8,538

2,803

2,339

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

232

96

900

617

0

184

त्रिपुरा

3,263

1,875

10,570

6,876

939

1,045

 उत्तर प्रदेश

33,096

16,559

2,58,409

1,81,336

13,973

32,208

70

65

उत्तराखंड

6,127

2,700

22,110

14,306

1,066

2,369

पश्चिम बंगाल

13,626

6,428

20,379

13,988

1,988

2,617

कुल

2,82,126

1,39,126

11,39,225

7,72,542

68,805

1,46,934

444

266

 

पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, महिला उम्मीदवारों के कौशलीकरण के लिए कोई विशिष्ट धनराशि आवंटित नहीं की गई है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष (दिनांक 31.10.2025 तक) सहित पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान महिला उम्मीदवारों के कौशल विकास के लिए उपयोग की गई निधि का वर्षवार वित्तीय ब्‍यौरा इस प्रकार है:

 

वित्त वर्ष

वित्त वर्ष 2023-24

वित्त वर्ष 2024-25

वित्त वर्ष 2025-26

उपयोग की गई राशि करोड़ में

356.07

781.78

6.52

 

अनुलग्‍नक- I-ज

 

8. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से 2024-25 तक सीटीएस के तहत आईटीआई में महिलाओं का राज्य-वार नामांकन नीचे दिया गया है:

क्र.सं.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

सत्र 2022

सत्र 2023

सत्र 2024

1

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

123

137

270

2

आंध्र प्रदेश

2,058

2,378

2,304

3

अरुणाचल प्रदेश

192

205

175

4

असम

922

1,322

1,002

5

बिहार

5,915

8,224

8,581

6

चंडीगढ़

469

498

456

7

छत्तीसगढ

5,844

6,873

6,813

8

दिल्ली

2,884

3,177

3,072

9

गोवा

478

483

430

10

गुजरात

16,357

19,820

16,553

11

हरियाणा

9,195

11,890

11,235

12

हिमाचल प्रदेश

5,194

5,251

4,622

13

जम्मू-कश्मीर

3,121

3,242

3,564

14

झारखंड

1,603

2,032

2,736

15

कर्नाटक

3,288

3,369

2,723

16

केरल

6,784

6,962

6,242

17

लद्दाख

190

220

197

18

लक्षद्वीप

151

148

126

19

मध्य प्रदेश

9,668

10,072

10,456

20

महाराष्ट्र

21,155

22,920

20,252

21

मणिपुर

186

306

235

22

मेघालय

274

316

411

23

मिजोरम

98

129

70

24

नगालैंड

52

56

96

25

ओडिशा

7,426

11,828

8,177

26

पुदुचेरी

118

141

147

27

पंजाब

12,116

12,885

11,045

28

राजस्थान

9,148

10,649

8,067

29

सिक्किम

164

111

118

30

तमिलनाडु

4,378

5,241

5,049

31

तेलंगाना

1,651

2,321

2,969

32

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

148

240

204

33

त्रिपुरा

721

704

671

34

उत्तर प्रदेश

37,745

43,059

39,607

35

उत्तराखंड

1,760

1,877

1,438

36

पश्चिम बंगाल

4,486

6,080

5,414

    कुल योग

1,76,062

2,05,166

1,85,527

अनुलग्‍नक II

 

महिला उद्यमियों के लिए सहायता के संबंध में दिनांक 17.12.2025 को उत्तरार्थ राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 2043 के भाग (क) से (घ) के उत्तर में उल्लिखित अनुलग्‍नक

 

भारत सरकार के दूसरे मंत्रालयों/विभागों द्वारा देश भर में महिला उद्यमियों के लिए लागू की जा रही अलग-अलग उद्यमिता विकास पहलों का ब्‍यौरा इस प्रकार है:

 

1. ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी): ग्रामीण कौशल प्रभाग के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ग्रामीण गरीब युवाओं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, के लिए कौशल विकास  के क्षेत्र में आरएसईटीआई स्कीम लागू कर रहा है ताकि देश में गरीबी खत्म करने के मकसद से उन्हें फायदेमंद नौकरी मिल सके। दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई -एनआरएलएम) की अम्ब्रेला स्कीम के तहत यह स्कीम चलाई जा रही है। पिछले 3 सालों में इस स्कीम के तहत मदद पाने वाली महिलाओं की राज्य-वार  सूचना इस तरह है:

 

क्र.सं.

राज्य का नाम

2022-23

2023-24

2024-25

2025-26
(31-10-25 तक)

प्रशिक्षित

नियोजित

प्रशिक्षित

नियोजित

प्रशिक्षित

नियोजित

प्रशिक्षित

नियोजित

1

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

373

397

489

441

572

495

368

182

2

आंध्र प्रदेश

8565

7187

8936

7027

12374

9949

7759

5203

3

अरुणाचल प्रदेश

239

243

300

141

729

558

456

106

4

असम

12137

9524

14811

9882

21181

15590

10967

5220

5

बिहार

16365

14496

17466

15125

25109

20465

14086

9025

6

छत्तीसगढ़

9749

9061

9957

8154

13807

10878

6291

4288

7

दादरा और नगर हवेली

628

492

643

461

731

531

394

300

8

गोवा

0

0

0

0

0

0

0

0

9

गुजरात

19290

15390

21845

14827

28812

21316

12927

9682

10

हरियाणा

11823

7721

12701

9425

18049

13763

9323

5705

11

हिमाचल प्रदेश

5596

3747

6460

4956

9823

7283

4004

2399

12

जम्मू-कश्मीर

5826

4716

6418

4680

16245

12291

6200

4203

13

झारखंड

16027

12107

16947

12648

22697

16763

11368

6395

14

कर्नाटक

17397

13881

17345

14416

21241

16661

12414

9073

15

केरल

7951

6938

8703

6801

12221

9453

6214

5043

16

लक्षद्वीप

444

282

381

312

547

400

281

161

17

मध्य प्रदेश

25123

20086

28372

22608

38569

29027

19592

11484

18

महाराष्ट्र

20915

17112

22192

18017

32842

24333

15440

10461

19

मणिपुर

590

562

908

745

1808

1476

688

374

20

मेघालय

1534

1295

2024

1345

3175

2291

1290

519

21

मिजोरम

555

495

628

600

1426

918

485

626

22

नगालैंड

184

208

349

147

384

292

157

106

23

ओडिशा

18611

16317

20046

18288

27183

23015

13568

11786

24

पांडिचेरी

667

633

746

607

1043

767

443

304

25

पंजाब

8401

6839

9470

7676

14342

11253

7294

4580

26

राजस्थान

26712

23016

29256

24135

37772

29527

15970

12806

27

सिक्किम

332

269

262

243

905

626

313

194

28

तमिलनाडु

22636

18014

25365

21076

32911

26552

18720

13429

29

तेलंगाना

4929

4327

5315

4520

7996

6228

4051

2847

30

त्रिपुरा

2377

1927

3021

2377

3951

2510

1502

1266

31

संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख

508

313

460

334

813

640

311

242

32

उत्तर प्रदेश

48633

41883

49257

43662

66715

53753

31808

22683

33

उत्तराखंड

6047

4793

6920

5243

12341

8926

4222

2542

34

पश्चिम बंगाल

10734

8706

12325

9473

17136

13256

9083

5776

कुल

331898

272977

360318

290392

505450

391786

247989

169010

 

 

पिछले 3 सालों और इस साल के दौरान आरएसईटीआई स्कीम के तहत जारी की गई निधि का ब्यौरा इस तरह है:

क्र.सं.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

2022-23

2023-24

2024-25

2025-26

1

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

0.00

0.00

0.00

0.00

2

आंध्र प्रदेश

1566.05

1566.05

0.00

0.00

3

अरुणाचल प्रदेश

0.00

0.00

53.36

0.00

4

असम

637.36

892.96

1306.41

0.00

5

बिहार

0.00

1500.00

2341.71

2087.61

6

छत्तीसगढ

1450.81

0.00

2000.00

0.00

7

दादरा और नगर हवेली

0.00

0.00

0.00

0.00

8

गुजरात

2176.75

862.73

817.16

0.00

9

हरियाणा

450.72

352.31

500.00

328.75

10

हिमाचल प्रदेश

0.00

0.00

1125.86

0.00

11

जम्मू-कश्मीर

0.00

0.00

360.58

0.00

12

झारखंड

1139.65

0.00

2000.00

0.00

13

कर्नाटक

2017.36

2265.24

1109.76

1854.41

14

केरल

0.00

1214.90

825.90

0.00

15

लक्षद्वीप

0.00

0.00

0.00

0.00

16

मध्य प्रदेश

0.00

1500.00

3500.00

0.00

17

महाराष्ट्र

2647.82

2127.13

2500.34

0.00

18

मणिपुर

0.00

98.75

149.28

0.00

19

मेघालय

171.24

107.57

184.80

0.00

20

मिजोरम

0.00

86.49

38.45

0.00

21

नगालैंड

0.00

63.02

47.83

0.00

22

ओडिशा

1133.50

1250.76

1464.00

2119.86

23

पांडिचेरी

0.00

0.00

189.34

0.00

24

पंजाब

966.27

361.67

746.34

1317.93

25

राजस्थान

1322.91

1218.42

0.00

0.00

26

सिक्किम

0.00

0.00

93.01

0.00

27

तमिलनाडु

1518.84

2735.86

0.00

0.00

28

तेलंगाना

1147.63

0.00

0.00

0.00

29

त्रिपुरा

106.40

101.21

367.60

0.00

30

उत्तर प्रदेश

0.00

0.00

0.00

0.00

31

उत्तराखंड

248.65

0.00

200.00

0.00

32

पश्चिम बंगाल

0.00

1000.00

390.66

0.00

कुल

18701.96

19305.07

22312.39

7708.56

 

ग्रामीण विकास मंत्रालय – दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई-एनआरएलएम) जून 2011 में शुरू की गई थी। यह भारत सरकार की एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब महिला परिवारों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करना और उन्हें दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी आजीविका में विविधता ला सकें, अपनी आय में सुधार कर सकें और बेहतर जीवन जी सकें। डे-एनआरएलएम को वित्त वर्ष 2011-12 से 28 राज्यों और 6 संघ राज्य क्षेत्रों\(दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) में लागू किया जा रहा है।

 

दिनांक 31 अक्टूबर, 2025 तक, यह मिशन 28 राज्यों और 6 संघ राज्य क्षेत्रों के 745 जिलों के 7156 ब्लॉकों में कार्यान्वित किया जा रहा है। कुल मिलाकर, 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है।

 

डीएवाई-एनआरएलएम अपनी उप-योजना, स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) के माध्यम से ग्रामीण व्यापार विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है। यह स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और उनके परिवार के सदस्यों को गैर-कृषि आजीविका क्षेत्र में छोटे उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। एसवीईपी को 31 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में लागू किया गया है। एसवीईपी के तहत 3.95 लाख उद्यमों को सहायता प्रदान की जा चुकी है। पिछले तीन वर्षों में एसवीईपी के तहत सहायता –प्राप्त उद्यमों की राज्यवार संख्या अनुलग्‍नक में दी गई है।

 

एसवीईपी एक मांग-आधारित कार्यक्रम है, जिसे ब्लॉक स्तर पर कार्यान्वित किया जाता है। प्रत्येक ब्लॉक के लिए धनराशि का आवंटन राज्यों द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और उनकी वार्षिक कार्य योजना के अनुसार सहायता –प्राप्त उद्यमों की संख्या पर निर्भर करता है। पिछले तीन वर्षों में एसवीईपी के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई धनराशि 27,983.36 लाख रुपये है।

 

पिछले तीन वर्षों के दौरान सहायता –प्राप्त उद्यमों की संख्या:

 

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

पिछले तीन सालों में सहायता-प्राप्त उद्यमों की संख्या

आंध्र प्रदेश

10,179

अरुणाचल प्रदेश

619

असम

13,831

बिहार

13803

छत्तीसगढ

9190

गोवा

2128

गुजरात

282

हरियाणा

1706

हिमाचल प्रदेश

997

जम्मू-कश्मीर

3155

झारखंड

15,736

कर्नाटक

3610

केरल

14,476

मध्य प्रदेश

10,572

महाराष्ट्र

6429

मणिपुर

1628

मेघालय

1059

मिजोरम

1579

नगालैंड

429

ओडिशा

3831

पंजाब

2192

राजस्थान

3888

सिक्किम

860

तमिलनाडु

1692

तेलंगाना

10,162

त्रिपुरा

1739

उत्तर प्रदेश

14,580

उत्तराखंड

2938

पश्चिम बंगाल

14,786

अंडमान और निकोबार

0

पुदुचेरी

0

कुल

1,68,076

 

2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय

 

(क)   लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी) योजना को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों, जिनमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाएं, दिव्‍यांगजन, पूर्व सैनिक और बीपीएल व्यक्ति शामिल हैं, के युवाओं (पुरुष और महिला) को स्वरोजगार या उद्यमिता को करियर विकल्पों में से एक के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इसका अंतिम उद्देश्य नए उद्यमों को बढ़ावा देना, मौजूदा लघु एवं मध्यम उद्यमों की क्षमता का निर्माण करना और देश में उद्यमशीलता की संस्कृति को विकसित करना है। पिछले तीन वर्षों में महिलाओं के लिए ईएसडीपी योजना की प्रगति इस प्रकार हैं :-

क्र॰सं॰

वित्त वर्ष

महिला लाभार्थियों की संख्या

1.

2022-23

121058

2.

2023-24

201706

3.

2024-25

304254

कुल

627018

(ख)   लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है। यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करती है, जिसके तहत संभावित उद्यमियों को गैर-कृषि क्षेत्र में नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान की जाती है।

 

पीएमईजीपी सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% मार्जिन मनी (एमएम) सब्सिडी प्रदान करता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, उत्तर-पूर्व क्षेत्र, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों से संबंधित विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% है।

 

पीएमईजीपी उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) के तहत भावी उद्यमियों और लाभार्थियों को वित्त, उत्पादन, विपणन, उद्यम प्रबंधन आदि जैसे विभिन्न प्रबंधकीय और परिचालन कार्यों से संबंधित मार्गदर्शन और जागरूकता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।

 

पिछले 3 वर्षों अर्थात वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 तक के लिए सृजित महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों की संख्या जिन्हें सहायता प्रदान की गई, मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई, और अनुमानित रोजगार की संख्‍या।

 

राज्य

2022-23

2023-24

2024-25

सूक्ष्म उद्यमों की संख्या

एमएम सब्सिडी (करोड़ में)

सूक्ष्म उद्यमों की संख्या

एमएम सब्सिडी (करोड़ में)

सूक्ष्म उद्यमों की संख्या

एमएम सब्सिडी (करोड़ में)

अंडमान निकोबार

24

0.48

12

0.22

12

0.24

आंध्र प्रदेश

1,716

77.46

3,457

99.77

1,847

82.40

अरुणाचल प्रदेश

70

3.01

78

8.46

78

4.26

असम

907

19.51

761

19.26

1,081

32.18

बिहार

1,335

40.36

2,303

70.81

1,703

55.11

चंडीगढ़

10

0.34

7

0.16

3

0.21

छत्तीसगढ

703

25.03

662

26.19

540

23.18

दिल्ली

30

2.00

27

1.79

19

1.07

गोवा

36

1.48

38

1.54

19

0.92

गुजरात*

1,821

161.08

1,821

219.20

1,084

138.93

हरियाणा

626

32.15

638

40.22

368

25.84

हिमाचल प्रदेश

352

13.10

344

14.39

257

10.40

जम्मू-कश्मीर

5,035

90.50

7,082

118.95

3,773

84.14

झारखंड

613

17.68

671

17.91

438

12.71

कर्नाटक

1,888

54.59

1,654

56.97

883

28.70

केरल

1,257

28.05

1,396

33.19

891

23.44

लद्दाख

28

1.02

35

1.71

36

1.83

लक्षद्वीप

1

0.01

मध्य प्रदेश

1,813

66.54

1,690

70.46

802

33.19

महाराष्ट्र**

1,523

66.79

1,150

63.11

801

54.87

मणिपुर

244

6.99

153

3.24

291

7.54

मेघालय

121

2.68

103

2.74

515

15.68

मिजोरम

195

6.33

194

8.48

260

8.02

नगालैंड

196

6.83

244

14.47

600

18.06

ओडिशा

1,757

54.22

1,430

46.88

742

24.50

पुदुचेरी

13

0.38

16

0.47

14

0.36

पंजाब

759

43.02

725

58.23

468

41.52

राजस्थान

596

42.18

567

51.74

293

27.88

सिक्किम

22

0.41

68

2.36

133

4.58

तमिलनाडु

2,856

75.49

3,285

81.67

1,786

49.67

तेलंगाना

953

39.78

967

46.18

764

36.04

त्रिपुरा

165

3.73

152

3.37

216

5.33

 उत्तर प्रदेश

3,549

142.10

3,733

173.54

1,851

84.57

उत्तराखंड

484

14.48

377

14.75

213

7.10

पश्चिम बंगाल

928

35.90

966

41.65

653

27.95

कुल

32,626

1,175.72

36,806

1,414.07

23,434

972.42

*दमन और दीव सहित**दादरा नगर और हवेली सहित

 

पिछले 3 वर्षों अर्थात वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 तक के दौरान पीएमईजीपी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सहायता प्राप्त महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों और वितरित मार्जिन मनी सब्सिडी की संख्या:

2022-23

2023-24

2024-25

राज्य

सूक्ष्म उद्यमों की संख्या

एमएम सब्सिडी

(करोड़ में)

सूक्ष्म उद्यमों की संख्या

एमएम सब्सिडी

(करोड़ में)

सूक्ष्म उद्यमों की संख्या

एमएम सब्सिडी (करोड़ में)

अंडमान निकोबार

8

0.15

7

0.14

4

0.04

आंध्र प्रदेश

1,394

66.37

2,960

84.24

1,601

72.66

अरुणाचल प्रदेश

65

2.88

75

8.26

59

3.42

असम

743

16.59

602

15.59

864

27.10

बिहार

1,019

33.91

1,712

57.72

1,315

46.28

चंडीगढ़

छत्तीसगढ

544

21.29

478

20.91

407

19.38

दिल्ली

गोवा

34

1.42

34

1.42

16

0.79

गुजरात*

1,365

128.44

1,269

167.33

796

111.91

हरियाणा

456

25.71

423

29.40

264

20.58

हिमाचल प्रदेश

328

12.28

319

13.74

217

9.35

जम्मू-कश्मीर

4,546

83.83

5,641

98.36

3,075

72.77

झारखंड

417

13.14

402

12.45

300

10.19

कर्नाटक

1,265

39.58

1,043

39.43

608

21.35

केरल

1,043

24.04

1,131

27.28

727

19.78

लद्दाख

23

0.88

31

1.59

28

1.55

लक्षद्वीप

1

0.01

मध्य प्रदेश

1,106

47.05

989

48.30

468

22.80

महाराष्ट्र**

1,151

56.20

846

53.01

641

48.12

मणिपुर

204

6.21

128

2.82

248

6.63

मेघालय

116

2.59

88

2.36

445

14.30

मिजोरम

144

4.31

131

4.75

213

6.03

नगालैंड

173

6.41

189

13.46

473

16.30

ओडिशा

1,283

44.00

1,017

37.47

567

20.80

पुदुचेरी

6

0.23

8

0.30

4

0.15

पंजाब

522

35.60

493

46.51

329

32.15

राजस्थान

446

35.08

390

40.55

215

21.89

सिक्किम

22

0.41

45

1.69

105

3.76

तमिलनाडु

2,327

66.52

2,618

68.71

1,418

43.37

तेलंगाना

739

34.29

713

38.55

587

29.98

त्रिपुरा

130

3.17

116

2.80

165

4.40

 उत्तर प्रदेश

2,946

126.01

2,863

145.52

1,578

75.39

उत्तराखंड

334

10.95

256

11.12

146

5.41

पश्चिम बंगाल

845

34.19

864

38.90

588

25.98

कुल

25,745

983.71

27,881

1,134.69

18,471

814.59

* दमन और दीव सहित ** दादरा नगर और हवेली सहित

 

3. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग: नवाचारों के विकास और उपयोग के लिए राष्ट्रीय पहल (एनआईडीएचआई) के तहत, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, निधि प्रयास और निधि सीड सपोर्ट प्रोग्राम के माध्यम से उत्पाद विकास के प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करता है।

 

निधि प्रयास (युवा और महत्वाकांक्षी नवोन्मेषकों और स्टार्टअप उद्यमों को बढ़ावा देना और गति प्रदान करना) के तहत, 2016 से अब तक 501 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप/महिला नवोन्मेषकों को उनके विचारों को प्रोटोटाइप में बदलने के लिए प्रारंभिक चरण के अनुदान के साथ सहायता प्रदान की गई है।

 

निधि सीड सपोर्ट प्रोग्राम के तहत, डीएसटी ने 167 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप को प्रारंभिक चरण के निवेश के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है ताकि वे अपने प्रोटोटाइप को उत्पादों में परिवर्तित करके उनका विस्तार और व्यावसायीकरण कर सकें।

 

4. आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) दिनण्क 30 सितंबर, 2024 तक दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई–एनयूएलएम) का कार्यान्वयन कर रहा था, जिसका उद्देश्य शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और अरक्षिता को कम करना था। इसके तहत उन्हें लाभकारी स्वरोजगार और कुशल वेतनभोगी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका में स्थायी रूप से सुधार करना था, साथ ही महिलाओं सहित शहरी गरीबों के लिए मजबूत जमीनी स्तर के संस्थानों का निर्माण करना था। यह मिशन दिनांक 30.09.2024 को समाप्त हो गया। डीएवाई–एनयूएलएम के तहत आवंटित और जारी की गई केंद्रीय निधियाँ निम्नानुसार हैं:

वर्ष

आवंटित निधि

उपयोग की गई निधि

2022-2023

550.00

548.99

2023-2024

523.00

501.38

2024-2025 (30 सितंबर, 2024 तक)

30.00

29.03

पिछले तीन वर्षों में राज्यवार, डीएवाई-एनयूएलएम के ईएसटी एंड पी घटक के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार पाने वाली महिलाओं की संख्या इस प्रकार है:

 

पिछले 3 वर्षों (अर्थात 01/04/2024 तक) में डीएवाई-एनयूएलएम के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त करने वाली महिला लाभार्थियों का ब्‍यौरा

क्र.सं॰​

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र  का नाम

कौशल प्रशिक्षित

नियोजित

1

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

121

0

2

आंध्र प्रदेश

1607

572

3

अरुणाचल प्रदेश

985

555

4

असम

12893

7735

5

बिहार

4011

1273

6

चंडीगढ़

1804

1213

7

छत्तीसगढ

0

80

8

गोवा

811

1555

9

गुजरात

21332

5480

10

हरियाणा

9602

3381

11

हिमाचल प्रदेश

1066

754

12

जम्मू-कश्मीर

329

93

13

झारखंड

13863

6831

14

कर्नाटक

6164

351

15

केरल

2058

1306

16

मध्य प्रदेश

54299

29731

17

महाराष्ट्र

12174

10703

18

मणिपुर

8817

8209

19

मेघालय

693

403

20

मिजोरम

1707

1228

21

नगालैंड

380

92

22

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

836

259

23

ओडिशा

0

0

24

पुदुचेरी

2293

182

25

पंजाब

28091

19067

26

राजस्थान

21028

5679

27

सिक्किम

0

0

28

तमिलनाडु

31933

28857

29

तेलंगाना

117

0

30

त्रिपुरा

10

0

31

उत्तर प्रदेश

26345

9863

32

उत्तराखंड

1427

345

33

पश्चिम बंगाल

4835

2225

कुल

2,71,631

1,48,022

5. जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए): जनजातीय कार्य मंत्रालय, जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (टीआरआईएफ़ईडी) के माध्यम से प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) योजना को कार्यान्वित करता है। इसका उद्देश्य देश भर में जनजातीय महिलाओं सहित आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। ये केंद्र मुख्य रूप से जनजातीय स्वयं सहायता समूहों के समूह होते हैं, जिनका गठन लघु वन उत्पादों (एमएफपी) और गैर-एमएफपी उत्पादों के मूल्यवर्धन और विपणन के माध्यम से व्यापक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक वीडीवीके में लगभग 15 वन धन स्वयं सहायता समूह होते हैं और इसमें अधिकतम 300 सदस्य होते हैं, जिनमें से अधिकांश जनजातीय महिलाएं होती हैं। कुल 4105 वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) को 12,27,231 सदस्यों के साथ 609.23 करोड़ रुपये की कुल राशि से स्वीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) पहल के तहत, कुल 539 वीडीवीके को 45,924 सदस्यों को जोड़ने के लिए कुल 2298.05 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

 

इसके अलावा, जनजातीय कार्य के मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) पात्र अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को आय सृजन, स्वरोजगार और आजीविका गतिविधियों के लिए रियायती ऋण प्रदान करता है। यह ऋण सहायता सावधि ऋण योजना, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना (एएमएसवाई), स्वयं सहायता समूहों के लिए सूक्ष्म ऋण योजना (एमसीएफ) और आदिवासी शिक्षा ऋण योजना (एएसआरवाई) जैसी योजनाओं के तहत दी जाती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान एनएसटीएफडीसी योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, का ब्‍यौरा नीचे दिया गया है:

 

वित्त वर्ष

लाभार्थियों की कुल संख्या

महिला लाभार्थी

2022-23

72,992

54,461

2023-24

95,142

65,377

2024-25

88,758

58,679

 

6. वित्त मंत्रालय (एमओएफ़): वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफ़एस) ने सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआईएस अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबीएस), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सीएस) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफ़आईएस) द्वारा 20 लाख रुपये तक का बिना गारंटी वाला ऋण प्रदान करने के लिए दिनांक 8 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) शुरू की। कोई भी व्यक्ति, जो अन्यथा ऋण लेने के लिए पात्र है और जिसके पास लघु व्यवसाय उद्यम के लिए एक व्यवसाय योजना है, वह इस योजना के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्रों सहित कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए चार ऋण श्रेणियों में ऋण प्राप्त कर सकता है, जैसे कि शिशु (50,000 रुपये तक के ऋण), किशोर (50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक के ऋण), तरुण (5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण) और तरुण प्लस (10 लाख रुपये से अधिक और 20 लाख रुपये तक के ऋण उन उद्यमियों के लिए जिन्होंने 24.10.2024 से ‘तरुण’ श्रेणी के तहत पिछले ऋण लिए हैं और सफलतापूर्वक चुकाए हैं।

स्टैंड-अप इंडिया योजना दिनांक 5 अप्रैल 2016 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के ऋण की सुविधा प्रदान करना था, जिसमें प्रत्येक बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र में नए उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया गया था, जिसमें कृषि से संबंधित गतिविधियां भी शामिल थीं। यह योजना मार्च 2025 तक वैध/संचालित थी। अक्टूबर 2025 तक, पीएमएमवाई के तहत कुल 55.38 करोड़ ऋण खाते, जिनकी कुल राशि 36.18 लाख करोड़ रुपये है, को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 37.06 करोड़ ऋण खाते, जिनकी कुल राशि 15.89 लाख करोड़ रुपये है, महिला उद्यमियों को दिए गए हैं। इसके अलावा, स्टैंड अप इंडिया योजना ने देशभर में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को 2.75 लाख से अधिक ऋण उपलब्ध कराए हैं, जिनमें 31.03.2025 तक महिला उद्यमियों को कुल 1,92,217 ऋण शामिल हैं, जिनकी राशि 43,884.41 करोड़ रुपये है।

 

पिछले तीन वर्षों के दौरान पीएमएमवाई और स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत लाभान्वित महिला उद्यमियों का राज्यवार ब्‍यौरा इस प्रकार है:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वार/वर्ष-वार – महिला उद्यमी

(राशि करोड़ रुपये में)

वित्त वर्ष 2022-23

वित्त वर्ष 2023-24

वित्त वर्ष 2024-25

वित्त वर्ष 2025-26 *

क्र॰सं.​

राज्य / संघ राज्य क्षेत्र का नाम

ऋण खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

ऋण खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

ऋण खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

ऋण खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

1

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

562

13.35

571

13.29

521

15.87

240

9.41

2

आंध्र प्रदेश

6,89,779

4,495.76

7,50,822

6,369.27

6,74,262

6,042.98

3,34,432

3,669.86

3

अरुणाचल प्रदेश

7,712

48.04

11,026

87.65

15,453

135.90

9,632

102.92

4

असम

3,51,662

2,287.37

2,03,922

1,120.78

2,46,703

1,760.86

1,96,300

1,133.92

5

बिहार

65,32,391

31,210.94

64,94,879

33,029.29

51,39,409

30,668.51

19,41,996

12,595.43

6

चंडीगढ़

2,792

29.99

3,479

31.94

4,764

37.36

545

15.46

7

छत्तीसगढ़​

8,11,878

3,803.05

6,80,785

3,642.90

6,56,331

3,781.31

2,56,727

1,603.18

8

दादरा और नगर हवेली

2,902

20.26

282

4.67

307

7.64

129

5.42

दमन और दीव

214

3.28

210

2.45

322

7.72

130

3.17

9

दिल्ली

1,91,195

798.43

1,04,885

510.86

42,713

393.36

28,436

286.42

10

गोवा

24,131

207.04

18,886

184.92

11,461

130.56

4,673

67.19

11

गुजरात

11,41,667

5,914.31

10,53,086

5,667.44

7,43,200

4,706.13

3,71,485

2,834.15

12

हरियाणा

6,95,327

3,639.87

5,17,474

3,141.74

3,27,256

2,367.80

1,90,362

1,576.17

13

हिमाचल प्रदेश

41,759

378.24

36,693

382.47

26,310

372.73

13,212

190.06

14

झारखंड

16,21,485

6,578.33

15,39,551

6,860.85

11,60,664

6,487.41

4,81,758

3,206.86

15

कर्नाटक

38,86,919

18,026.60

46,00,828

23,503.62

34,39,457

22,314.12

10,15,232

7,702.80

16

केरल

11,23,464

6,660.29

13,17,404

7,931.22

13,96,499

8,615.39

4,93,227

3,528.27

17

लक्षद्वीप

456

3.35

481

5.34

476

6.18

255

3.89

18

मध्य प्रदेश

26,64,770

12,330.61

22,76,897

10,919.95

21,75,265

12,369.53

9,48,587

6,242.01

19

महाराष्ट्र

43,49,579

18,755.03

40,96,893

19,769.97

33,69,875

22,088.97

11,69,671

9,835.46

20

मणिपुर

27,882

204.25

5,274

64.46

4,743

100.10

3,540

83.67

21

मेघालय

12,721

106.25

11,893

106.34

9,794

111.17

5,257

65.95

22

मिजोरम

16,256

172.24

21,386

563.57

13,109

199.22

6,347

96.05

23

नगालैंड

7,915

98.06

7,559

105.52

12,335

141.76

6,372

91.36

24

ओडिशा

31,94,666

13,446.03

29,84,794

13,937.67

21,42,017

12,044.08

7,64,309

5,389.86

25

पांडिचेरी

57,541

326.60

87,011

556.11

51,449

377.93

20,496

215.86

26

पंजाब

7,33,555

3,762.76

4,75,957

2,885.51

2,72,225

2,211.80

1,72,646

1,456.27

27

राजस्थान

18,96,203

8,971.42

15,01,159

7,822.96

11,35,044

7,562.96

5,77,712

4,082.91

28

सिक्किम

7,634

91.78

7,363

74.55

6,084

72.03

3,183

37.53

29

तमिलनाडु

47,06,514

25,477.64

54,60,898

34,297.74

33,27,929

25,394.08

11,31,519

10,715.06

30

तेलंगाना

3,83,898

2,673.09

4,00,264

2,974.34

4,64,266

3,716.77

1,94,095

1,519.23

31

त्रिपुरा

2,50,570

1,516.92

1,13,784

531.64

1,11,334

574.27

48,909

280.38

32

उत्तर  प्रदेश

43,54,563

19,768.15

45,15,469

21,475.75

30,88,006

16,992.72

14,57,061

9,644.79

33

उत्तराखंड

2,82,274

1,479.08

2,49,202

1,359.08

1,56,442

1,033.12

65,370

536.67

34

पश्चिम बंगाल

41,02,497

22,147.91

28,46,929

14,157.85

23,64,232

13,454.01

10,26,656

6,502.69

35

संघ राज्य क्षेत्र  जम्मू-े कश्मीर

78,600

1,446.45

91,351

1,734.40

99,508

1,869.63

46,318

912.49

36

संघ राज्य क्षेत्र  लद्दाख

2,880

61.40

2,934

58.96

3,364

68.04

1,385

30.41

कुल

4,42,56,813

2,16,954.17

4,24,92,281

2,25,887.07

3,26,93,129

2,08,234.02

1,29,88,204

96,273.23

 

पिछले तीन वर्षों (01.04.2022 से 31.03.2025 तक) के दौरान स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत महिला उद्यमियों को दिए गए ऋणों का राज्यवार/वित्त वर्षवार ब्‍यौरा।

(राशि करोड़ रुपये में)

क्रमांक.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

वित्त वर्ष 2022-23

वित्त वर्ष 2023-24

वित्त वर्ष 2024-25

खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

खातों की संख्या

स्वीकृत राशि

1

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

53

12.68

41

7.92

34

5.78

2

आंध्र प्रदेश

1966

459.2

2120

396.43

1480

347.43

3

अरुणाचल प्रदेश

40

9.35

47

8.03

128

24.1

4

असम

337

79.94

335

76.54

433

116.41

5

बिहार

1360

263.23

1070

181.04

1588

382.36

6

चंडीगढ़

63

14.67

48

12.29

53

16.05

7

छत्तीसगढ

522

140.73

525

143.3

486

150.31

8

दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली

13

2.16

6

2.53

20

5.14

9

दिल्ली

409

108.62

561

151.52

702

185.99

10

गोवा

117

25.2

111

27.74

102

24.58

11

गुजरात

2308

592.51

2226

729.16

2379

770.43

12

हरियाणा

1125

212.07

965

216.88

1182

327.34

13

हिमाचल प्रदेश

454

135.15

329

91.99

380

100.69

14

जम्मू-कश्मीर

158

38.8

144

36.47

169

36.9

15

झारखंड

478

95.71

556

106.18

588

138.17

16

कर्नाटक

3407

696.86

1577

344.83

1705

380.28

17

केरल

2116

388.14

2462

443.03

1677

342.23

18

लद्दाख

16

2.81

20

4.31

17

2.9

19

लक्षद्वीप

0

0

0

0

0

0

20

मध्य प्रदेश

1512

438.01

1890

464.21

1684

441.99

21

महाराष्ट्र

4066

992.31

3093

737.53

3793

879.07

22

मणिपुर

66

14

17

5.01

59

13.73

23

मेघालय

38

10.59

71

14.33

48

10.93

24

मिजोरम

38

8.32

23

5.3

49

9.01

25

नगालैंड

62

12.14

44

11.6

43

10.26

26

ओडिशा

1038

284.17

707

222.95

1345

339.04

27

पुदुचेरी

55

16.85

62

13.33

98

20.17

28

पंजाब

1281

237.69

1207

295.09

1117

311.45

29

राजस्थान

1962

425.58

1719

384.17

2529

617.1

30

सिक्किम

42

7.44

35

6.23

41

5.7

31

तमिलनाडु

2984

644.3

2587

540.56

4160

822.59

32

तेलंगाना

925

241.92

1751

318.37

1934

415.91

33

त्रिपुरा

67

13.12

84

14.28

112

25.82

34

 उत्तर प्रदेश

2540

533.13

3486

762.04

3549

803.23

35

उत्तराखंड

235

53.74

313

70.38

608

212.31

36

पश्चिम बंगाल

1413

266.79

1217

196.32

1734

357.77

कुल

33266

7477.92

31449

7041.88

36026

8653.17

 

7. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग – स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत, सरकार विभिन्न श्रेणियों और क्षेत्रों में स्टार्टअप उद्यमों को उनके व्यावसायिक चक्र के विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान करने के लिए तीन प्रमुख योजनाओं, अर्थात् स्टार्टअप्स के लिए निधि कोष (एफ़एफ़एस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (एसआईएसएफ़एस) और स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसएस) को लागू कर रही है। महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को  सहायता देने और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख उपायi इस प्रकार हैं  

 

i. महिला -नेतृत्व वाले आवेदकों को स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफ़एफ़एस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) की प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत प्रोत्साहित किया जाता है।

ii. क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसे महिला क्षमता विकास कार्यक्रम (विंग), वर्चुअल इनक्यूबेशन प्रोग्राम, टेक्नोलॉजी में महिलाओं के लिए स्टार्टअप लर्निंग प्रोग्राम, महिला उद्यमियों को गति देने वाला कार्यक्रम महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप और महिला उद्यमियों को उनके स्टार्टअप कार्य में सहायता देते हैं।

iii. आउटरीच और जागरूकता उपायों में स्टार्टअप इंडिया हब पोर्टल पर एक समर्पित वेबपेज शामिल है जिसमें सरकारी उपायों का ब्‍यौरा दिया गया है, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए एक्सेलरेटिंग स्टार्टअप कैलिबर एंड एंटरप्रेन्योरियल ड्राइव (एएससीईएनडी) स्टार्टअप वर्कशॉप सीरीज़, सुपरस्ट्री पॉडकास्ट, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ महिलाओं के लिए स्टार्टअप वर्कशॉप और देश भर में महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप और उद्यमियों तक पहुंचने के लिए विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सूचना का प्रसार किया गया है।

iv. महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप और उद्यमियों को उनकी प्रगति और उपलब्धियों के लिए भी पहचाना जाता है, जैसे कि भारत के माननीय राष्ट्रपति के साथ महिला उद्यमियों की बातचीत, राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए  सहायता को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग प्रक्रिया में खास प्रावधान और राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष श्रेणी।

v. उपर्युक्त उपायों के अलावा, अन्य मंत्रालयों और विभागों ने भी महिला उद्यमिता का समर्थन करने के लिए कार्यक्रम और पहलों को लागू किया है, जैसे महिला स्वयं सहायता समूहों (डब्ल्यूएसएचजी) के लिए डिजिटल मार्केटिंग और उद्यमिता विकास, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना (एएमएसवाई), महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (डब्ल्यूईडीपी), महिलाओं के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसटीडब्ल्यू) कार्यक्रम, स्वावलंबिनी -महिला उद्यमिता कार्यक्रम, महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी), कौशल उन्नयन और महिला कॉयर योजना, आदि।

 

कौशल विकास और  उद्यमशीलता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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