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भूमि संसाधन विभाग की ओर से राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) आधुनिकीकरण पर राष्ट्रीय ‘चिंतन शिविर’ आयोजित किया जाएगा

भूमि संसाधन विभाग की ओर से राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) आधुनिकीकरण पर राष्ट्रीय ‘चिंतन शिविर’ आयोजित किया जाएगा

भारत सरकार का भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) 31 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2025 तक यशदा, पुणे में दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविरआयोजित कर रहा है। यह कार्यशाला राजस्व न्यायालय प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण और राजस्व शब्दावली पर एक सहयोगात्मक चर्चा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साथ लाएगी।

भूमि का आदान-प्रदान दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, राजस्व न्यायालयों को बढ़ते मुकदमों, प्रक्रिया संबंधी देरी और जटिल प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसका नागरिकों की आजीविका, संपत्ति अधिकार और निवेश पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह स्थिति पुरानी भूमि अभिलेख प्रणालियों और प्रक्रियाओं से और भी जटिल हो जाती है, जो मुख्यतः ब्रिटिश काल से विरासत में मिली हैं।

इस पृष्ठभूमि में, यह राष्ट्रीय कार्यशाला चार प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगी :

कार्यशाला भूमि संसाधन विभाग द्वारा पहले से ही चल रही प्रमुख पहलों पर आधारित होगी, जैसे राजस्व न्यायालय प्रक्रियाओं का सरलीकरण, अधिकारों के अभिलेख प्रारूप का मानकीकरण, ‘राजस्व शब्दावली की एकीकृत शब्दावलीका निर्माण, जो सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में भूमि अभिलेखों को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

चिंतन शिविर भारत सरकार की इन पहलों पर संवाद को सुगम बनाने के लिए एक उच्च-स्तरीय मंच के रूप में कार्य करेगा। अपेक्षित परिणामों में राजस्व शब्दावली की एक सुसंगत शब्दावली, पंजीकरण प्रणालियों और राजस्व न्यायालयों के साथ भूमि अभिलेखों को एकीकृत करने के लिए एक समेकित रोडमैप और इन डिजिटल सुधारों का समर्थन करने के लिए आवश्यक विधायी संशोधनों की पहचान शामिल है। यह कार्यशाला प्रौद्योगिकी, नीति और शासन सुधार के सम्मिलन का प्रतिनिधित्व करती है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में राजस्व न्यायालयों में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।

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