Current Affairs

भूजल के स्तर में गिरावट, अत्यधिक दोहन और उसकी गुणवत्ता की निगरानी

भूजल के स्तर में गिरावट, अत्यधिक दोहन और उसकी गुणवत्ता की निगरानी

केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से देश के  डाइनैमिक भूजल संसाधनों का वार्षिक रूप से आकलन किया जा रहा है। वर्ष 2025 के आकलन के अनुसार देश में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 448.52 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है और वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल संसाधन का आकलन 407.75 के रूप में किया गया है।  इसके अतिरिक्त वर्ष 2025 के लिए पूरे देश का कुल वार्षिक भूजल निष्कर्षण 247.22 बीसीएम आंका गया है। इसके आधार पर पूरे देश के लिए अनुमानित भूजल निष्कर्षण का चरण (एसओई) 60.63% है, जो वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल संसाधन की तुलना में सभी उपयोगों (सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू उपयोगों) के लिए वार्षिक भूजल निष्कर्षण का एक सूचक है

भूजल निष्कर्षण के चरण के संदर्भ में इकाइयों के वर्गीकरण के संदर्भ में देश में कुल 6762 आकलन इकाइयों (ब्लॉकों/तालुकों/मंडलों) में से 730 (10.80%) इकाइयों को अतिदोहितके रूप में वर्गीकृत किया गया है जो वार्षिक पुनर्भरणीय भूजल से अधिक भूजल निकासी को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, 201 इकाइयों (2.97 प्रतिशत) कोगंभीर‘, 758 इकाइयों (11.21 प्रतिशत) को ‘अर्ध-गंभीर’ और 4946 इकाइयों (73.14 प्रतिशत) कोसुरक्षितश्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, 127 आकलन इकाइयों (1.88%) को ‘लवणीय’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) भूजल गुणवत्ता मॉनिटरिंग कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अनुमोदित मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार किए गए विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों के माध्यम से क्षेत्रीय स्तर पर देश के भूजल गुणवत्ता आंकडे़ तैयार करता है।  भूजल गुणवत्ता के आंकड़ों से यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि सामान्यतः  देश में भूजल पीने योग्य है और छिटपुट इलाकों में संदूषकों की स्थानीय उपस्थिती विद्यमान है।

वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट – 2025 के अनुसार आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट और भारी धातुओं जैसे प्रमुख संदूषकों का राज्यवार वितरण नीचे दिए गए वेब लिंक पर उपलब्ध है :

https://cgwb.gov.in/cgwbpnm/public/uploads/documents/1764833633531847433file.pdf

 

केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा जलभृतों के मानचित्रण और विशिष्टीकरण तथा भूजल प्रबंधन के लिए योजनाएं तैयार करने के उद्देश्य से  देश भर में नैक्यूम अध्ययन शुरू किए गए हैं। नैक्यूम कोभूजल प्रबंधन और विनियमनयोजना के एक भाग के रूप में शुरू किया गया था और देश के लगभग 25 लाख वर्ग किलोमीटर के समस्त मानचित्रण योग्य क्षेत्र की मानचित्रण कर ली गयी है। नैक्यूम के अंतर्गत शामिल क्षेत्र का राज्यवार ब्यौरा अनुलग्नक में संलग्न है।

इसके अतिरिक्त देश भर के सभी 14 प्रमुख जलभृतों और 42 वृहद जलभृतों और देश के 654 जिलों के लिए जिलावार जलभृत मानचित्र और प्रबंधन योजनाओं को  शामिल करते हुए देश भर में समस्त लक्षित क्षेत्र के लिए भूजल प्रबंधन अध्ययन/योजनाएं तैयार की गई हैं, जिनमें भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए आपूर्ति पक्ष और मांग पक्ष उपायों को शामिल किया गया है। इन्हे उपयुक्त क्षेत्र संबंधी उपायों के लिए संबंधित राज्य/जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है।

इसके अतिरिक्त नैक्यूम 1.0 की सफलता के पश्चात केंद्रीय भूमिजल बोर्ड द्वारा अब जल की कमी और गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नैक्यूम 2.0 की शुरुआत की है। नैक्यूम 2.0 के तहत विस्तृत, वैज्ञानिक डेटा प्राप्त करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है जो बेहतर भूजल प्रबंधन के लिए लक्षित निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करते हैं। नैक्यूम 2.0 के तहत अब तक लगभग 68 अध्ययन/रिपोर्ट पूरी कर ली गयी हैं।

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वर्तमान में भूजल निष्कर्षण दिशानिर्देशों पर हितधारक परामर्श किए जा रहे हैं।

यह सूचना जल शक्ति राज्यमंत्री श्री राज भूषण चौधरी द्वारा राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।

***

एनडी

अनुलग्नक

नैक्यूम के तहत शामिल क्षेत्र का राज्यवार विवरण

क्रम संख्या

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

कुल क्षेत्र (वर्ग कि.मी.)

शामिल करने हेतु लक्षित क्षेत्र (वर्ग कि.मी.)

मार्च 2023 तक शामिल क्षेत्र (वर्ग कि.मी.)

1

अंडमान और निकोबार संघ राज्य क्षेत्र

8,249

1,774

1,774

2

आंध्र प्रदेश

1,63,900

1,41,784

1,41,784

3

अरुणाचल प्रदेश

83,743

4,703

4,703

4

असम

78,438

61,826

61,826

5

बिहार

94,163

90,567

90,567

6

चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र

115

115

115

7

छत्तीसगढ़

1,36,034

96,000

96,000

8

दादरा और नगर हवेली,

602

602

602

9

दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र

1,483

1,483

1,483

10

गोवा

3,702

3,702

3,702

11

गुजरात

1,96,024

1,60,978

1,60,978

12

हरियाणा

44,212

44,179

44,179

13

हिमाचल प्रदेश

55,673

8,020

8,020

14

जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र

1,67,396

9,506

9,506

15

झारखंड

79,714

76,705

76,705

16

कर्नाटक

1,91,808

1,91,719

1,91,719

17

केरल

38,863

28,088

28,088

18

लक्षद्वीप संघ राज्य क्षेत्र

32

32

32

19

लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र

54,840

963

963

20

मध्य प्रदेश

3,08,000

2,69,349

2,69,349

21

महाराष्ट्र

3,07,713

2,59,914

2,59,914

22

मणिपुर

22,327

2,559

2,559

23

मेघालय

22,429

10,645

10,645

24

मिजोरम

21,081

700

700

25

नागालैंड

16,579

910

910

26

ओडिशा

1,55,707

1,19,636

1,19,636

27

पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र

479

454

454

28

पंजाब

50,368

50,368

50,368

29

राजस्थान

3,42,239

3,34,152

3,34,152

30

सिक्किम

7,096

1,496

1,496

31

तमिलनाडु

1,30,058

1,05,829

1,05,829

32

तेलंगाना

1,11,940

1,04,824

1,04,824

33

त्रिपुरा

10,492

6,757

6,757

34

उत्तर प्रदेश

2,46,387

2,40,649

2,40,649

35

उत्तराखंड

53,484

11,430

11,430

36

पश्चिम बंगाल

88,752

71,947

71,947

कुल

32,94,105

25,14,437

25,14,437

आगंतुक पटल : 192