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भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 के अंतर्गत उपभोक्ता समस्याओं के लिए अभिनव समाधान आमंत्रित किये

भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 के अंतर्गत उपभोक्ता समस्याओं के लिए अभिनव समाधान आमंत्रित किये

भारत सरकार का उपभोक्ता कार्य विभाग, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2025 के आयोजन के लिए शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि उपभोक्ता संबंधी छह समस्याओं के अभिनव समाधान खोजने में छात्रों को शामिल किया जा सके। समस्या व्यक्तव शिक्षा  मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए एसआईएच 2025 की वेबसाइट https://sih.gov.in/ पर उपलब्ध हैं। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को रचनात्मक समाधान विकसित करने और प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करना तथा नवाचार और व्यावहारिक समस्यासमाधान को बढ़ावा देना है।

एक समस्या प्याज के उपयोग की अवधि को बढ़ाने के लिए उन्नत प्याज भंडारण तकनीककी समय सीमा 7 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो गई। शेष पाँच समस्याएँ 15 अक्टूबर 2025 तक प्रस्तुत करने के लिए खुली हैं। समस्या वक्तव्यों के साथ समस्याओं के  व्याख्यात्मक वीडियो लिंक भी उपलब्ध हैं। चूँकि यह हैकाथॉन न केवल छात्रों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उद्योग विशेषज्ञों, सरकारी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग को भी प्रोत्साहित करता है, इसलिए इस कार्यक्रम में अधिकतम भागीदारी की उम्मीद है।

छह समस्या वक्तव्यों का विवरण इस प्रकार है:

1. विस्तारित उपयोग अवधि के लिए उन्नत प्याज भंडारण तकनीक

चूँकि 65% प्याज रबी मौसम में तैयार होती है, इसलिए उन्हें खरीफ की फसल तक चलना चाहिए। हालाँकि, सड़ने, अंकुरित होने और वजन कम होने के कारण 30-50% तक का नुकसान हो जाता है। अधिकांश भारतीय किसान प्राकृतिक रूप से हवादार प्याज भंडारों का उपयोग करते हैं, जो गर्मी और आर्द्रता मौजूद होती है, जिससे उपज का बहुत नुकसान होता है। तापमान और आर्द्रता नियंत्रण से जुड़ी किफायती तकनीकें खराब होने को कम कर सकती हैं और कीमतों को स्थिर कर सकती हैं। सौर या प्लाज्मा प्रणालियों, नैनोटेक, आईओटी और एआई/एमएल का उपयोग करके स्मार्ट भंडारण से बर्बादी को कम किया जा सकता है और कीमतों की स्थिरता तथा किसानों को बेहतर लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है।

अपेक्षित समाधान: न्यूनतम भंडारण हानि के साथ लंबी उपयोग अवधि।

2. लघु परिपथ वियोजकों (एमसीबी) के लिए स्वचालित उच्चधारा लघुपरिपथ परीक्षण प्रणाली

विद्युत सुरक्षा के लिए विश्वसनीय एमसीबी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कड़े लघुपरिपथ वियोजक क्षमता परीक्षण, दोष स्थितियों में एमसीबी के प्रदर्शन को सुनिश्चित करते हैं। मैन्युअल या अर्धस्वचालित परीक्षण से गलत आरएक्सएल परिपथ, लंबे परीक्षण चक्र और उच्च दोष धाराओं (10,000ए तक) पर सुरक्षा जोखिम उत्पन्न होते हैं, जिससे सटीकता, पुनरावृत्ति और संचालक सुरक्षा प्रभावित होती है।

प्रस्तावित स्वचालित प्रणाली एमसीबी का परीक्षण करती है, जिसमें सटीक पावर फैक्टर नियंत्रण के लिए एक स्वचालित आरएक्सएल परिपथ मॉड्यूल, एक ट्रांसफार्मरआधारित 10,000ए स्रोत और एक सार्वभौमिक, सुरक्षासुसज्जित परीक्षण स्टेशन को एकीकृत किया जाता है। पीएलसी/औद्योगिक पीसी नियंत्रण, एक सहज एचएमआई के माध्यम से स्वचालित तरंगरूप कैप्चर, डेटा विश्लेषण और रिपोर्ट निर्माण को सक्षम बनाता है।

अपेक्षित समाधान: कम मानवीय हस्तक्षेप और छोटे परीक्षण चक्रों के साथ उच्चसटीकता, दोहराव योग्य और सुरक्षित स्वचालित परीक्षण, जिससे विश्वसनीय एमसीबी प्रमाणन और बेहतर विद्युत सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

3. केबल परीक्षण के लिए स्वचालित नमूना तैयारी प्रणाली

आईएस मानकों के अनुसार सटीक परीक्षण के लिए, जिसमें कंडक्टर प्रतिरोध, रोधन (इन्सुलेशन)/आवरण (शीथ) मोटाई और लौ परीक्षण शामिल हैं, सुसंगत केबल नमूना तैयारी आवश्यक है। मैन्युअल नमूना तैयारी काटना, आकार देना और छीलना समय लेने वाली, असंगत और त्रुटियों से ग्रस्त होती है, जिससे परीक्षण की विश्वसनीयता प्रभावित होती है। प्रस्तावित स्वचालित प्रणाली, सटीक नमूना काटने और छीलने के लिए मोटर चालित फीडिंग, सटीक प्रोग्रामेबल ब्लेड और स्वचालित व्यास संवेदन का उपयोग करती है। एक पीएलसी/एचएमआईआधारित नियंत्रण; संचालन, परीक्षण चयन और सुरक्षा इंटरलॉक का प्रबंधन करता है, जिससे कुशल और सुसंगत तैयारी सुनिश्चित होती है।

अपेक्षित समाधान: कम समय, लागत और मानवीय त्रुटि के साथ एक समान, उच्चगुणवत्ता वाले नमूने प्रदान करता है, जिससे केबल परीक्षण में सटीकता, दक्षता और सुरक्षा में सुधार होता है।

4. गैरविनाशकारी परीक्षण के माध्यम से स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों के परीक्षण के लिए अग्नि परख विधि के बदले नई/वैकल्पिक परख विधियों की खोज करना।

स्वर्ण आभूषणों की हॉलमार्किंग; कीमती धातु की मात्रा का सटीक निर्धारण और आधिकारिक रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करती है। यह भारत में 23 जून 2021 से अनिवार्य है और 373 जिलों को कवर करता है। भारत के आभूषण विविध हैंढाला हुआ, हस्तनिर्मित, खोखला, मढ़वाया या जड़ा हुआजिससे कई वस्तुएँ बहुरूपीय हो जाती हैं। अग्नि परख, नमूने को पिघलाकर एकरूपता सुनिश्चित करती है, लेकिन इसकी विनाशकारी प्रकृति विश्वसनीय गैरविनाशकारी विकल्पों की मांग को बढ़ाती है।

अपेक्षित समाधान: आभूषणों के लिए एक गैरविनाशकारी परख विधि विकसित करना, जो अग्नि परख सटीकता (आदर्श रूप से ±0.5 पीपीटी) से मेल खाती हो, बहुरूपों वाली रचनाओं को संभाल सके और हानिकारक उत्सर्जन को समाप्त कर सके। परिणामी विधि को नियामक और व्यावसायिक उपयोग के लिए मान्य किया जाना चाहिए।

5. कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विधिक मापविज्ञान घोषणाओं के लिए स्वचालित अनुपालन परीक्षक

तेजी से बढ़ते ईकॉमर्स विकास के लिए विधिक मापविज्ञान (ैक की गयी वस्तुएं) नियम, 2011 का कड़ाई से पालन आवश्यक है। अनिवार्य विवरणों (निर्माता, एमआरपी, शुद्ध मात्रा, आदि) का लगातार गैरअनुपालन एक एआईआधारित स्वचालित सत्यापन प्रणाली की मांग करता है।

प्रस्तावित एआईसंचालित टूल ईकॉमर्स लिस्टिंग को स्कैन करेगा और विधिक मापविज्ञान मानदंडों के अनुसार उत्पाद घोषणाओं को मान्य करेगा। यह निम्न कार्य करेगा:

·         ओसीआर का उपयोग करके उत्पाद छवियों से लेखन (टेक्स्ट) निकालना

·         वास्तविकसमय पर या बैचों में सूची (लिस्टिंग) क्रॉल करना

·         एलएम दिशानिर्देशों पर आधारित नियम इंजन के माध्यम से डेटा सत्यापित करना

·         अनुपलब्ध एमआरपी या निर्माण का मूल देश जैसी समस्याओं को चिह्नित करना

·         नियामकों को अनुपालन और उल्लंघनों पर नज़र रखने के लिए एक डैशबोर्ड प्रदान करना

अपेक्षित प्रभाव: अनुपालन जाँच को स्वचालित करना, मैन्युअल निरीक्षणों को कम करना, निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना और डेटासंचालित प्रवर्तन को सक्षम बनाना। राष्ट्रीय प्रवर्तन पोर्टलों के साथ भविष्य में एकीकरण से वास्तविकसमय पर नियामक निगरानी में वृद्धि होगी।

6. तौल और माप उपकरणों में छेड़छाड़ का पता लगाना और रोकथाम

निष्पक्ष व्यापार सटीक तौल और माप उपकरणों (तराजू, ईंधन डिस्पेंसर, मीटर, पीओएस प्रणाली) पर निर्भर करता है। हार्डवेयर, फ़र्मवेयर या दूरस्थ हेरफेर के माध्यम से छेड़छाड़ से उपभोक्ता को नुकसान होता है और नियामक पर विश्वास में कमी आती है।

इसका उद्देश्य वास्तविक या लगभग वास्तविक समय में भौतिक और डिजिटल दोनों तरह की छेड़छाड़ का पता लगाने, रोकने और उसके विरुद्ध चेतावनी देने के लिए एक बुद्धिमत्ता प्रणाली विकसित करना है। समाधान में सुरक्षित जोड़े गये (एम्बेडेड) हार्डवेयर, लॉगिंग, दूरस्थ सत्यापन, और एआई/एमएल, डिजिटल फोरेंसिक, छेड़छाड़रोधी सील, ब्लॉकचेन ऑडिट ट्रेल्स या सेंसरआधारित जाँच का उपयोग शामिल होना चाहिए।

अपेक्षित परिणाम: वास्तविक समय में, छेड़छाड़ का विश्वसनीय रूप से पता लगाना जिससे व्यापार निष्ठा, उपभोक्ता संरक्षण और प्रभावी नियामक निगरानी सुनिश्चित हो सके।

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