भारत के विद्युत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और घरेलू सुधार
भारत के विद्युत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और घरेलू सुधार
विद्युत मंत्रालय विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की संभावनाओं को तलाशने के लिए विदेशी सरकारों और इस उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
इसके अतिरिक्त, जी20, ब्रिक्स, स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (सीईएम), अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) आदि मंचों के अंतर्गत बहुपक्षीय सहभागिताएं की गई है। साथ ही, मंत्रालय एसओसी, एसएएसईसी, सार्क, बिम्सटेक, आसियान और वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड पहल जैसे मंचों के माध्यम से क्षेत्रीय विद्युत क्षेत्र सहयोग को आगे बढ़ाता आ रहा है। इसके अलावा, इस मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार विदेशी संस्थाओं के साथ वाणिज्यिक समझौते भी करते हैं।
इस मंत्रालय और इसके पीएसयू द्वारा विदेशी संस्थाओं के साथ किए गए समझौता ज्ञापनों/समझौतों आदि की सूची अनुलग्नक में संलग्न है।
विद्युत क्षेत्र के आधुनिकीकरण, सेवा वितरण में सुधार, समूचे विद्युत क्षेत्र में प्रबंधन को सुदृढ़ करने, प्रौद्योगिकीय एवं परिचालन संबंधी सुधार प्राप्त करने तथा डिजिटलीकरण, हरित ऊर्जा एकीकरण और नवाचार को मजबूत करने के लिए व्यापक सुधार किए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
विद्युत मंत्रालय और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा विदेशी संस्थाओं के साथ किए गए समझौता ज्ञापनों/समझौतों की सूची
क्रमांक
कंपनी/देश का नाम
1
ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा बचत पर ब्रिक्स समझौता ज्ञापन – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच।
2
दक्षिण एशिया फोरम संबंधी अवसंरचना विनियमन सचिवालय : केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का एनर्जी रेगुलेटर्स रिजनल एसोसिएशन के साथ समझौता
3
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय और डेनमार्क के जलवायु, ऊर्जा और उपयोगिता मंत्रालय के बीच (भारत-डेनमार्क) ऊर्जा सहयोग पर समझौता ज्ञापन
4
भारत सरकार और नेपाल सरकार के बीच विद्युत अंतर्संबंधों के लिए समझौता
5
भारत सरकार और भूटान की सरकार के बीच ऊर्जा दक्षता में सहयोग के लिए समझौता
6
भारत सरकार और मॉरीशस सरकार के बीच विद्युत क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन
7
भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच समझौता
8
भारत सरकार और बांग्लादेश सरकार के बीच समझौता
9
भारत सरकार और म्यांमार सरकार के बीच समझौता
10
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय और संयुक्त अरब अमीरात का ऊर्जा एवं अवसंरचना मंत्रालय के बीच समझौता
11
भारत सरकार और सऊदी अरब सरकार के बीच समझौता
12
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और अमेरिकी ऊर्जा विभाग
13
एनएचपीसी लिमिटेड का निवेश बोर्ड, नेपाल सरकार के साथ समझौता
14
एनएचपीसी लिमिटेड का विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (वीयूसीएल), नेपाल के साथ समझौता
15
एनएचपीसी लिमिटेड का मेसर्स राष्ट्रीय प्रसारण ग्रिड कंपनी लिमिटेड (आरपीजीसीएल), नेपाल के साथ समझौता
16
एनएचपीसी लिमिटेड का मेसर्स ओशन सन एएस, नॉर्वे के साथ समझौता
17
एनएचपीसी लिमिटेड का जीजीजीआई (ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट) के साथ समझौता
18
एनटीपीसी लिमिटेड का नेपाल विद्युत प्राधिकरण के साथ समझौता
19
एनटीपीसी लिमिटेड का एस्कोम होल्डिंग्स सोसायटी लिमिटेड (एस्कोम), दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता
20
एनटीपीसी लिमिटेड और मासेन, मोरक्को के बीच समझौता
21
एनटीपीसी लिमिटेड और फोर्टेस्क्यू फ्यूचर इंडस्ट्रीज, ऑस्ट्रेलिया के बीच समझौता
22
एनटीपीसी लिमिटेड और सऊदी अरब की सऊदी इलेक्ट्रिसिटी कंपनी के बीच समझौता
23
एनटीपीसी लिमिटेड का आसियान ऊर्जा केंद्र के साथ समझौता
24
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और आईएनईओएस कॉर्पोरेशन, जापान के बीच समझौता
25
एनटीपीसी लिमिटेड और सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल, ऑस्ट्रिया के बीच समझौता
26
एनवीवीएन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण के बीच समझौता
27
एनईए, एनवीवीएन और बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड (बीपीडीबी) के बीच त्रिपक्षीय समझौता
28
एनईईपीसीओ लिमिटेड का नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट AS (NGI),नॉर्वे के बीच समझौता
29
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग का संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय ऊर्जा विनियामक आयोग के साथ समझौता
30
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का रूस के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन काम करने वाली रूसी ऊर्जा एजेंसी के साथ समझौता
31
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और नेपाल विद्युत प्राधिकरण के बीच समझौता
32
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का डीईपीपी, विद्युत शक्ति मंत्रालय, म्यांमार के साथ समझौता
33
भारत की पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और संयुक्त राज्य अमेरिका की पावर इंजीनियर्स इंक. के साथ समझौता
34
भारतीय विद्युत ग्रिड निगम का श्रीलंका सरकार के साथ समझौता
35
ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड का लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी, यूएसए (एलबीएनएल) के साथ समझौता
36
एसजेवीएन लिमिटेड का नेपाल सरकार के जल संसाधन मंत्रालय के साथ समझौता
37
एसजेवीएन लिमिटेड का नेपाल सरकार के निवेश बोर्ड (आईबीएन) के साथ समझौता
38
एसजेवीएन लिमिटेड का नेपाल विद्युत प्राधिकरण के साथ समझौता
केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने यह जानकारी आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
- विद्युत (विलंबित भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियम अधिसूचित किए गए हैं, ताकि उपयोगकर्ताओं द्वारा समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके और बकाया राशि के निपटान के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान किया जा सके।
- विद्युत (हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना) नियम 100 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए समयबद्ध अनुमोदन और एक समान और उचित शुल्क के साथ हरित ओपन एक्सेस प्रदान करते हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा खपत दायित्वों, अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क की छूट और ऊर्जा भंडारण तैनाती के लिए रूपरेखा अधिसूचित की गई है।
- भविष्य की मांग के आकलन और अग्रिम क्षमता खरीद के लिए समयबद्ध और संरचित दृष्टिकोण के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु संसाधन पर्याप्तता ढांचे के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार किए गए।
- ईंधन और बिजली खरीद समायोजन अधिभार का मासिक स्वचालित पास-थ्रू सक्षम किया गया है ताकि बिजली खरीद लागत की समय पर वसूली हो सके।
- विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 को 24×7 आपूर्ति, विश्वसनीय सेवाओं और उपभोक्ता-केंद्रित संरक्षण उपायों को सुनिश्चित करने के लिए अधिसूचित किया गया।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा अप्रैल 2025 में एसटीईएलएलएआर मॉडल (स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टोटली इंडिजेनसली डेवलप्ड रिसोर्स एडिक्वेसी मॉडल) लॉन्च किया गया है, ताकि राज्यों को उत्पादन, पारेषण, भंडारण और मांग प्रतिक्रिया की एकीकृत योजना बनाने में सक्षम बनाया जा सके, जिससे दीर्घकालिक संसाधन पर्याप्तता और ग्रिड विश्वसनीयता में सुधार हो सके।
- पुनर्संरचित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत भारत सरकार से 1,21,637 करोड़ रुपये के सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) के साथ 2,83,525 करोड़ रुपये के स्मार्ट मीटरिंग कार्यों सहित अवसंरचना कार्यों को स्वीकृत किया गया है।
- आरडीएसएस योजना के माध्यम से स्मार्ट मीटरों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाता है, जो स्वचालित ऊर्जा लेखांकन, वास्तविक समय की निगरानी, बेहतर बिलिंग सटीकता और व्यावसायिक नुकसान को कम करने में सक्षम बनाता है।
- आरडीएसएस योजना के तहत मांग पूर्वानुमान, भविष्यसूचक रखरखाव, परिसंपत्ति प्रबंधन और उपभोक्ता विश्लेषण आदि के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) आधारित समाधानों के उपयोग और विकास को पॉवरथॉन जैसी पहलों के माध्यम से प्रोत्साहित और समर्थन दिया जाता है।
- ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (ईएसएस) को दिसंबर 2022 में अधिसूचित विद्युत (संशोधन) नियम 2022 के नियम 18 के तहत परिभाषित किया गया है। ईएसएस अब उपभोक्ताओं के साथ-साथ अन्य विद्युत क्षेत्र संस्थाओं द्वारा स्वामित्व, विकसित, पट्टे पर या संचालित की जा सकती हैं।
- जून 2028 तक चालू होने वाली सह-स्थित बीईएसएस परियोजनाओं के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण (आईएसटीएस) शुल्क 12 वर्षों के लिए माफ कर दिए गए हैं। गैर-सह-स्थित बीईएसएस के लिए, जून 2025 तक चालू होने वाली परियोजनाओं के लिए शत-प्रतिशत छूट दी गई है, और उसके बाद छूट में प्रति वर्ष 25 प्रतिशत की दर से क्रमिक कमी की जाएगी।
- देश में लगभग 43.2 गीगावॉट ऑवर बीईएसएस क्षमता के विकास के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना शुरू की गई है।
- ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना के तहत पवन और सौर ऊर्जा के परिवर्तनशील नवीकरणीय ऊर्जा (वीआरई) संसाधनों का पूर्वानुमान, समय-निर्धारण और निगरानी करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 12 नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (आरईएमसी) और दक्षिण अंडमान में एक ईएमसी स्थापित किए गए। ये आरईएमसी मौजूदा आरएलडीसी/एसएलडीसी के साथ ही स्थित हैं।
- मौसम पूर्वानुमान को और बेहतर बनाने के लिए डेटा एसिमिलेशन और सत्यापन हेतु रिकॉर्ड किए गए मौसम डेटा का उपयोग करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों में स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की स्थापना के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
- हरित ऊर्जा गलियारा योजना के अंतर्गत अपने राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के लिए पारेषण अवसंरचना स्थापित करने हेतु राज्यों को केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान की जाती है।
- नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की परिवर्तनशीलता को दूर करने के लिए तापीय उत्पादन का फलेक्सीबिलाइजेशन अनिवार्य किया गया है।
- सीईए (ग्रिड से कनेक्टिविटी के लिए तकनीकी मानक) विनियम ग्रिड के सुरक्षित, संरक्षित और विश्वसनीय संचालन को सुनिश्चित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों के लिए न्यूनतम तकनीकी आवश्यकताओं को निर्धारित करते हैं।
- भारतीय विद्युत ग्रिड संहिता यह अनिवार्य करता है कि नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र आकस्मिक परिस्थितियों में प्राथमिक और द्वितीयक आवृत्ति नियंत्रण में भाग लें।