भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और सस्ती है: लोकसभा अध्यक्ष
भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और सस्ती है: लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और सस्ती है। उन्होंने चिकित्सा आधारभूत ढांचा और सेवा वितरण में देश की महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की गुणवत्ता को सफलतापूर्वक बढ़ाया है और यह सुनिश्चित किया है कि यह हर नागरिक की पहुँच में रहे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में की गई अनेक पहलों ने स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक समावेशी और रोगी केंद्रित बनाया है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच, डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों और किफायती उपचार विकल्पों में हुई प्रगति की सराहना की और एक मजबूत और न्यायसंगत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। श्री बिरला ने नई दिल्ली में नवाचारी चिकित्सक मंच के 7वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन – आईपीएफ मेडिकॉन 2025 का उद्घाटन करते हुए यह उल्लेख किया।
आज नई दिल्ली में Innovative Physicians Forum (IPF) के 7वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन IPF MEDICON – 2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।
आज विज्ञान, तकनीक और नवाचार का युग है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ऑटोमेशन और नैनो साइंस जैसे क्षेत्रों के विकास ने चिकित्सा अनुसंधान… pic.twitter.com/MtAoBIyygK
श्री बिरला ने कहा कि आज जब विकसित देश बढ़ती स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, भारतीय चिकित्सक नवाचार और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मंच चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम शोध, उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचारों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म के रूप में कार्य करता है। यह पता लगाता है कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उपकरणों का उपयोग बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने और चिकित्सा में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय डॉक्टरों की प्रतिभा और गुणवत्ता ने दुनिया ने लोहा माना है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पण, सेवा और बलिदान ने भारत को कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने और सफल उपचार प्रदान करने में सक्षम बनाया था। श्री बिरला ने उल्लेख किया कि यह भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विश्वसनीयता का सच्चा प्रमाण है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा शोध के केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है, उन्होंने देश में दवा निर्माण, वैक्सीन उत्पादन और जैव चिकित्सा अनुसंधान में प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि भारत ने खुद को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि भारत के दक्ष वैज्ञानिक, बेहतर शोध बुनियादी ढाँचा और नवाचार पर ध्यान केन्द्रित करते हुए स्थानीय और वैश्विक दोनों जरूरतों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शोध और विकास को बढ़ावा देने वाली पहल और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग वैश्विक स्वास्थ्य के भविष्य को आकार देने में भारत की भूमिका को और मजबूत कर रहे हैं। श्री बिरला ने यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर प्रयास कर रही है। आयुष्मान भारत जैसी पहलों के माध्यम से वंचितों के लिए शोध, नवाचार और मुफ्त चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार और शोध के महत्व का उल्लेख करते हुए इसे समय की मांग बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने और रोगी देखभाल में सुधार के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही प्रगति का लाभ उठाया जाना चाहिए। श्री बिरला ने कहा कि नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना और चिकित्सा शोध के क्षेत्र में निवेश करना, नए उपचार विकसित करने, बीमारी की रोकथाम को बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने संस्थानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं से सहयोगात्मक रूप से काम करने का आग्रह किया ताकि ऐसी सफलताएँ प्राप्त की जा सकें जो न केवल भारत बल्कि वैश्विक समुदाय को भी लाभान्वित कर सकें।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं है – यह मानव सेवा के लिए एक वैश्विक मंच है। उन्होंने कहा कि शोध, नवाचार और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, आईपीएफ एक स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां होने वाली चर्चाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल उपकरण, रोबोटिक्स और अन्य आधुनिक चिकित्सा तकनीकों को भी शामिल किया जाएगा – जो इस बात पर केंद्रित होंगी कि मानव-केंद्रित, कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली कैसे बनाई जाए।
इस सम्मेलन में नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया और ब्रिटेन के चिकित्सा प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर सांसद श्रीमती कमलजीत सहरावत भी मौजूद रहीं।