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भारत की राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2025 के अवसर पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता (एनपीसी) के विजेताओं को सम्मानित किया

भारत की राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2025 के अवसर पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता (एनपीसी) के विजेताओं को सम्मानित किया

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2025 आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में मनाया गया, जहाँ भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु  ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) 2025 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2025 के विजेताओं को सम्मानित किया।

इस कार्यक्रम ने ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने, स्थिरता को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में ऊर्जा के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की अडिग प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। यह कार्यक्रम विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा आयोजित किया गया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण सबसे विश्वसनीय और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोत है। ऊर्जा की बचत का अर्थ है ऊर्जा का उत्पादन करना, वह भी हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर बिना कोई अतिरिक्त दबाव डाले। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं—जो व्यापक विद्युत पहुँच, शहरीकरण, औद्योगिक विकास और बेहतर जीवन स्तर से प्रेरित हैं—को स्थायी और जिम्मेदार तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।

ऊर्जा और आवासन एवं शहरी कार्य के मंत्री, श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत ने वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में स्‍वयं को अग्रिम पंक्ति में स्थापित किया है, और अपनी योजनाओं को विश्व तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने के लक्ष्य के साथ संरेखित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसकी ऊर्जा दक्षता सुधार दर सबसे अच्छी सुधार दरों में से एक है।

मंत्री ने BEE की पहलों – जिनमें पीएटी योजना, एडीईईटीआईई, मानक और लेबलिंग, और अन्य प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं – द्वारा देशभर में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की उत्सर्जन दर जीडीपी की वृद्धि दर की तुलना में बहुत कम बढ़ी है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि देश ने आर्थिक विकास को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से सफलतापूर्वक अलग कर लिया है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की अपनी यात्रा में एक ऐतिहासिक कीर्तिमान हासिल कर लिया है — हमने पेरिस समझौते के राष्ट्रीय निर्धारित योगदानों (एनडीसी) के तहत निर्धारित लक्ष्य से पाँच साल पहले ही स्थापित क्षमता का 50%  गैर-जीवाश्म स्रोतों से हासिल कर लिया है।

भारत उत्सर्जन में कमी लाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, विद्युत मंत्रालय ने नवीकरणीय उपभोग दायित्व (आरसीओ) की अधिसूचना जारी की है। आरसीओ के तहत, सभी नामित उपभोक्ताओं — जैसे डिस्कॉम, कैप्टिव पावर प्लांट और ओपन एक्सेस उपयोगकर्ताओं — को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी कुल विद्युत खपत का कम से कम एक न्यूनतम हिस्सा तो गैर-जीवाश्म स्रोतों से अवश्‍य आए।

विद्युत राज्य मंत्री, श्री श्रीपाद यसो नाइक ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों ने ऊर्जा संरक्षण में उत्कृष्ट प्रयासों को मान्यता देने की एक मजबूत परंपरा स्थापित की है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण केवल प्रौद्योगिकी का मामला नहीं है — यह व्यवहार परिवर्तन से भी संबंधित है। स्विच बंद करना, ऊर्जा कुशल उपकरणों का चयन करना और नागरिकों द्वारा इस दिशा में स्थायी रूप से प्रयास किया जाना ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा अंतर ला सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ऊर्जा संरक्षण अभियान में भारत के युवाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। स्कूलों और कॉलेजों के माध्यम से छात्रों में बढ़ती जागरूकता दर्शाती है कि यह पहल नए भारत की मानसिकता का एक अभिन्न हिस्सा बनती जा रही है।

विद्युत मंत्रालय के सचिव, श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता ने ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण को भारत के विकास मॉडल के केंद्र में रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा, हरित विकास और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य केवल ऊर्जा के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से ही हासिल किए जा सकते हैं।

बीईई के महानिदेशक, श्री धीरज कुमार श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के लिए पेश की गई नई पुरस्कार श्रेणी को रेखांकित किया, जो ऊर्जा दक्षता और संरक्षण पर जन जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने में डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती भूमिका को मान्यता देती है।

पुरस्कारों के बारे में :

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025

ऊर्जा दक्षता और उसके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, विद्युत मंत्रालय के मार्गदर्शन में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) औद्योगिक इकाइयों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों के ऊर्जा की खपत को कम करने के प्रयासों को मान्यता देता है और उन्हें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान करके प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) 2025 के लिए आवेदन एक खुले विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित किए गए थे, जिसने उद्योग, भवन, परिवहन, संस्थान, उपकरण, नवाचार और पेशेवर सहित विभिन्न क्षेत्रों से भागीदारी को प्रोत्साहित किया। इच्छुक आवेदकों को अपना आवेदन पोर्टल: www.neca.beeindia.gov.in के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया।

ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2025

इस प्रतियोगिता, जो 2005 में शुरू हुई थी, का उद्देश्य युवा मनों की रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करना है। यह प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की जाती है – स्कूल, राज्य और राष्ट्रीय स्तर – और इसका लक्ष्य कक्षा 5 से 10 के छात्रों को दो समूहों में शामिल करना है: समूह ए (कक्षा 5, 6 और 7) और समूह बी (कक्षा 8, 9 और 10)। देशभर के 80 लाख से अधिक छात्रों ने स्कूल, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। समूह ए (कक्षा 5–7) और समूह बी (कक्षा 8–10) के छात्रों ने 11 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया।

महामहिम राष्ट्रपति ने दोनों श्रेणियों के विजेताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता

समूह ए (कक्षा 5, 6 और 7)

समूह बी (कक्षा 8, 9 और 10)

पुरस्‍कार*
(प्रत्‍येक श्रेणी में)

राज्‍य/केंद्र शासित प्रदेश स्‍तरीय पुरस्‍कार

राष्‍ट्रीय स्‍तर के पुरस्‍कार

 

समूह ‘ए’/समूह ‘बी’

समूह ‘ए’/समूह ‘बी’

प्रथम पुरस्‍कार/स्‍वर्ण पदक (1)

50,000/

1,00,000/-

द्वितीय पुरस्‍कार/रजत पदक (1)

30,000/-

50,000/-

तृतीय पुरस्‍कार/कांस्‍य पदक (1)

20,000/-

30,000/-

सराहना पुरस्कार (10)

7,500/-

15,000/

* विजेताओं को लैपटॉप / टैबलेट भी प्रदान किए जाएंगे और उन्हें भारत के भीतर अध्ययन यात्रा का अवसर भी मिलेगा।

बीईई के बारे में

भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के अंतर्गत 1 मार्च, 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की स्थापना की। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन आत्म-नियमन और बाजार सिद्धांतों पर जोर देते हुए नीतियाँ और रणनीतियाँ विकसित करने में सहायता करना है। एक प्रमुख उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करना है। यह अधिनियम के तहत सौंपे गए कार्यों के निष्पादन हेतु, नामित उपभोक्ताओं, नामित एजेंसियों और अन्य संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करता है और मौजूदा संसाधनों तथा अवसंरचनाओं को मान्यता, पहचान और उपयोग प्रदान करता है। अधिनियम नियामक और प्रोत्साहनकारी कार्यों का भी प्रावधान करता है।

संलग्‍नक:

1. राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता, 2025 पर बैकग्राउंडर नोट

2. राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता, 2025 के विजेताओं की सूची

3. राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, 2025 के पुरस्कार प्राप्त-कर्ताओं की सूची

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