भारत और ओमान ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए
भारत और ओमान ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए
व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत और ओमान ने आर्थिक साझेदारी और अवसरों के एक नए युग को आगे बढ़ाते हुए एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक की उपस्थिति और दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत-ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री महामहिम कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने हस्ताक्षर किया, जो खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत के रणनीतिक जुड़ाव में एक बड़ा मील का पत्थर है
यह समझौता भारत के उत्पादक क्षेत्रों जैसे कपड़ा, लेदर, फुटवियर, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल उपकरण और ऑटोमोबाइल के लिए निर्यात के मौके खोलेगा, जिससे रोजगार निर्माण होगा और कारीगरों, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों और एमएसएमई का सशक्तिकरण होगा
ओमान की 98.08% टैरिफ लाइनों पर जीरो-ड्यूटी एक्सेस के साथ भारतीय वस्तुओं के लिए अभूतपूर्व बाजार पहुंच, जो मूल्य के हिसाब से भारत के 99.38% निर्यात को कवर करता है
यह पिछले 6 महीनों में यूनाइटेड किंगडम के बाद हस्ताक्षर किया गया दूसरा मुक्त व्यापार समझौता है
ओमान की ओर से अपनी तरह की पहली महत्वाकांक्षी सेवा प्रतिबद्धता
ओमान ने 127 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है: एक व्यापक पैकेज में कंप्यूटर संबंधी सेवाएं, व्यावसायिक सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, ऑडियो विजुअल सेवाएं, आरएंडडी सेवाएं, शिक्षा सेवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं – जिससे उच्च-मूल्य के अवसर और रोजगार के मौके खुलेंगे
भारतीय पेशेवरों के लिए बेहतर मोबिलिटी
पहली बार, ओमान ने मुख्य मोड 4 कैटेगरी में कमिटमेंट दिए हैं, इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफर होने वालों, और कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस सप्लायर्स, बिजनेस विजिटर्स और स्वतंत्र पेशेवरों के लिए उच्च गुणवत्ता वाला अस्थायी प्रवेश और अस्थायी रहने की सुविधा, और अकाउंटेंसी, टैक्सेशन, आर्किटेक्चर, मेडिकल और संबंधित सेक्टर में पेशेवरों के लिए प्रवेश और रहने के नियमों में ढील दी है
प्रमुख सर्विस सेक्टर (मोड 3) में भारतीय कंपनियों के लिए 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबद्धता
ओमान की योगदान आधारित सामाजिक सुरक्षा प्रणाली लागू होने पर कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा कवरेज पर भविष्य में बातचीत का प्रावधान
पारंपरिक चिकित्सा के सभी तरीकों पर किसी भी देश की ओर से पहली बार प्रतिबद्धता, जो भारत के आयुष और वेलनेस सेक्टर के लिए बड़े मौके खोलती है, मेडिकल मूल्य पर्यटन को प्रोत्साहन देती है, और पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणालियों में सहयोग को मजबूत करेगी
यूएसएफडीए, ईएमए, यूकेएमएचआरए, आदि की ओर से मंजूर फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए मार्केटिंग अनुज्ञा में तेजी; जीएमपी जांच पत्रों की मंजूरी से भारतीय फार्मा निर्यातकों के लिए समय और लागत कम होगी
यह हलाल प्रमाणीकरण के लिए आपसी मान्यता व्यवस्था, ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए भारत के एनपीओपी प्रमाणीकरण की मंजूरी, और मानकों और अनुरूपता मूल्यांकन में बेहतर सहयोग को आसान बनाएगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करके भारत और ओमान ने एक मजबूत आर्थिक साझेदारी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन मंत्री महामहिम कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह द्विपक्षीय आर्थिक एकीकरण को गहरा करने की साझा प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है। ओमान इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और भारतीय सामानों और सेवाओं के लिए व्यापक मध्य पूर्व और अफ्रीका का एक प्रमुख गेटवे है। ओमान में लगभग 7 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें भारतीय व्यापारी परिवार भी शामिल हैं जिनकी मौजूदगी 200-300 साल से अधिक पुरानी है, और जो ओमान की अर्थव्यवस्था और समाज में बड़ा योगदान दे रहे हैं। भारतीय उद्यमों ने ओमान में एक मजबूत उपस्थिति बनाई है, जिसमें 6,000 से अधिक भारतीय प्रतिष्ठान कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। वार्षिक आधार पर करीब 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रिमिटेंस आर्थिक जुड़ाव को और गहरा करता है। भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का है, जिसमें सीईपीए फ्रेमवर्क के अंतर्गत विस्तार की बड़ी संभावना है।
यह यूनाइटेड किंगडम के बाद बीते 6 महीनों में हस्ताक्षर किया गया दूसरा मुक्त व्यापार समझौता है और यह उन विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार समझौता हस्ताक्षर करने की रणनीति का हिस्सा है जो हमारे उत्पादक संबंधी उद्देश्यों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करती हैं और भारतीय व्यापार के लिए मौके देती हैं।
सीईपीए भारत को ओमान से अभूतपूर्व टैरिफ रियायतें देता है। ओमान ने अपनी 98.08% टैरिफ लाइनों पर जीरो–ड्यूटी एक्सेस दिया है, जिसमें ओमान को भारत के 99.38% निर्यात शामिल हैं। रत्न और आभूषण, कपड़ा, लेदर, फुटवियर, खेल वस्तुएं, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल उपकरण और ऑटोमोबाइल सहित सभी प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों को पूरी तरह से टैरिफ खत्म करने का लाभ मिलेगा। ऊपर बताए गए क्षेत्रों में 97.96% टैरिफ लाइनों पर टैरिफ तत्काल प्रभाव से खत्म किया जा रहा है।
भारत अपनी कुल टैरिफ लाइनों (12556) में से 77.79% पर टैरिफ में छूट दे रहा है, जो मूल्य के हिसाब से ओमान से भारत के 94.81% आयात को कवर करता है। ओमान के निर्यात के लिए जरूरी और भारत के लिए संवेदनशील उत्पादों के लिए, यह ऑफर अधिकतर टैरिफ–रेट कोटा (टीआरक्यू) पर आधारित टैरिफ में छूट है।
अपने हितों की रक्षा के लिए, भारत ने बिना किसी छूट के संवेदनशील उत्पाद को निषेध श्रेणी में रखा है, खासकर कृषि उत्पाद, जिसमें डेयरी, चाय, कॉफी, रबर और तंबाकू उत्पाद; सोना और चांदी के बिस्किट, गहने; जूते, खेल के सामान जैसे अन्य लेबर–इंटेंसिव प्रोडक्ट्स; और कई बेस मेटल्स का स्क्रैप शामिल हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत चालक, सेवा क्षेत्र को भी बड़े पैमाने पर लाभ होगा। ओमान का वैश्विक सेवा आयात 12.52 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जिसमें ओमान के ग्लोबल आयात भाग में भारत के निर्यात का हिस्सा 5.31% है, जो भारतीय सेवादाताओं के लिए काफी अधिक अप्रयुक्त क्षमता दिखाता है। इस समझौते में एक व्यापक और भविष्य की सोच वाला सेवा पैकेज शामिल है, जिसमें ओमान ने कंप्यूटर से जुड़ी सेवाएं, व्यापार और पेशेवर सेवाएं, ऑडियो–विजुअल सेवाएं, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सहित कई सेक्टरों में बड़ी प्रतिबद्धताएं की हैं। उम्मीद है कि ये प्रतिबद्धताएं भारतीय सेवादाताओं के लिए नए बड़े अवसर खोलेंगी, उच्च–मूल्य वाली नौकरियों के मौके बढ़ाएंगी, और दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यावसायिक संबंधों को सहयोग करेंगी।
सीईपीए का एक मुख्य आकर्षण भारतीय पेशेवरों के लिए बेहतर मोबिलिटी फ्रेमवर्क है। पहली बार, ओमान ने मोड 4 के तहत कई तरह की कमिटमेंट दी हैं, जिसमें इंट्रा–कॉर्पोरेट ट्रांसफर होने वालों के लिए कोटा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना शामिल है, साथ ही संविदा पर काम करने वाले सेवा प्रदाताओं के लिए रहने की मंजूरी की अवधि भी मौजूदा 90 दिनों से बढ़ाकर दो साल कर दी गई है, और इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। यह समझौता अकाउंटेंसी, टैक्सेशन, आर्किटेक्चर, मेडिकल और संबंधित सेवाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में स्किल्ड पेशेवरों के लिए एंट्री और रहने की अधिक आसान शर्तें भी देता है, जिससे गहरा और अधिक आसान पेशेवर जुड़ाव संभव होगा।
सीईपीए में भारतीय कंपनियों को ओमान के प्रमुख सर्विस सेक्टर में कमर्शियल मौजूदगी के जरिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की भी सुविधा दी गई है, जिससे भारत के सेवा उद्योगके लिए इस क्षेत्र में अपने कार्यान्वयन का विस्तार करने का एक बड़ा रास्ता खुल गया है। इसके साथ ही, दोनों पक्ष ओमान की योगदान आधारित सामाजिक सुरक्षा प्रणाली लागू होने के बाद सामाजिक सुरक्षा समन्वय पर भविष्य में चर्चा करने पर सहमत हुए हैं, जो लेबर मोबिलिटी और कर्मियों की सुरक्षा को आसान बनाने के लिए एक दूरदर्शी सोच को दिखाता है।
इस समझौते का एक अहम हिस्सा पारंपरिक चिकित्सा पर ओमान की प्रतिबद्धता है, जो सप्लाई के सभी तरीकों पर लागू होती है। यह किसी भी देश की ओर से की गई पहली ऐसी व्यापक प्रतिबद्धता है, और यह भारत के आयुष और वेलनेस सेक्टर के लिए खाड़ी क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाने का एक बड़ा मौका तैयार करती है।
ऊपर बताई गई बातों के साथ ही, सीईपीए में ऐसे नॉन–टैरिफ बैरियर से निपटने के प्रावधान भी हैं जो टैरिफ में छूट के बावजूद बने हुए हैं, और असली बाजार पहुंच को सीमित करते हैं।
यह पहला द्विपक्षीय समझौता है जो ओमान ने 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद किसी देश के साथ हस्ताक्षर किया है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके दूरदर्शी मार्गदर्शन के लिए गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा: “भारत–ओमान सीईपीए भारत के ओमान के साथ ऐतिहासिक मजबूत संबंधों को और मजबूत करता है और यह एक महत्वाकांक्षी और संतुलित आर्थिक फ्रेमवर्क है जो भारतीय निर्यातकों और पेशेवरों के लिए अवसरों को काफी बढ़ाता है। यह ओमान के बाजार में भारतीय वस्तुओं के लिए लगभग पूरी तरह से शुल्क मुक्त पहुंच देता है, प्रमुख उच्च विकास वाले क्षेत्रों में सेवाओं की प्रतिबद्धताओं का विस्तार करता है, और भारतीय पेशेवरों के लिए अधिक गतिशीलता सुनिश्चित करता है। यह समझौता किसानों, कारीगरों, श्रमिकों, एमएसएमई को लाभ पहुंचाते हुए समावेशी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है, साथ ही मुख्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा भी करता है।”
उम्मीद है कि सीईपीए दोनों देशों के बीच व्यापार को काफी बढ़ावा देगा, रोजगार निर्माण करेगा, निर्यात बढ़ाएगा, सप्लाई चेन को मजबूत करेगा, और भारत और ओमान के बीच गहरे, लंबे समय के आर्थिक सहयोग के लिए नए रास्ते खोलेगा।
Under the leadership of Prime Minister @NarendraModi ji and His Majesty Sultan Haitham bin Tarik, India and Oman have inked the India-Oman Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA), marking a significant milestone in India’s strategic engagement with the Gulf region.… pic.twitter.com/VI2RzSpO2O
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