भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 वैश्विक एआई चर्चाओं में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है
भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 वैश्विक एआई चर्चाओं में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप सरकार प्रौद्योगिकी के विकास और उपयोग का लोकतंत्रीकरण कर रही है। इसका उद्देश्य वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान और अंततः विभिन्न क्षेत्रों में जीवन को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करना है।
सरकार ने इस संबंध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शासन के प्रति एक समावेशी और नवाचार-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाया है। भारत की एआई रणनीति दुनियाभर के कानूनी ढाँचों का अध्ययन और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई है।
भारत की एआई रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ विनियमन के प्रति संतुलित और व्यावहारिक तकनीकी-कानूनी दृष्टिकोण है।
भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026
भारत इस दृष्टिकोण के एक भाग के रूप में 16-20 फ़रवरी 2026 तक नई दिल्ली में भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 की मेज़बानी करेगा। पहली बार वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन श्रृंखला विकासशील देश में आयोजित की जाएगी। यह बदलाव एक अधिक समावेशी वैश्विक एआई संवाद की दिशा में एक व्यापक कदम का संकेत देता है।
यह शिखर सम्मेलन वैश्विक एआई चर्चाओं में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। यह यूके एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन, एआई सियोल शिखर सम्मेलन, पेरिस एआई एक्शन शिखर सम्मेलन (जिसकी सह-अध्यक्षता भारत ने की थी) और अफ्रीका पर वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन के बाद आयोजित किया जा रहा है।
यह दर्शाता है कि शिखर सम्मेलन एक व्यापक वैश्विक संवाद के अंतर्गत है और जिम्मेदार एआई विकास पर सामंजस्यपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग में योगदान करना चाहता है।
सात ‘चक्र’
शिखर सम्मेलन की विषयगत प्राथमिकताएँ, जिन्हें सात ‘चक्र’ कहा गया है, इसके प्रमुख उद्देश्यों को रेखांकित करती हैं। इनमें मानव पूँजी, समावेशन, सुरक्षित एवं विश्वसनीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता, लचीलापन, नवाचार एवं दक्षता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता संसाधनों का लोकतंत्रीकरण और आर्थिक विकास एवं सामाजिक भलाई के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता शामिल हैं।
इन विषयगत क्षेत्रों में एआई सुरक्षा, डेटा गवर्नेंस, पारदर्शिता, मानव-केंद्रित विकास और जवाबदेही ढाँचे जैसे मुद्दे शामिल हैं। ये चर्चाएँ शिखर सम्मेलन के आयोजनों और विचार-विमर्शों की रणनीतिक दिशा तय करने के लिए तैयार की गई हैं।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य तत्काल बाध्यकारी नियम बनाने की बजाय, दीर्घकालिक एआई शासन उद्देश्यों में योगदान देने वाली कार्यान्वयन योग्य सिफारिशें तैयार करना है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा यह जानकारी उपलब्ध कराई।