Current Affairs

भारतीय सेना ने ‘इनो-योद्धा 2025’ में आंतरिक परिचालन समाधान प्रदर्शित किए

भारतीय सेना ने ‘इनो-योद्धा 2025’ में आंतरिक परिचालन समाधान प्रदर्शित किए

भारतीय सेना ने आज नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में उप सेनाध्‍यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र पाल सिंह की उपस्थिति में वार्षिक विचार एवं नवाचार प्रतियोगिता और संगोष्ठी इनो-योद्धा 2025 आयोजित की। 

इनो-योद्धा भारतीय सेना का एक वार्षिक कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में मौजूदा क्षमता में कमियों को दूर करने, परिचालन, रखरखाव, प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने और परिचालन प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आंतरिक नवाचारों की पहचान की जाती है। यह पहल, मैदानी वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से समझने वाले सैनिकों को पेशेवर विशेषज्ञता, रचनात्मक और आविष्कारशील क्षमता और तकनीकी कौशलयुक्‍त व्यावहारिक समाधानों में सक्षम बनाती है।

प्रतिकूल मौसम, दुर्गम इलाके और बदलते खतरों की भरमार वाले  सबसे चुनौतीपूर्ण और विविध माहौल में तैनात रहने वाली भारतीय सेना अपने कर्मियों में सूझबूझ, अनुकूलनशीलता और रचनात्मकता बढ़ाने के प्रयास में लगी रहती है। इनो-योद्धा आयोजन की नवाचार प्रतियोगिता इस बात को रेखांकित करती है कि सबसे प्रभावी समाधान अक्सर सीधे तौर पर सैन्‍य अभियान में शामिल सैनिक ही दे सकते हैं।

पिछले पांच वर्षों में, सेना के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण परिणाम रहे हैं: –

भारतीय सेना के नवंबर और दिसंबर 2025 के बीच आयोजित 2025-26 के संस्करण में उसकी विभिन्न शाखाओं और सेवाओं द्वारा रिकॉर्ड 89 नवाचार प्रस्तुत किए गए। कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद, 32 नवाचारों को आगे विकसित करने के लिए चयनित किया गया जिन्‍हें उप-सेनाध्‍यक्ष ने सम्मानित किया। इन नवाचारों को अब भारतीय सेना द्वारा परिष्कृत, उन्नत और युद्ध क्षेत्र में तैनाती के लिए तैयार किया जाएगा। इनके लिए बौद्धिक संपदा अधिकार आवेदन दायर किए जाएंगे और इसमें सफलता के बाद, इन प्रौद्योगिकियों को व्‍यापक उत्पादन के लिए उद्योग जगत को हस्तांतरित किया जा सकता है, जिससे आत्मनिर्भर भारत के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता और स्वदेशी डिज़ाइन, विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने को बल मिलेगा।

उप-सेनाध्‍यक्ष, लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र पाल सिंह ने नवोनमेषकों से बातचीत में उनके सैन्‍य-प्रेरित योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि रक्षा में तैनात सैनिक युद्धक्षेत्र की चुनौतियों को किसी और से बेहतर समझते हैं और उनके द्वारा आवश्‍यकता पर आधारित नवाचार अद्वितीय अनुभव, तकनीकी दक्षता और समस्या-समाधान कल्पनाशीलता को दर्शाते हैं।

इनो-योद्धा मंच सेना की नवाचार संस्कृति को निरंतर सुदृढ़ करता है और सैनिकों को परिचालन चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए सशक्त बनाता है। भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के साथ ही इस तरह की पहल सुनिश्चित करती है कि अत्याधुनिक, सैनिक-नेतृत्व वाले समाधान इसके परिवर्तन के मूल में निहित रहें। इस कार्यक्रम ने राष्ट्र की सेवा में भविष्य के लिए तैयार, तकनीकी तौर पर सशक्त और परिचालन में निर्णायक बने रहने के भारतीय सेना के संकल्प की पुष्टि की है।

आगंतुक पटल : 278