भारतीय रेलवे का किफायती यात्री किराए और माल ढुलाई सेवाओं के लिए प्रयास लगातार जारी
भारतीय रेलवे का किफायती यात्री किराए और माल ढुलाई सेवाओं के लिए प्रयास लगातार जारी
भारतीय रेलवे यात्रियों और माल दोनों के लिए किफायती परिवहन सेवाएं प्रदान करने के प्रति प्रयासरत है। यात्री किराया और माल ढुलाई शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए कई विकल्पों का मूल्यांकन एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।
माल ढुलाई दरों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए, इनपुट लागत में सालों से बढ़ोतरी के बाद भी, 2018 से माल ढुलाई दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया है।
5 वर्ष से अधिक के अंतराल के बाद, 1 जुलाई 2025 से यात्री किराए को युक्तिसंगत बनाया गया। प्रीमियम श्रेणियों के लिए किराए में बढ़ोतरी बेहद कम है, जो प्रति किलोमीटर आधा पैसे से लेकर दो पैसे तक है। किराया संशोधन का विवरण इस प्रकार है:
i) सामान्य श्रेणी में 500 किलोमीटर तक कोई बढ़ोतरी नहीं, उसके बाद प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराए में आधा पैसे की बढ़ोतरी।
ii) सामान्य स्लीपर क्लास और सामान्य फर्स्ट क्लास में प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराए में आधा पैसे की बढ़ोतरी।
iii) मेल एक्सप्रेस के नॉन–एसी श्रेणी में प्रति यात्री प्रति किलोमीटर 1 पैसे की बढ़ोतरी।
iv) आरक्षित एसी श्रेणी में प्रति यात्री प्रति किलोमीटर 2 पैसे की बढ़ोतरी।
कम और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए किराया देने की क्षमता बनाए रखने के लिए, एमएसटी (मासिक सीजन टिकट) और उपनगरीय यात्रा के किराए में कोई संशोधन नहीं किया गया है।
Last year, I would like to inform you that Railways has given about ₹ 60,000 Cr worth of subsidy so that passenger transport can remain affordable. Compared to neighbouring countries, India is providing the most affordable transportation to our passengers: Hon’ble MR Shri… pic.twitter.com/n6ZkSGI0eU
माल ढुलाई बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम
भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई और राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
समय काल
कमीशन किए गए नए ट्रैक
2009-14
7,599 किलोमीटर
2014-25
34,428 किलोमीटर
इसके अतिरिक्त, दिनांक 01.04.25 तक 431 परियोजनाओं (154 नई लाइन, 33 गेज रूपांतरण और 244 दोहरीकरण) को मंजूरी दी गई है। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:-
श्रेणी
परियोजनाओं की संख्या
कुल लंबाई (किलोमीटर में)
मार्च 2025 तक किया गया काम (किलोमीटर में)
बकाया (किलोमीटर में)
लागत (करोड़ रुपये में)
नई लाइन
154
16,142
3,036
13,105
3,77,389
गॉज में बदलाव
33
4,180
2,997
1,183
43,820
डबलिंग/ मल्टी ट्रैकिंग
244
15 644
6,736
8,909
2,53,711
कुल
431
35,966
12,769
23,197
6,74,920
समय
रूट किलोमीटर
2014 से पहले
21,801
2014-25
46,900
उपरोक्त उपायों के चलते, माल ढुलाई 2020-21 में 1,233 मीट्रिक टन से बढ़कर 2024-25 में 1617 मीट्रिक टन हो गई है। 2024-25 के दौरान, भारतीय रेलवे ने 1617 मीट्रिक टन माल का परिवहन किया, जिससे यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी मालवाहक रेलवे बन गई है।
यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में प्रश्नों के उत्तर में दी।