Wednesday, December 24, 2025
Latest:
Current Affairs

भारतीय गुणवत्ता परिषद ने देश के गुणवत्ता इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए आधुनिक गुणवत्ता सुधारों की घोषणा की

भारतीय गुणवत्ता परिषद ने देश के गुणवत्ता इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए आधुनिक गुणवत्ता सुधारों की घोषणा की

भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने सुशासन दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर आज आधुनिक गुणवत्ता सुधारों के एक व्यापक सेट की घोषणा की। इसका उद्देश्य देश के गुणवत्ता इकोसिस्टम को मजबूत करना और विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।

ये सुधार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि से प्रेरित और श्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत का सम्मान करते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के मार्गदर्शन में लागू किए जा रहे हैं।

परिचालन संबंधी अनुभव और हितधारकों की बदलती जरूरतों से प्रेरणा लेते हुए, इन सुधारों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा, प्रयोगशालाओं, लघु एवं मध्यम उद्यमों और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में परिवर्तनकारी प्रभाव डालना है।

गुणवत्ता इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के लिए प्रणाली-व्यापी सुधारों में क्यू मार्क – देश का हक जारी किया जाना शामिल है। यह एक क्यूआर-कोडित गुणवत्ता चिह्न है, इससे नागरिकों को अपनी प्रयोगशाला, अस्पताल और एमएसएमई के बारे में जानकारी मिल सकेगी, पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और फर्जी प्रमाणपत्रों का उन्मूलन होगा।

इन सुधारों से कम कागजी कार्रवाई, कम समय सीमा, कम निरीक्षण और उच्च विश्वास पर आधारित एक सहज प्रणाली के माध्यम से निरीक्षण से विश्वास की ओर बदलाव आएगा। युवा विशेषज्ञों को शामिल करने और सभी के लिए पहुंच उपलब्‍ध करने के लिए प्रवेश बाधाओं को कम करके बोर्डों और विभागों में मूल्यांकनकर्ताओं के समूह का विस्तार किया जाएगा।

भारतीय गुणवत्ता परिषद  समयबद्ध शिकायत निवारण और प्रतिक्रिया समाधान के लिए एक सुरक्षित टिकट-आधारित प्रणाली, गुणवत्ता सेतु की भी शुरूआत कर रहा है। कई प्रत्यायन पोर्टलों को प्रतिस्थापित करने के लिए एक एकल, पेपरलेस, मॉड्यूलर वन-स्टॉप प्रत्यायन प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।

उद्योग और लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए किए जाने वाले सुधारों का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले छह करोड़ से अधिक एमएसएमई को सशक्त बनाना है। भारतीय उत्पाद वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने के लिए क्यूसीआई-उद्योग साझेदारी के तहत, क्यूसीआई टियर-2 और टियर-3 आपूर्तिकर्ताओं को जेडईडी और लीन प्रमाणन प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगा। ओडीओपी पहल के तहत 2026 तक एक लाख एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों को गुणवत्ता, पैकेजिंग और ब्रांडिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एमएसएमई के लिए एक शॉप फ्लोर बेस्ट प्रैक्टिस प्लेबुक शुरू की जाएगी इससे छोटे व्यवसाय से जुड़ें लोग वैश्विक गुणवत्ता के तौरतरीकों से परिचित हो सकेंगे और दैनिक कार्य-प्रणाली बढि़या ढंग से काम कर सकेगी। जेडईडी और लीन प्रमाणन के शुल्क कम किए जाएंगे ताकि बड़े से लघु तक सभी उद्यमियों के लिए यह किफायती, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और मान्यतापूर्ण हो।

उद्योग और प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल सुधारों के तहत, भारतीय गुणवत्ता परिषद  का लक्ष्य भारत को विश्व की परीक्षण राजधानी के रूप में स्थापित करना है। मान्यता प्राप्त कार्यक्षेत्रों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए एक आदर्श कार्यक्षेत्र तैयार किया जाएगा। राष्ट्रीय परीक्षण प्रणाली को मजबूत करने के लिए तकनीकी कौशल विकास पहलों के तहत 2026 तक 5,000 प्रयोगशाला कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए स्व-घोषणा से तैयार एनएबीएल मूल्यांकनकर्ताओं के लिए प्रस्तावित हस्ताक्षरकर्ताओं की स्वीकृति 48 घंटों के भीतर हो सकेगी। प्रयोगशालाओं को मौजूदा कार्यक्षेत्रों के अंतर्गत समान उत्पादों, विधियों, परीक्षणों या विश्लेषकों के लिए 48 घंटे का कार्यक्षेत्र विस्तार दिया जाएगा और इससे लंबे इंतजार की अवधि समाप्त हो जाएगी। जहां परीक्षण मापदंड पहले से ही शामिल हैं, वहां उत्पाद-आधारित मान्यता के लिए अतिरिक्त शुल्क समाप्त कर दिए जाएंगे।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एनएबीएच के सुधारों के तहत, प्रत्येक अस्पताल और प्रत्येक क्षेत्र में रोगी सुरक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है। एनएबीएच के मित्रा कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्यक्ष और विश्वसनीय मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। इसमें प्रशिक्षित और सत्यापित सलाहकारों को आधिकारिक तौर पर अस्पतालों, विशेष रूप से छोटे शहरों में, मार्गदर्शन के लिए पैनल में शामिल किया गया है। मान्यता मानदंडों में ढील दी जाएगी और 20 प्रतिशत क्षमता वाले अस्पतालों को भी आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी। दंड प्रणाली में पूर्ण प्रतिबंध के बजाय मार्गदर्शन और सुधार के साथ श्रेणीबद्ध दंड लागू किए जाएंगे। गुणवत्ता पाठशाला के माध्यम से डॉक्टरों, नर्सों और तकनीशियनों को रोगी सुरक्षा और मान्यता के क्षेत्र में भूमिका-आधारित कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों में ऑन-साइट निरीक्षणों को कम करने के लिए एआईसहायता प्राप्त फॉर्म भरने और कम्प्यूटर-आधारित निगरानी सहित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली शुरू की जाएगी।

एनएबीसीबी द्वारा प्रमाणन निकायों के लिए किए जा रहे सुधारों के तहत, यह सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएंगे कि स्थानीय उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुंचें। स्वदेशी रूप से निर्मित उत्पादों के लिए मान्यता प्राप्त प्रमाणन शुरू किया जाएगा ताकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारतीय उत्पादों की निर्बाध स्वीकृति सुनिश्चित हो सके। त्वरित बाजार पहुंच के लिए वैश्विक स्तर पर संरेखित एनएबीसीबी-मान्यता प्राप्त प्रमाणन के माध्यम से भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए एक गुणवत्ता पासपोर्ट शुरू किया जाएगा। ड्रोन और साइबर सुरक्षा जैसे नए युग की प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के लिए प्रमाणन निकायों की त्वरित मान्यता प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

इन सुधारों के बारे में बताते हुए भारतीय गुणवत्ता परिषद  के अध्यक्ष श्री जैक्सय शाह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन और भारत की विश्वगुरु बनने की आकांक्षा के अनुरूप, अगली पीढ़ी के ये सुधार क्यूसीआई द्वारा हाल के वर्षों में प्रत्यायन प्रणालियों को सरल बनाने, प्रक्रियात्मक बाधाओं को कम करने और भारत के गुणवत्ता इकोसिस्टम में विश्वास को मजबूत करने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य प्रक्रियाओं में तेजी लाना, समय को कम करना और प्रौद्योगिकी-आधारित प्रणालियों का लाभ उठाकर गुणवत्ता आश्वासन को देश भर के उद्यमों, संस्थानों और नागरिकों के लिए अधिक तेज, पारदर्शी और सुलभ बनाना है।

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय गुणवत्ता परिषद  ने देश के गुणवत्ता तंत्र को आधुनिक बनाने और विश्वास-आधारित शासन को मजबूत करने के लिए लगातार संरचनात्मक और प्रक्रिया-आधारित सुधार किए हैं। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य प्रत्यायन ढांचों को सरल बनाना, प्रक्रियात्मक जटिलता को कम करना, डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना, निरीक्षणों को युक्तिसंगत बनाना और अनुपालन में आसानी और पारदर्शिता में सुधार के लिए संस्थागत क्षमता का विस्तार करना रहा है।

जैसे-जैसे देश विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है, ये सुधार पारदर्शी शासन, सरलीकृत अनुपालन और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी उद्यमों को सक्षम बनाने के लिए देश की गुणवत्ता संरचना को मजबूत करने के प्रति भारतीय गुणवत्ता परिषद  की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इससे गुणवत्ता सतत विकास, नागरिक विश्वास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए उत्प्रेरक के रूप में स्थापित होती है।

***.*

आगंतुक पटल : 145