बिहार में पेयजल सुरक्षा और आर्सेनिक शमन
बिहार में पेयजल सुरक्षा और आर्सेनिक शमन
जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत जल गुणवत्ता निगरानी और पर्यवेक्षण की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए एक वेब आधारित जेजेएम–एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (जेजेएम–आईएमआईएस) विकसित की गई है, जहां राज्य/संघ राज्य क्षेत्र आर्सेनिक और फ्लोराइड सहित उन बसावटों की स्थिति की सूचना देते हैं जिनके पेयजल स्रोतों में संदूषण है। जेजेएम–आईएमआईएस पर बिहार राज्य द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, आज तक, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी बसावटों को आर्सेनिक और फ्लोराइड संदूषण से मुक्त सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जाता है।
जेजेएम के अंतर्गत निधियां राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सीधे जारी की जाती हैं और उनका जिला–वार निधि ब्यौरा भारत सरकार के स्तर पर नहीं रखा जाता है। 2019-20 से, बिहार राज्य के लिए जेजेएम के तहत जारी केंद्रीय हिस्से की कुल निधि 770.95 करोड़ रुपये है। बिहार राज्य सरकार ने 2021-22 से जेजेएम निधि आहरित नहीं की है।
पेयजल के लिए जल गुणवत्ता, नमूना संग्रह आदि हेतु पानी के नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट सहित जल गुणवत्ता निगरानी और पर्यवेक्षण की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सक्षम बनाने हेतु, एक ऑनलाइन जेजेएम जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्ल्यूक्यूएमआईएस) पोर्टल भी विकसित किया गया है। डब्ल्यूक्यूएमआईएस के माध्यम से सूचित किए गए जल गुणवत्ता परीक्षण का राज्य–वार विवरण पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है और इसे उल्लिखित लिंक पर देखा जा सकता है: https://ejalshakti.gov.in/WQMIS/Main/report
इसके अलावा, जेजेएम डैशबोर्ड पर एक ‘सिटीजन कॉर्नर‘ विकसित किया गया था, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में पीडब्ल्यूएस के माध्यम से जल आपूर्ति की गुणवत्ता के बारे में लोगों में जागरूकता का प्रसार करने और विश्वास उत्पन्न करने के लिए पब्लिक डोमेन में ग्राम स्तर के जल गुणवत्ता परीक्षण के परिणामों को प्रदर्शित करना शामिल है। पीने योग्य जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल गुणवत्ता परीक्षण को प्रोत्साहित करने हेतु, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने आम जनता के लिए जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं खोली हैं ताकि वे मामूली दर पर अपने पानी के नमूनों का परीक्षण करवा सकें और इनका विवरण https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMIndia.aspx लिंक पर उपलब्ध सिटीजन कॉर्नर से प्राप्त किया जा सकता है।
यह सूचना केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल द्वारा राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।