प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने दायित्वपूर्ण, नवाचार-अनुकूल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शासन के लिए तकनीकी-वैधानिक विनियमन पर उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने दायित्वपूर्ण, नवाचार-अनुकूल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शासन के लिए तकनीकी-वैधानिक विनियमन पर उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय – ओपीएसए ने मिशन-उन्मुख, गैर-लाभकारी, विचार कार्य समूह – आईएसपीआईआरटी फाउंडेशन और सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के सहयोग से 22 दिसंबर 2025 को दायित्वपूर्ण, नवाचार-संरेखित एआई शासन के लिए तकनीकी-वैधानिक विनियमन विषय पर एक उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर अजय कुमार सूद की अध्यक्षता में यह बैठक इंडिया एआई इम्पैक्ट सम्मेलन 2026 से पहले आधिकारिक पूर्व-शिखर बैठक के तौर पर आयोजित की गई।
गोलमेज बैठक में पीएसए कार्यालय की सलाहकार/वैज्ञानिक ‘जी’ डॉ. प्रीति बंज़ल; केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वैज्ञानिक ‘जी’ और समूह समन्वयक सुश्री कविता भाटिया; आई-एसपीआईआरटी फाउंडेशन के वालिंटियर नीति एआई के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री हरि सुब्रमणियन; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के दायित्वपूर्ण एआई केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर बालारमन रविंद्रन; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के प्रोफेसर मयंक वत्सा; दिल्ली के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के संचार शासन केंद्र की निदेशक सुश्री झलक कक्कड़; और प्राइवासैपियन के संस्थापक और मुख्य कार्याकारी अधिकारी श्री अभिलाष सुंदराराजन सहित वरिष्ठ हितधारक और विषय-विशेषज्ञ शामिल हुए।

बैठक में विषय चर्चा आरंभ करते हुए डॉ. बंजल ने तकनीकी-वैधानिक विनियमन के प्रति भारतीय दृष्टिकोण का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने व्यावहारिक कार्यान्वयन तंत्र स्थापित करने और अनुकरणीय एआई शासन के लिए, सक्षम नीतिगत प्रणाली, क्षमता निर्माण और वैश्विक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
प्रोफेसर सूद ने अपने मुख्य भाषण में एआई प्रशासन के लिए तकनीकी-वैधानिक दृष्टिकोण अपनाने की भारत की तत्परता की चर्चा करते हुए दायित्वपूर्ण, पारदर्शी, डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एआई प्रणालियों में वैधानिक और नियामक सिद्धांतों को प्रत्यक्ष रूप से शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बैठक में भाग लेने वाले विशेषज्ञों से तकनीकी-वैधानिक प्रशासन ढांचा तैयार करने के सभी संभावित उपायों का मूल्यांकन करने को कहा।

कार्यक्रम में सह-संचालक श्री सुब्रमणियन और प्रोफेसर रविंद्रन ने डेटा सुरक्षा, सूचना गोपनीयता उजागर होने के जोखिम, निजता भंगता का खतरा, सटीकता और प्रणाली दक्षता सहित प्रमुख चुनौतियों और मापदंडों का उल्लेख किया और निजता तथा प्रणाली में संतुलन बनाने की चर्चा की। उन्होंने आंकड़ों तक समान पहुंच, डेटा प्रभुत्व और व्यापक आर्थिक एवं रणनीतिक पहलुओं के महत्व को रेखांकित किया।
विशेषज्ञों ने मज़बूत डेटा गोपनीयता और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रशिक्षण, अनुमान और क्रियान्वयन में सहमति तंत्र की आवश्यकता, डीईपीए ढांचे के साथ इसके अभिसरण और भारतीय एआई शासन मॉडल की वैश्विक स्तर पर व्यापकता के लिए अनुपालन-आधारित ढांचे के निर्माण पर ज़ोर दिया। चर्चा में गैर-निर्धारित एआई प्रणालियों और एआई-जनित सामग्री के लिए कॉपीराइट संबंधी चिंताओं से निपटने की नियामक प्रतिक्रियाओं पर भी विचार किया गया। साथ ही एआई शासन के लिए तकनीकी-वैधानिक ढांचे लागू करने की चुनौतियों को भी रेखांकित किया गया। बैठक में विशेषज्ञों ने सुदृढ़ एआई मॉडल को तकनीकी और सामाजिक-आर्थिक लाभों के साथ संतुलित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे प्राप्त समाधान व्यावहारिक, सुलभ और अंतिम उपयोगकर्ता स्तर तक इस्तेमाल योग्य होने चाहिए।
चर्चा में विशेषज्ञों ने सम्पूर्ण एआई प्रणाली में दायित्वपूर्ण मानकीकृत मूल्यांकन ढांचा विकसित करने, प्राप्त जानकारियों को प्रभावी नीतिगत उपायों में बदलने और जोखिम कम कर तथा सब तक समान पहुंच को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा और शासनात्मक उपायों को सीधे एआई प्रौद्योगिकी स्टैक में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. बंज़ल ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ गोलमेज सम्मेलन सम्पन्न किया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में व्यक्त विचार और अंतर्दृष्टि इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के सुरक्षित और विश्वसनीय एआई चक्र में योगदान देंगी, जो नवाचार-समर्थक और विश्वसनीय एआई पारिस्थितिकी तंत्र विकासित करने में सहायक होगा और वैश्विक एआई शासन में भारत की भूमिका सुदृढ़ करेगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) शासन के लिए तकनीकी-वैधानिक विनियमन पर एक व्याख्यात्मक श्वेत पत्र भी जारी करेगा जिसमें गोलमेज बैठक में दिए गए सभी सुझाव और अनुशंसाएं शामिल की जाएंगी।