प्रधान मंत्री ने एक संस्कृत श्लोक का उल्लेख करते हुए सच्चे सुख के मार्ग के रूप में आत्मनिर्भरता के सार पर बल दिया
प्रधान मंत्री ने एक संस्कृत श्लोक का उल्लेख करते हुए सच्चे सुख के मार्ग के रूप में आत्मनिर्भरता के सार पर बल दिया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उस शाश्वत भारतीय ज्ञान पर प्रकाश डाला, जो आत्म-अनुशासन और आत्म-निर्भरता को व्यक्ति तथा राष्ट्र की प्रगति के केंद्र में रखता है।
एक शास्त्रीय संस्कृत सूक्ति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पर-निर्भरता से कष्ट उत्पन्न होता है, जबकि अपने कर्मों पर नियंत्रण से स्थायी सुख की प्राप्ति होती है।
एक्स पर एक पोस्ट में श्री मोदी ने संस्कृत में लिखा:
“सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्।
एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥”
सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्।
एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥ pic.twitter.com/519XHslFd4