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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों को संपूर्ण सहायता प्रदान करती है; 23.09 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों को संपूर्ण सहायता प्रदान करती है; 23.09 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर, 2023 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को, जो अपने हाथों और औज़ारों से काम करते हैं, संपूर्ण सहायता प्रदान करना है। 1 दिसंबर, 2025 तक, 30 लाख लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से 23.09 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु क्यूआर कोड बनाने हेतु इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेटीएम, पेनियरबाय, भारतपे और फोनपे के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अब तक, 6.8 लाख से अधिक कारीगरों/शिल्पकारों को 22 करोड़ रुपये की राशि के डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन का भुगतान किया जा चुका है। पीएम विश्वकर्मा लाभार्थियों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ओएनडीसी, फैबइंडिया, मीशो आदि जैसे विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से ऑनलाइन मार्केटिंग सहायता प्रदान की जा रही है। 30 हजार से अधिक विश्वकर्मा लाभार्थियों को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर सफलतापूर्वक जोड़ा गया है, जिससे संस्थागत खरीदारों तक उनकी पहुंच बढ़ी है।

चैंपियंस पोर्टल समाधान, निवारण और उपचार के लिए एक मंच है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित के लिए प्रदान की जाने वाली एक सुविधा है: –

आज तक, यह पोर्टल देश के 69 राज्य नियंत्रण कक्षों की सुविधा का उपयोग करके अंग्रेजी और 22 स्थानीय भाषाओं सहित 23 भाषाओं में जानकारी प्रसारित करता है। विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य वित्तीय निगमों, राज्य सहकारी समितियों, सीपीएसई/स्वायत्त निकायों आदि ने प्रश्नों के समाधान हेतु चैंपियंस पोर्टल के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। 26 नवम्बर, 2025 तक पोर्टल को 1,59,577 शिकायतें प्राप्त हुईं और 99.24 प्रतिशत (1,58,372) का उत्तर दिया जा चुका है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

  1. एमएसएमई शिकायतों का त्वरित, सुविधाजनक और प्रभावी निवारण सुनिश्चित करना।
  2. विभिन्न सरकारी योजनाओं/नीतियों को अपनाने में एमएसएमई को सहयोग प्रदान करना तथा उनकी सहायता करना।
  3. एमएसएमई को मंत्रालय, राज्य सरकारों, ऋण संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के प्रमुख अधिकारियों से जोड़ना।
  4. एमएसएमई मंत्रालय की सभी योजनाओं की जानकारी और विवरण का प्रसार करना।

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