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प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है, रोजगार संबंधी योग्यता बढ़ाती है और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करती है

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है, रोजगार संबंधी योग्यता बढ़ाती है और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करती है

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई 2025 को रोजगार-संबद्ध प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) को मंजूरी दी, जिसका नाम प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) है। इसका लक्ष्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और ग्रामीण उद्यमों सहित सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, रोजगार संबंधी योग्यता बढ़ाना और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) के तहत प्रोत्साहन 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 31 जुलाई 2027 को समाप्त होने वाली दो वर्षीय पंजीकरण अवधि के दौरान सृजित नौकरियों पर लागू होंगे। इस योजना का लक्ष्य दो वर्षों की अवधि में पूरे देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का बजटीय परिव्यय 99,446 करोड़ रुपये है।

योजना के भाग के तहत मौजूदा और नए दोनों प्रतिष्ठानों के पहली बार नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को एक महीने के कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये है। यह प्रोत्साहन राशि रोजगार के पहले वर्ष के दौरान दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त, जो 7,500 रुपये तक होगी, लगातार छह महीने के रोजगार के बाद दी जाएगी। दूसरी किस्त के लिए पात्रता बारह महीने के रोजगार के पूरा होने और निर्धारित वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्राप्त होगी। यह दूसरी किस्त एक निर्दिष्ट अवधि के लिए उपयुक्त बचत साधन/बचत खाते में जमा की जाएगी। भाग बीके तहत नियोक्ताओं को कम से कम 6 महीने तक बनाए गए प्रत्येक अतिरिक्त रोजगार के लिए प्रति माह 3,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) को कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार सृजन और रोजगार के नुकसान की बहाली के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने हेतु 1 अक्टूबर 2020 से शुरू किया गया था। लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 थी। 31 मार्च 2022 तक पंजीकृत लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकरण की तिथि से 2 वर्षों तक लाभ प्राप्त हुआ। योजना की शुरुआत से लेकर 31 मार्च 2024 तक देश में 60.49 लाख लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया है।

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने यह जानकारी आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

 

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