पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए परामर्शदात्री समिति ने पीएम-डिवाइन योजना की प्रगति की व्यापक समीक्षा की
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए परामर्शदात्री समिति ने पीएम-डिवाइन योजना की प्रगति की व्यापक समीक्षा की
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) की परामर्शदात्री समिति की बैठक 3 दिसंबर, 2025 को केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया की अध्यक्षता में संसदीय सौध भवन में हुई। बैठक में केंद्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री श्री सुकांत मजूमदार भी शामिल हुए।
श्री सिंधिया ने लोकसभा और राज्यसभा की समिति के सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि समिति की बैठकें पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश और विकास प्रगति पर निरंतर संवाद का एक अभिन्न अंग हैं। उन्होंने परामर्शदात्री समिति की बैठकों के दौरान सदस्यों की सक्रिय भागीदारी और बहुमूल्य अंतर्दृष्टि के लिए उनका धन्यवाद भी किया।

पीएम-डिवाइन (पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल) को मंत्रालय की सबसे महत्वपूर्ण योजना बताते हुए, श्री सिंधिया ने बताया कि इस योजना की परिकल्पना केंद्रीय बजट वर्ष 2022-2023 में की गई थी। इस योजना का वर्ष 2022-2023 से 2025-2026 की अवधि के लिए कुल परिव्यय 6600 करोड़ रुपये है। 31 अक्टूबर, 2025 तक लगभग 5,700 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 176 करोड़ रुपये की स्वीकृत परियोजनाओं में से तीन पूरी हो चुकी हैं और लगभग 5,500 करोड़ रुपये की 41 परियोजनाएं वर्तमान में प्रगति पर हैं। इसके अलावा, 111 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है और 625 करोड़ रुपये की और परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। मंत्रालय योजना परिव्यय का पूरा उपयोग करने की दिशा में अग्रसर है।

समिति के सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने असम, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में कार्यान्वयन के अंतर्गत परियोजनाओं का विशिष्ट विवरण प्रदान किया। त्रिपुरा में पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए एक सुझाव पर मंत्री महोदय ने बताया कि राज्य सरकारों के परामर्श से चिन्हित चयनित स्थानों पर, प्रत्येक पूर्वोत्तर राज्य में विश्व-स्तरीय सुविधाओं के साथ पर्यटन सर्किट विकसित किए जाएंगे। शुरुआत में, मेघालय में सोहरा सर्किट और त्रिपुरा में माताबारी सर्किट को पायलट आधार पर लिया जा रहा है। मेघालय-सोहरा सर्किट की आधारशिला पहले ही रखी जा चुकी है जबकि त्रिपुरा-माताबारी सर्किट अनुमोदन के अंतिम चरण में है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के अलावा पर्यटन सर्किट परियोजना में पर्यटन में वृद्धि और बेहतर पर्यटक अनुभव के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कुशल जनशक्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण पर मजबूत ध्यान दिया जाएगा।

श्री सिंधिया ने कहा कि पीएम-डिवाइन परियोजनाओं की निगरानी एक दृढ़ और बहुस्तरीय तंत्र के माध्यम से की जाती है। इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाती है। प्रत्येक परियोजना की अपेक्षित और वास्तविक समय-सीमा के आधार पर निगरानी की जाती है। इन समीक्षाओं के दौरान समय-चिह्नित तस्वीरों के माध्यम से भौतिक प्रगति का आकलन किया जाता है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अधिकारी भी जमीनी स्तर पर निरीक्षण करते हैं और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तृतीय-पक्ष मूल्यांकन तंत्र द्वारा भी इसका अनुपूरण किया जाता है।
मंत्री महोदय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में तीव्र, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई जिसमें पीएम-डिवाइन बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
Chaired the Parliamentary Consultative Committee meeting of @MDoNER_India along with MoS @DrSukantaBJP Ji and fellow Parliamentarians.
The North East is experiencing a renewed development push under PM-DevINE, with a clear emphasis on infrastructure, social advancement, and the… pic.twitter.com/qjUEhm5tKX