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पीएमएएजीवाई की विशेषताएँ और उद्देश्य

पीएमएएजीवाई की विशेषताएँ और उद्देश्य

आज राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए, जनजातीय कार्य मंत्रालय में केंद्रीय राज्‍य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) को पात्र गाँवों के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा लॉन्च किया गया था, जिनमें 50% जनजातीय जनसंख्या और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 500 अनुसूचित जनजाति शामिल हैं, जिन्हें समन्वयात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से विकास गतिविधियाँ संचालित करने के लिए चुना गया है। योजना के तहत प्रत्येक ग्राम के लिए ₹20.38 लाख (36,428 गांवों के लिए ₹7276 करोड़) का आवंटन किया गया था और राज्यों से अपेक्षित था कि वे उस केंद्रीय एसटीसी (अनुसूचित जनजाति घटक) और राज्य टीएसपी (जनजातीय उप-योजना) निधि का समन्वय करते हुए ग्राम विकास योजना तैयार करें, जो संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकार के पास उपलब्ध हों।

पीएमएएजीवाई योजना के तहत अब तक 17,656 ग्राम विकास योजनाएँ (वीडीपी) स्वीकृत की जा चुकी हैं।

वीडीपी में उद्देश्य यह है कि प्रत्येक चयनित गाँव में अंतोदय मिशन के माध्यम से पहचाने गए बुनियादी सुविधाओं के अंतर को दूर किया जाए, जैसे सड़क संपर्क, टेलीकॉम संपर्क (मोबाइल/इंटरनेट), स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पीने का पानी और बिजली।

पीएम जनमन की सफलता से प्राप्त अनुभव के आधार पर, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्थान अभियान (डीए जेजीयूए) शुरू किया गया है, जो पीएमएएजीवाई का अधिक संरचित संस्करण है, जिसमें लाइन मंत्रालयों और राज्य विभागों से प्रमुख हस्तक्षेपों के लिए निधियों का समर्पित समन्वय और संतृप्ति सुनिश्चित की गई है।

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