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पावरलूम सेक्टर

पावरलूम सेक्टर

पावरलूम के लिए आखिरी बेसलाइन सर्वे 2013 में किया गया था। उस सर्वेक्षण में पता चला कि देश भर में लगभग 24 लाख पावरलूम हैं, जिनसे लगभग 44 लाख लोगों को रोज़गार मिला हुआ है। आखिरी बेसलाइन सर्वे के अनुसार पावरलूम की संख्या और श्रम शक्ति का राज्यवार विवरण नीचे दिया गया है। पावरलूम सेक्टर से जुड़े मज़दूरों की लेटेस्ट मार्केट डायनामिक्स, टेक्नोलॉजी लेवल और सामाजिकआर्थिक पहलुओं का आकलन सुनिश्चित करने के लिए, वस्त्र मंत्रालय के तहत वस्त्र समिति ने पावरलूम सेक्टर के बेसलाइन सर्वे के लिए रूपरेखा तैयार की है। अध्ययन के नियम और शर्तें फाइनल कर दी गई हैं और सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है।

 

उत्पाद अंतर, मांग, गुणवत्ता अनुबंध व्यवस्था जैसे अलगअलग कारकों आदि का संयोग भारत के वस्त्र क्षेत्र के  निर्यात पर वैश्विक शुल्क के असर को तय करता है, जिसमें पावरलूम एक्सपोर्ट भी शामिल है। सरकार नियमित रूप से भारत के वस्त्र और अपैरल निर्यात पर नज़र रख रही है, जिसमें पावरलूम निर्यात भी शामिल है। सरकार शुल्क के असर पर भी नज़र रख रही है।

 

3 सितंबर, 2025 को हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में परिषद ने गड़बड़ियों को दूर करने, उत्पादन लागत कम करने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता में सुधार करने और वस्त्र क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण तार्किक उपायों की सिफारिश की। सरकार ने उपभोक्ताओं और उद्योग को राहत देने के लिए कम शुल्क स्लैब का दायरा बढ़ाया है। खास तौर पर, जीएसटी परिषद ने रेडीमेड कपड़ों और मेडअप्स पर 5% जीएसटी दर के लिए थ्रेशहोल्ड को 1,000 रुपये प्रति पीस से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति पीस करने की सिफारिश की। इसके अलावा, इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (आईडीएस) को ठीक करने और प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने के लिए, मैनमेड फाइबर्स (एमएमएफ) और एमएमएफ यार्न पर जीएसटी दरों को क्रमशः 18% और 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह फाइबरयार्नफैब्रिक दरों को एक साथ लाता है। इससे विनिर्माताओं पर लंबे समय से चला रहा कार्यशील पूंजी का बोझ खत्म हो जाता है।

 

वस्त्र उद्योग, खासकर छोटी और मध्यम इकाइयां, क्लस्टर्स और डिसेंट्रलाइज्ड पावरलूम सेक्टर के विकास के लिए, वस्त्र मंत्रालय, वस्त्र आयुक्त के कार्यालय के ज़रिए देश भर के प्रमुख पावरलूम क्लस्टर्स में 44 इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल एंड अपैरल डेवलपमेंट सेंटर (आईटीएडीसी) के माध्यम से टेस्टिंग लैब, प्रशिक्षण, जागरूकता, डिज़ाइन विकास, समस्या समाधान, पावरलूम सैंपल सर्वे जैसी सेवाएं देने में सहायता करता है।

 

इसके अलावा, डिसेंट्रलाइज्ड पावरलूम सेक्टर की क्षमता और कॉम्पिटिटिवनेस को बढ़ाने के लिए, 2017-20 की अवधि के लिए पूरे भारत में पावरटेक्स इंडिया स्कीम शुरू की गई थी, जिसे 2021 तक बढ़ाया गया था। अब यह स्कीम टेक्सटाइल क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम (टीसीडीएस) में शामिल हो गई है और सिर्फ़ प्रतिबद्ध दायित्वों को पूरा करने के लिए चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समर्थन दिया जा रहा है। इसके अलावा, देश में पावरलूम सेक्टर के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने समयसमय पर कई पहल की हैं, जैसे कि संशोधित टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (एटीयूएफएस), ग्रुप वर्कशेड स्कीम, पावरलूम बुनकरों के लिए पीएम क्रेडिट स्कीम, इनसीटू अपग्रेडेशन फंड स्कीम और कॉम्प्रिहेंसिव पावरलूम क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम (सीपीसीडीएस)

 

एक दृष्टि में राज्यवार पावरलूम उद्योग

 

 

 

 राज्य

 

इकाइयां

 कुल करघे

 कुल रोज़गार

शटल्स करघे

उत्तर प्रदेश

59,038

1,90,874

5,77,748

2,690

राजस्थान

945

22,980

54,456

16,434

हरियाणा

1,600

25,510

42,533

1,128

पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर

1,162

14,511

25,025

1,251

मध्य प्रदेश

8,344

39,979

1,66,147

1,063

उत्तरी क्षेत्र कुल

71,089

2,93,854

8,65,909

22,566

गुजरात

34,966

5,24,102

6,63,068

34,331

महाराष्ट्र

1,49,613

9,48,891

15,54,938

35,429

छत्तीसगढ़

49

166

324

NA

पश्चिम क्षेत्र कुल

1,84,628

14,73,159

22,18,330

69,760

ओडिशा

824

1,793

3,792

NA

पश्चिम बंगाल

3,509

12,690

20,141

25

बिहार

3,839

20,511

42,770

12

असम/पूर्वोत्तर

30

464

868

NA

पूर्वी क्षेत्र कुल

8,202

35,458

67,571

37

तमिलनाडु

89,449

5,62,513

10,18,961

8,794

आंध्र प्रदेश

12,635

48,176

83,850

1,435

कर्नाटक

18,566

68,795

1,53,045

199

केरल

1,027

4,463

7,865

350

दक्षिण क्षेत्र कुल

1,21,677

6,83,947

12,63,721

10,778

पूरा भारत

3,85,596

24,86,418

44,18,240

1,03,141

 

यह जानकारी वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने आज राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

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