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पर्यटन का संवर्धन और विकास

पर्यटन का संवर्धन और विकास

भारत में 2019 से 2024 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन (आईटीए) नीचे दिए गए हैं:

वर्ष

आईटीए (लाख में)

2019

179.13

2020

63.37

2021

70.10

2022

143.30

2023

188.99

2024

205.69

 

पिछले पांच वर्षों के दौरान संशोधित अनुमान (आरई) के अनुसार, विदेशी संवर्धन और प्रचार योजना (ओपीपी) के तहत आवंटित बजट का विवरण निम्नानुसार है –

वर्ष

आवंटित बजट (करोड़ रुपये में)

2020-21

115.00

2021-22

89.00

2022-23

60.00

2023-24

100.00

2024-25

33.00

 

पर्यटन उद्योग की उभरती जरूरतों के अनुरूप इसे ढालने के लिए इस योजना की वर्तमान में समीक्षा की जा रही है।

 

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत, पूरे शहर में पहल की गई है, जिसके तहत प्रमुख शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट समाधान लागू किए जा रहे हैं। इनमें स्मार्ट मोबिलिटी, स्वच्छता, शासन, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण प्रबंधन से संबंधित कार्यक्रम शामिल हैं।

इसके अलावा, इस मिशन के अंतर्गत चल रही परियोजनाएं विरासत स्थलों के जीर्णोद्धार और संरक्षण, विरासत भवनों के अनुकूल पुन: उपयोग, ऐतिहासिक स्थलों के पैदल यात्रीकरण, झीलों, घाटों और नदी तटों के पुनरोद्धार के साथ-साथ कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित हैं।

इसी प्रकार, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत, अधिक संख्या में पर्यटकों की आवाजाही वाले प्रमुख विरासत और पर्यटन स्थलों पर स्वच्छ एवं स्वास्थ्यकर वातावरण उपलब्ध कराने के लिए पहल लागू की गई है।

पर्यटन मंत्रालय पर्यटकों की सुरक्षा और संरक्षा तंत्र को मज़बूत करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है। प्रमुख पहलों में यात्रियों की सहायता के लिए 24×7 बहुभाषी पर्यटक हेल्पलाइन (1800-11-1363 / 1363) की स्थापना, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सुरक्षित एवं सम्मानजनक पर्यटन आचार संहिताको अपनाना ताकि महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से सम्मान, सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके, और समर्पित पर्यटक पुलिस की तैनाती के लिए निरंतर समन्वय स्थापित किया जा सके। यह पर्यटन आचार संहिता कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही कार्यरत है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से समय-समय पर महिला पर्यटकों के लिए सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने हेतु निर्भया कोष के अंतर्गत महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थलयोजना का उपयोग करने का भी आग्रह किया जाता है।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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