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न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत फसलों का कवरेज बढ़ाना

न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत फसलों का कवरेज बढ़ाना

हर साल, सरकार विभिन्न राज्य सरकारों और संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों के दृष्टिकोणों पर विचार करने के बाद कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अनिवार्य कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करती है। एमएसपी की सिफारिश करते समय, सीएसीपी उत्पादन लागत, मांग-आपूर्ति की समग्र स्थिति, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय कीमतें, फसलों के बीच कीमतों में समानता, कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्रों के बीच व्यापार की शर्तें, अर्थव्यवस्था के बाकी हिस्सों पर संभावित प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण कारकों पर विचार करने के साथ-साथ ही भूमि, पानी और उत्पादन के अन्य संसाधनों का सही उपयोग  तथा उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत का मार्जिन भी सुनिश्चित करता है।

हालांकि, एमएसपी ढांचे के तहत फसलों को शामिल करना कई बातों पर निर्भर करता है। इनमें अपेक्षाकृत लंबे समय तक चलने वाली, खराब न होने वाली, बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाली, बड़े पैमाने पर उपभोग वाली चीज, खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक आदि शामिल हैं।

एमएसपी नीति के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु, एमएसपी की घोषणा के बाद, सरकार किसानों को मूल्य समर्थन देने हेतु भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और दूसरी निर्धारित राज्य  एजेंसियों के जरिए अनाज और मोटे अनाज खरीदती है। दालों, तिलहन और नारियल की खरीद प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की समग्र योजना के तहत मूल्य समर्थन योजना के तहत की जाती है। यह खरीद इन उत्पादों की बाजार कीमत एमएसपी से कम होने की स्थिति में संबंधित राज्य सरकार से सलाह करके की जाती है। पीएम-आशा योजना के तहत खरीद एजेंसियां ​​नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) हैं। कपास और जूट की खरीद भी सरकार एमएसपी पर भारतीय कपास निगम (सीसीआई) और भारतीय जूट निगम (जेसीआई) के जरिए करती है।

सरकार निर्धारित खरीद एजेंसियों के जरिए कृषिगत फसलों को खरीदने का प्रस्ताव देती है और किसानों के पास यह विकल्प होता है कि वे अपनी फसल सरकारी एजेंसियों को या खुले बाजार में, जो भी उनके लिए अधिक लाभदायक हो, बेचें।

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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