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नाबार्ड का सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्र में मांग के व्यापक स्तर पर मजबूती से बढ़ने, आय में सुधार और अभूतपूर्व आशावाद को दर्शाता है

नाबार्ड का सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्र में मांग के व्यापक स्तर पर मजबूती से बढ़ने, आय में सुधार और अभूतपूर्व आशावाद को दर्शाता है

नाबार्ड के आठवें ग्रामीण आर्थिक स्थिति एवं मत सर्वेक्षण (आरईसीएसएस) के अनुसार पिछले एक वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में उल्लेखनीय सुधार, आय में बढ़ोतरी और जीवन स्तर में बेहतर बदलाव के स्पष्ट संकेत मिले हैं। आरईसीएसएस एक उच्च आवृत्ति वाला द्विमासिक मूल्यांकन है जिसे नाबार्ड द्वारा सितंबर 2024 से संचालित किया जा रहा है।

यह सर्वेक्षण अब एक समृद्ध, वर्ष भर का डेटासेट प्रदान करता है जो अतीत की स्थितियों और भविष्य की घरेलू भावनाओं दोनों के आधार पर ग्रामीण आर्थिक परिवर्तनों का यथार्थवादी आकलन करने में सक्षम बनाता है।

गत एक वर्ष के दौरान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधारभूत ढांचे में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। उपभोग में वृद्धि, आय में बढ़ोतरी, घटती महंगाई और वित्तीय सतर्कता के बेहतर मानकों के साथ, ग्रामीण भारत विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। निरंतर कल्याणकारी सहायता और मजबूत सार्वजनिक निवेश इस गति को और बल दे रहे हैं।

मुख्य निष्कर्ष: सितंबर 2024 से नवंबर 2025 के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय मजबूती दर्ज की गई

1. वास्तविक क्रय शक्ति द्वारा संचालित उपभोग में उछाल

 

यह मजबूत और व्यापक मांग को दर्शाता है जो किसी एक क्षेत्र या विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित नहीं है।

2. सर्वेक्षण की शुरुआत के बाद से आय में वृद्धि उच्चतम स्तर पर

3. ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश गतिविधियों में तीव्र उछाल

4. औपचारिक स्रोतों से ग्रामीण ऋण की पहुंच उच्चतम स्तर पर

5. सरकारी अंतरण से निर्भरता पैदा किए बिना मांग को समर्थन जारी

6. महंगाई संबंधी धारणाएं एक वर्ष में अपने सबसे निचले स्तर पर

7. ऋण चुकाने और पूंजी निवेश की शर्तें बेहतर हुई हैं

8. ग्रामीण अवसंरचना और बुनियादी सेवाओं को मजबूत समर्थन

इन सुधारों से लोगों की आय बढ़ी है और इससे दीर्घकालिक समृद्धि को आधार मिला है।

आरईसीएसएस सर्वेक्षण के बारे में

नाबार्ड का ग्रामीण आर्थिक स्थिति एवं मत सर्वेक्षण देश भर में हर दो महीने में किया जाता है। इसमें आय, उपभोग, मुद्रास्फीति, ऋण, निवेश और अपेक्षाओं से संबंधित मात्रात्मक संकेतकों और परिवारों के विचारों को शामिल किया जाता है।

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