नशीले पदार्थों से युक्त वेप उपकरण
नशीले पदार्थों से युक्त वेप उपकरण
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पीईसीए), 2019 के तहत ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस अधिनियम के तहत इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक है। अधिनियम का प्रवर्तन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ई-सिगरेट और वेप उपकरणों में मादक पदार्थों की बरामदगी से संबंधित किसी भी मामले की जांच नहीं की है।
सरकार ने हवाई अड्डों, बंदरगाहों आदि पर स्क्रीनिंग को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
इस संबंध में एनडीपीएस अधिनियम, 1985 में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पीईसीए), 2019 के तहत ई-सिगरेट के उत्पादन और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।
-
- राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), सीमा शुल्क क्षेत्र की इकाइयां निरंतर सतर्कता बनाए रखती हैं और खुफिया जानकारी, एडवांस पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम (एपीआईएस) की सहायता से यात्रियों की प्रोफाइलिंग, जोखिम-आधारित अवरोधन और लक्ष्यीकरण, सामान और कंटेनर स्कैनिंग जैसे गैर-घुसपैठ निरीक्षण और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय के आधार पर परिचालन उपाय करती हैं।
- क्षेत्रीय टुकड़ियों को नियमित रूप से तस्करी के नए तरीकों के प्रति जागरूक किया जाता है।
- नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए हवाई अड्डों पर नशीले पदार्थों का पता लगाने में विशेषज्ञता प्राप्त के9 (कुत्तों) दस्ते को तैनात किया गया है।
- हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर मादक पदार्थों का पता लगाने और उन्हें जब्त करने पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है, जिसमें शामिल व्यक्तियों की गिरफ्तारी और अभियोजन भी शामिल है।