देशभर में आस्था का प्रसार करते हुए, डाक विभाग ने भगवान श्री राम की एक अमूल्य तंजावुर कृति को बेंगलुरु से अयोध्या पहुंचाया
देशभर में आस्था का प्रसार करते हुए, डाक विभाग ने भगवान श्री राम की एक अमूल्य तंजावुर कृति को बेंगलुरु से अयोध्या पहुंचाया
विशेष और सटीक लॉजिस्टिक्स का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए, डाक विभाग ने अपनी लॉजिस्टिक्स डाक सेवा के जरिए भगवान श्री राम की एक अमूल्य तंजावुर कलाकृति को बेंगलुरु से अयोध्या तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।

पारंपरिक तंजावुर कला शैली में निर्मित यह चित्र एक अमूल्य सांस्कृतिक कलाकृति है। सोने की नींव पर बहुमूल्य और बेशकीमती पत्थरों की जड़ाई वाले इस चित्र का असाधारण कलात्मक और विरासत महत्व है। इस पवित्र कलाकृति को बेंगलुरु की श्रीमती जयश्री फनीश ने अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को दान किया था।
बारह फीट ऊंची और आठ फीट चौड़ाई वाली तथा लगभग आठ किलोग्राम वजनी इस विशाल पेंटिंग को अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए लकड़ी के बक्से में कई परतों वाली बबल रैपिंग के साथ पेशेवर तरीके से पैक किया गया था। खेप का परिवहन निरंतर निगरानी में किया गया, और विभागीय अधिकारी पूरी यात्रा के दौरान वाहन के साथ रहे।


इस कलाकृति को ले जाने वाला वाहन 17 दिसंबर 2025 को बेंगलुरु से रवाना हुआ और लगभग 1,900 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 22 दिसंबर 2025 को सुरक्षित रूप से अयोध्या पहुंच गया। क्रेन और विशेष उपकरणों का उपयोग करते हुए इसे वाहन पर चढ़ाने और उतारने का कार्य अत्यंत सावधानी से किया गया।
यह मिशन अपनी तरह का पहला उच्च मूल्य वाला लॉजिस्टिक्स डाक खेप है, जिसे कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई डाक सर्किलों के बीच घनिष्ठ समन्वय के माध्यम से अंजाम दिया गया। संभागीय प्रमुखों और वरिष्ठ डाक अधिकारियों ने बेंगलुरु-हैदराबाद-नागपुर-जबलपुर-रीवा-प्रयागराज-अयोध्या मार्ग पर इस कलाकृति की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी। यात्रा के अंतिम चरण में घने कोहरे के बावजूद, इस खेप को अत्यंत सावधानी से संभाला गया और सुरक्षित एवं सुचारू रूप से पहुंचाया गया।
कलाकृति के अयोध्या पहुंचने पर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के महासचिव श्री चंपत राय की उपस्थिति में पेंटिंग को औपचारिक रूप से तीर्थ क्षेत्र में सौंप दिया गया और स्थापित किया गया।
यह सफल अभियान विशेष, उच्च-मूल्य वाली लॉजिस्टिक्स को संभालने में भारतीय डाक की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है, और राष्ट्रीय विरासत तथा सांस्कृतिक संरक्षण के समर्थन में विश्वसनीयता, सुरक्षा और सेवा उत्कृष्टता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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