दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना की प्रगति
दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना की प्रगति
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 1 अक्टूबर 2022 को शुरू की गई दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना का उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और निर्माण के माध्यम से डिजिटल विभाजन को कम करना है।
10.12.2025 तक दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना के अंतर्गत विभिन्न आईआईटी, एनआईटी, एमएसएमई, स्टार्टअप और अनुसंधान संस्थानों को 542.22 करोड़ रुपये की 136 परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। टीटीडीएफ के फोकस क्षेत्र दूरसंचार प्रौद्योगिकियां हैं। इनमें 5जी और 6जी प्रौद्योगिकियां, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), ऑप्टिकल संचार, उपग्रह संचार, क्वांटम संचार, स्वदेशी कोर नेटवर्क और ओपन आरएएन शामिल हैं।
टीटीडीएफ ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईटीआई) के अधीन एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास निकाय, एसएमईआर (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च) – कोलकाता में 6जी टेस्ट बेड स्थापित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में तीन अन्य सदस्य निकाय हैं: आईआईटी-मद्रास, आईआईटी-गुवाहाटी और आईआईटी-पटना। यह टेस्ट बेड परियोजना अभी जारी है और इसने पहले ही एक स्वदेशी प्रोटोटाइप विकसित कर लिया है।
टीटीडीएफ योजना घरेलू कंपनियों/स्टार्टअप्स, शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों और एमएसएमई के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करती है। आवेदक उपरोक्त संस्थाओं के कंसोर्टियम के रूप में भागीदार बन सकते हैं। यह कंसोर्टियम-आधारित मॉडल पूरक शक्तियों को संयोजित करने में सहायक है – शैक्षणिक संस्थान अनुसंधान ज्ञान प्रदान करते हैं। स्टार्टअप्स और एमएसएमई चपलता और नवाचार लाते हैं। वहीं स्थापित उद्योग जगत के प्रमुख विनिर्माण, विस्तार और वास्तविक दुनिया में तैनाती का अनुभव प्रदान करते हैं।
10.12.2026 तक कुल 26 पेटेंट दाखिल किए गए हैं। दूरसंचार मानकों के विकास के लिए 36 योगदान दिए गए हैं और विभिन्न पत्रिकाओं और सम्मेलनों में 48 प्रकाशन किए गए हैं।