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त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को दिए गये प्रधानमंत्री के संबोधन का पाठ

त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को दिए गये प्रधानमंत्री के संबोधन का पाठ

प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर जी

मंत्रिमंडल के सदस्य,

आज उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्ति,

भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य,

देवियों और सज्जनों,

नमस्कार!

सीता राम!

जय श्री राम!

क्या आप कुछ याद कर सकते हैं…क्या संयोग है!

आज शाम आप सभी के बीच होना मेरे लिए बहुत गर्व और खुशी की बात है। मैं प्रधानमंत्री कमला जी को उनके शानदार आतिथ्य और सज्जनतापूर्ण शब्दों के लिए धन्यवाद देता हूँ।

मैं कुछ समय पहले ही ‘गुनगुनाते पक्षियों’ (हमिंग बर्ड्स) की इस खूबसूरत भूमि पर आया हूँ। यहाँ मेरा पहला जुड़ाव भारतीय समुदाय के साथ है। यह पूरी तरह से स्वाभाविक लगता है। आखिरकार, हम एक परिवार का हिस्सा हैं। मैं आपकी गर्मजोशी और स्नेह के लिए आपको धन्यवाद देता हूँ।

मित्रों,

मैं जानता हूँ कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की कहानी साहस की गाथा है। आपके पूर्वजों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया, वे सबसे मजबूत मनोभावों को भी तोड़ सकती थीं। लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने समस्याओं का डटकर सामना किया।

उन्होंने गंगा और यमुना को पीछे छोड़ दिया, लेकिन अपने दिल में रामायण को ले गए। उन्होंने अपनी भूमि छोड़ दी, लेकिन आत्मा नहीं। वे सिर्फ प्रवासी नहीं थे। वे एक कालातीत सभ्यता के संदेशवाहक थे। उनके योगदान ने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित किया है। बस इस खूबसूरत देश पर आप सभी अपने द्वारा छोड़े गये प्रभाव को देखें।

कमला प्रसाद-बिसेसर जी – इस देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में। महामहिम क्रिस्टीन कार्ला कंगालू जी – महिला राष्ट्रपति के रूप में। स्वर्गीय श्री बासदेव पांडे, एक किसान के बेटे, जो प्रधानमंत्री और एक सम्मानित वैश्विक राजनेता बने। प्रख्यात गणितज्ञ रुद्रनाथ कपिलदेव, संगीत आइकन सुंदर पोपो, क्रिकेट के प्रतिभाशाली खिलाड़ी डैरेन गंगा और सेवादास साधु, जिनकी भक्ति ने समुद्र में मंदिर का निर्माण किया। सफल लोगों की सूची लंबी है।

आप, गिरमिटिया के संतान, अब संघर्ष से परिभाषित नहीं होते। आप अपनी सफलता, अपनी सेवा और अपने मूल्यों से परिभाषित होते हैं। ईमानदारी से कहूँ तो “डबल्स” और “दाल पूरी” में कुछ जादुई होना चाहिए – क्योंकि आपने इस महान राष्ट्र की सफलता को दोगुना कर दिया है!

मित्रों,

जब मैं पिछली बार 25 साल पहले आया था, तो हम सभी ने लारा के कवर ड्राइव और पुल शॉट की प्रशंसा की थी। आज, सुनील नरेन और निकोलस पूरन हैं, जो हमारे युवाओं के दिलों में वही उत्साह जगाते हैं। तब से लेकर अब तक, हमारी मित्रता और प्रगाढ़ हुई है।

बनारस, पटना, कोलकाता, दिल्ली भारत के शहर हो सकते हैं। लेकिन वे यहाँ की सड़कों के नाम भी हैं। नवरात्र, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी यहाँ हर्ष, उल्लास और गर्व के साथ मनाई जाती है। चौताल और बैठक गाना यहाँ आज भी फल-फूल रहे हैं।

मैं कई जाने-पहचाने चेहरों की गर्मजोशी देख सकता हूँ। और मैं युवा पीढ़ी की चमकीली आँखों में जिज्ञासा देख सकता हूँ – जो साथ मिलकर जानने और बढ़ने के प्रति उत्सुक हैं। सच में, हमारे रिश्ते भूगोल और पीढ़ियों से कहीं आगे तक विस्तृत हैं।

मित्रों,

मैं प्रभु श्री राम में आपकी गहरी आस्था को जानता हूँ।

एक सौ अस्सी साल बीतल हो, मन न भुलल हो, भजन राम के, हर दिल में गूंजल हो।

संग्रे ग्रांडे और डाउ गांव की राम-लीलाएं वास्तव में अद्वितीय मानी जाती हैं। श्री रामचरितमानस में कहा गया है,

राम धामदा पुरी सुहावनि।

लोक समस्त बिदित अति पावनि।।

अर्थात प्रभु श्री राम की पवित्र नगरी इतनी सुंदर है कि इसकी महिमा पूरे विश्व में फैली हुई है। मुझे यकीन है कि आप सभी ने 500 वर्षों के बाद अयोध्या में रामलला की वापसी का बहुत खुशी के साथ स्वागत किया होगा।

हमें याद है, आपने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं। मैं भी कुछ ऐसी ही भक्ति भावना लेकर यहां आया हूं। अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी से कुछ जल लाना मेरे लिए सम्मान की बात है।

जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि ।

उत्तर दिसि बह सरजू पावनि ।।

जा मज्जन ते बिनहिं प्रयासा ।

मम समीप नर पावहिं बासा ।।

प्रभु श्री राम कहते हैं कि अयोध्या का वैभव पवित्र सरयू से उत्पन्न होता है। जो कोई भी इसके जल में डुबकी लगाता है, उसे स्वयं श्री राम से शाश्वत मिलन प्राप्त होता है।

सरयू जी और पवित्र संगम का ये जल, आस्था का अमृत है। ये वो प्रवाहमान धारा है, जो हमारे मूल्यों को…हमारे संस्कारों को हमेशा जीवंत रखती है।

आप सभी जानते हैं कि इस साल की शुरुआत में दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम, महाकुंभ का आयोजन हुआ था। मुझे महाकुंभ का जल भी अपने साथ लाने का सम्मान मिला है। मैं कमला जी से अनुरोध करता हूं कि वे सरयू नदी और महाकुंभ का पवित्र जल यहां गंगा धारा में अर्पित करें। ये पवित्र जल त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों को आशीर्वाद दें।

मित्रों,

हम अपने प्रवासी समुदाय की शक्ति और समर्थन को बहुत महत्व देते हैं। दुनिया भर में फैले 35 मिलियन से अधिक लोगों के साथ, भारतीय प्रवासी समुदाय हमारे गौरव हैं। जैसा कि मैंने अक्सर कहा है, आप में से प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्रदूत है – भारत के मूल्यों, संस्कृति और विरासत का राजदूत।

इस वर्ष, जब हमने भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी की, तो महामहिम राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू जी हमारी मुख्य अतिथि थीं। कुछ साल पहले, प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर जी ने अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया था।

प्रवासी भारतीय दिवस पर, मैंने दुनिया भर में गिरमिटिया समुदाय को सम्मानित करने और उनसे जुड़ने के लिए कई पहलों की घोषणा की। हम अतीत का मानचित्रण कर रहे हैं और उज्ज्वल भविष्य के लिए लोगों को करीब ला रहे हैं। हम गिरमिटिया समुदाय का एक व्यापक डेटाबेस बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। भारत में उन गांवों और शहरों का दस्तावेज तैयार करना, जहां से उनके पूर्वज चले गए थे, उन स्थानों की पहचान करना, जहां वे बस गये हैं, गिरमिटिया पूर्वजों की विरासत का अध्ययन और संरक्षण करना तथा विश्व गिरमिटिया सम्मेलनों को नियमित रूप से आयोजित करने के लिए काम करना। इससे त्रिनिदाद और टोबैगो में हमारे भाइयों और बहनों के साथ गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को भी समर्थन मिलेगा।

आज, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अब त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओसीआई कार्ड दिए जाएंगे। आप सिर्फ रक्त या उपनाम से नहीं जुड़े हैं। आप अपनेपन से जुड़े हुए हैं। भारत आपकी ओर देखता है, भारत आपका स्वागत करता है और भारत आपको गले लगाता है।

दोस्तों,

प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रहा करते थे। कमला जी वहां जाकर भी आई हैं…. लोग इन्हें बिहार की बेटी मानते हैं।

भारत में लोग प्रधानमंत्री कमला जी को बिहार की बेटी मानते हैं।

यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए थे। बिहार की विरासत… भारत के साथ ही दुनिया का भी गौरव है। लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा (हायर एजुकेशन) हो…बिहार ने सदियों पहले दुनिया को ऐसे अनेक विषयों में नई दिशा दिखाई थी। मुझे विश्वास है, 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार की धरती से, नई प्रेरणाएं, नए अवसर निकलेंगे।

कमला जी की तरह यहां कई लोग हैं, जिनकी जड़ें बिहार में हैं। बिहार की विरासत हम सभी के लिए गर्व की बात है।

दोस्तों,

मुझे विश्वास है कि जब भारत आगे बढ़ता है, तो आपमें से हर किसी को गर्व महसूस होता है। नए भारत के लिए आसमान भी सीमा नहीं है। जब भारत का चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा, तो आप सभी खुशी से झूम उठे होंगे। जिस स्थान पर यह उतरा, हमने उसका नाम शिव शक्ति बिंदु रखा है।

हाल ही में आपने ये खबर भी सुनी होगी। आज जब हम बात कर रहे हैं, तब भी एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद है। अब हम मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन – गगनयान पर काम कर रहे हैं। वह समय दूर नहीं है, जब कोई भारतीय चंद्रमा पर कदम रखेगा और भारत के पास अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन होगा।

हम अब तारों को सिर्फ गिनते नहीं हैं…आदित्य मिशन के रूप में…उनके पास तक जाने का प्रयास करते हैं। हमारे लिए अब चंदा मामा दूर के नहीं हैं। हम अपनी मेहनत से असंभव को भी संभव बना रहे हैं।

अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियाँ सिर्फ हमारी नहीं हैं। हम इसके लाभ बाकी दुनिया के साथ साझा कर रहे हैं।’

मित्रों,

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। जल्द ही, हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जायेंगे। भारत के विकास और प्रगति का लाभ सबसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहा है।

भारत ने दिखाया है कि गरीबों को सशक्त करके… ताकत देकर … गरीबी को हराया जा सकता है। पहली बार करोड़ों लोगों में विश्वास जागा है, कि भारत गरीबी से मुक्त हो सकता है।

विश्व बैंक ने उल्लेख किया है कि भारत ने पिछले दशक में 250 मिलियन से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी से ऊपर उठाया है। भारत का विकास हमारे नवोन्मेषी और ऊर्जावान युवाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है।

आज, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है। इनमें से लगभग आधे स्टार्टअप में निदेशक के रूप में महिलाएं हैं। लगभग 120 स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला है। एआई, सेमीकंडक्टर और क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन, विकास के नए इंजन बन रहे हैं। एक तरह से, नवाचार एक जन अभियान बन रहा है।

भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) ने डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है। दुनिया के वास्तविक समय के लगभग 50% डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं। मैं त्रिनिदाद और टोबैगो को बधाई देता हूँ कि वह इस क्षेत्र में यूपीआई अपनाने वाला पहला देश है। अब पैसे भेजना ‘सुप्रभात’ संदेश भेजने जितना आसान हो जाएगा! और मैं वादा करता हूँ, यह वेस्टइंडीज की गेंदबाजी से भी तेज़ होगा।

दोस्तों,

हमारा मिशन विनिर्माण भारत को निर्माण हब बनाने के लिए काम कर रहा है। हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल निर्माता बन गए हैं। हम दुनिया को रेलवे इंजन निर्यात कर रहे हैं।

पिछले एक दशक में ही हमारे रक्षा निर्यात में 20 गुनी वृद्धि हुई है। हम सिर्फ़ भारत में बना ही नहीं रहे हैं। हम दुनिया के लिए निर्माण कर रहे हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह दुनिया के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी हो।

मित्रों,

आज का भारत, अवसरों की भूमि है। चाहे वह व्यवसाय हो, पर्यटन हो, शिक्षा हो या स्वास्थ्य सेवा हो, भारत के पास देने के लिए बहुत कुछ है।

आपके पूर्वजों ने यहाँ पहुँचने के लिए समुद्र पार करके 100 दिनों से ज़्यादा लंबी और कठिन यात्रा की, – सात समंदर पार! आज, वही यात्रा बस कुछ घंटों में पूरी हो जाती है। मैं आप सभी को सोशल मीडिया पर वर्चुअल रूप में नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी भारत आने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ!

अपने पूर्वजों के गाँवों की यात्रा करें। जिस मिट्टी पर वे चले थे, वहाँ चलें। अपने बच्चों को साथ लाएँ, अपने पड़ोसियों को साथ लाएँ। चाय और अच्छी कहानी पसंद करने वाले किसी भी व्यक्ति को साथ लाएँ। हम आप सभी का स्वागत करेंगे – खुले दिल, गर्मजोशी और जलेबी के साथ!

इन शब्दों के साथ, मैं आप सभी को एक बार फिर से उस प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूँ, जो आपने मेरे लिए दिखाया है।

मैं विशेष रूप से प्रधानमंत्री कमला जी को मुझे सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद देता हूँ।

बहुत बहुत धन्यवाद।

नमस्कार!

सीता राम!

जय श्री राम!