डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद को बताया कि एकीकृत मुख्य पैराशूट एयरड्रॉप का सफल परीक्षण भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की इसरो की अच्छी तैयारी दर्शाता है
डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद को बताया कि एकीकृत मुख्य पैराशूट एयरड्रॉप का सफल परीक्षण भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की इसरो की अच्छी तैयारी दर्शाता है
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री; प्रधानमंत्री कार्यालय में अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज संसद को बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो द्वारा हाल में एकीकृत मुख्य पैराशूट एयरड्रॉप का सफल परीक्षण भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान, के लिए मिशन-तैयारी योजना को मज़बूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। लोकसभा में प्रश्नों के उत्तर में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह परीक्षण, अंतरिक्ष यान चालक दल के पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली के योग्यता अभियान का महत्वपूर्ण घटक है, जो इस मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
डॉ. सिंह ने बताया कि नवीनतम एकीकृत मुख्य पैराशूट एयरड्रॉप में सबसे चरम अवतरण स्थितियों में से एक का अनुकरण किया गया और दो मुख्य पैराशूटों के बीच डिसरीफिंग क्रम में जानबूझकर समय का अंतर रखा गया। इसमें असममित बलों के तहत प्रणाली की संरचनात्मक जुड़ाव और भार वहन क्षमता, दोनों की पुष्टि हुई। श्री सिंह ने कहा कि यह सफल परीक्षण मानव-योग्यता निर्धारण प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाता है और 2027 की पहली तिमाही तक पहला मानवयुक्त गगनयान मिशन प्रक्षेपित करने के सरकार के लक्ष्य का समर्थन करता है।
संसद में प्रश्नकाल के दौरान तृतीय-पक्ष सत्यापन और तकनीकी निगरानी पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में डॉ. सिंह ने कहा कि इसरो नियमित रूप से क्रू मॉड्यूल पैराशूट प्रणाली और उससे संबंधित सभी परीक्षण परिणामों की स्वतंत्र और कठोर समीक्षा करता है। इनमें डिज़ाइन समीक्षा दल, स्वतंत्र मूल्यांकन समिति और मानव योग्यता निर्धारण एवं प्रमाणन के लिए देश भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये संस्थागत मंच सभी मानव-मूल्यांकन तत्वों की गहन जांच करते हैं।
पारदर्शिता से संबंधित मुद्दों पर श्री सिंह ने कहा कि इसरो निरंतर और समय-समय पर प्रमुख परीक्षण परिणामों की जानकारी देता रहता है, जिसमें हाल ही किये गए आई.एम.ए.टी. के परिणाम भी शामिल हैं। वह आगे भी कार्यक्रम की प्रगति के बारे में सूचित करना जारी रखेगा।
यान चालक दल की तैयारियों से संबंधित मुददों पर, डॉ. सिंह ने दोहराया कि गगनयान मिशन के लिए उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी प्रणालियों का गहन परीक्षण और विशेषज्ञ समीक्षा की जाती है, और प्रत्येक योग्यता परीक्षण के परिणामों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर प्रणाली में सुधार किया जाता है। इसके बाद फिर उनका पुनर्मूल्यांकन किया जाता है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में आपातकालीन परिदृश्यों का व्यापक अनुकरण, ऑफ-नॉमिनल लैंडिंग की उत्तरजीविता प्रक्रियाएं, आपातकालीन किट का संचालन और गगनयात्रियों की समग्र तैयारी सुनिश्चित करने के लिए निरंतर मनोवैज्ञानिक परामर्श शामिल है।
श्री सिंह ने सदन को यह भी बताया कि इसरो ने स्थापित वैश्विक मानकों के अनुरूप सुदृढ़ जोखिम-मूल्यांकन और न्यूनीकरण ढांचे को संस्थागत रूप दिया है। मानव मूल्यांकन प्रमाणन बोर्ड और राष्ट्रीय सलाहकार पैनल जैसी संस्थाएं इन प्रक्रियाओं की निगरानी करती हैं ताकि सुनिश्चित हो कि समग्र मिशन के दौरान जोखिम नियंत्रण में रहे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि हाल के आईएमएटी सहित प्रत्येक परीक्षण का महत्वपूर्ण प्रणालियों को मान्य बनाने के साथ ही चालक दल के प्रशिक्षण, ग्राउंड रिकवरी तैयारियों और भारत के ऐतिहासिक मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के सुरक्षित निष्पादन में योगदान है।

