डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, एलवीएम3 ने सबसे भारी पेलोड की सफलता के साथ विश्व स्तरीय विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया
डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, एलवीएम3 ने सबसे भारी पेलोड की सफलता के साथ विश्व स्तरीय विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज ब्लू बर्ड ब्लॉक–2 संचार उपग्रह को ले जाने वाले एलवीएम3-एम6 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर इसरो टीम को बधाई दी। केन्द्रीय मंत्री ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इसरो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती ताकत, विश्वसनीयता और वैश्विक प्रतिष्ठा को और मजबूत करते हुए लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।
Kudos Team #ISRO for the successful launch of LVM3-M6 carrying BlueBird Block-2.
With the visionary patronage of PM Sh @narendramodi, @isro continues to achieve one success after another, reiterating India’s growing prowess in Space technology. pic.twitter.com/gsnYimTwZs
इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, भारत में एलवीएम3-एम6 मिशन की एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस मिशन में भारतीय प्रक्षेपण यान द्वारा अब तक के सबसे भारी उपग्रह को उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया है। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक प्रक्षेपण बाजार में देश की स्थिति को और मजबूत करता है और भारी–भारित प्रक्षेपण क्षमता हासिल करने की उल्लेखनीय सफलता दर्शाता है।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसए) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने घोषणा की कि एलवीएम3-एम6 प्रक्षेपण यान ने सफल प्रदर्शन करते हुए ब्लू बर्ड ब्लॉक–2 संचार उपग्रह को उसकी निर्धारित निम्न पृथ्वी कक्षा में सटीक रूप से स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी प्रक्षेपण यान का उपयोग करके भारतीय धरती से प्रक्षेपित किया गया अब तक का सबसे भारी उपग्रह है और एलवीएम3 का तीसरा पूर्णतः वाणिज्यिक मिशन है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन प्रक्षेपण यान की उत्कृष्ट विश्वसनीयता और विश्वस्तरीय प्रदर्शन को दर्शाता है, इससे यह वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ हो गया है।
इस मिशन में उपयोग किया गया उपग्रह, ब्लू बर्ड ब्लॉक–2, अगली पीढ़ी के उपग्रह समूह का हिस्सा है। इसे विशेष उपयोगकर्ता उपकरणों की आवश्यकता के बिना, सामान्य मोबाइल स्मार्टफोन को सीधे अंतरिक्ष–आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के तहत शुरू किया गया है। यह उन्नत वैश्विक संचार मिशनों के लिए एक विश्वसनीय प्रक्षेपण सेवा प्रदाता के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
लॉन्च व्हीकल मार्क–3 की सफल उड़ान के साथ, भारत ने एक बार फिर जटिल भारी–भरकम मिशनों में अपनी तकनीकी परिपक्वता का प्रदर्शन किया है। इससे स्वदेशी प्रक्षेपण प्रणालियों में विश्वास मजबूत हुआ है और वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठा और बढ़ी है।



