डेटा केंद्र संचालन क्षमता निर्माण
डेटा केंद्र संचालन क्षमता निर्माण
क्षेत्र विशेष कौशल परिषदों- एसएससी द्वारा समय-समय पर कौशल क्षमता में अंतर पर अध्ययन किए जाते हैं, जिससे आवश्यक कौशल और विभिन्न क्षेत्रों में कौशल में कमी के बारे में जानकारी मिलती हैं। ये अध्ययन उद्योगों की आवश्यकता अनुरुप कार्यबल तैयार करने में सरकार की पहल के लिए मार्गदर्शिका का कार्य करते हैं। इसके अलावा, जिला कौशल समितियों (डीएससी) द्वारा तैयार जिला कौशल विकास योजनाओं में (डीएसडीपी) रोजगार के अवसरों के क्षेत्र चिन्हित करने के साथ ही जिले में विशिष्ट कौशल मांग के अनुरुप कौशल प्रशिक्षण की सुविधाओं की जानकारी एकत्रित की जाती हैं। सरकार के कौशल विकास कार्यक्रमों को सभी क्षेत्रों में कौशल अंतराल पाटने के लिए तैयार और कार्यान्वित किया गया है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सॉफ्टवेर एंड सर्विसेज कम्पनीज -नैसकॉम के डिजिटल कौशलकर्मी मांग और पूर्ति विश्लेषण 2023 के अनुसार, भारत में तकनीकी उद्योग अभी 54 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिसमें उद्योग कार्यबल का लगभग 37 प्रतिशत हिस्सा डिजिटल कुशलता प्राप्त कर्मियों का है। अभी सभी डिजिटल तकनीकी नौकरियों में, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स की नौकरी में लगभग 50 प्रतिशत की मांग-आपूर्ति का अंतर है।
केंद्र सरकार का कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, स्किल इंडिया मिशन के तहत, विभिन्न योजनाओं के तहत कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क द्वारा कौशल प्रदान करने, पुनर्कौशल सक्षमता तथा कौशल उन्नयन प्रदान करता है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-पीएमकेवीवाई, जन शिक्षण संस्थान-जेएसएस, राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना-एनएपीएस और कामगार प्रशिक्षण योजना –सीटीएस, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों- आईटीआई के माध्यम से देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल दक्षता प्रदान करता है। कौशल भारत मिशन का उद्देश्य भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और उद्योग अनुकूल डिजिटल तकनीकी सक्षम बनाना है।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत आईटी-आईटीईएस क्षेत्र में प्रशिक्षित उम्मीदवारों का डेटा केंद्र, एआई / एमएल, साइबर सुरक्षा आदि विवरण, निम्न अनुसार हैं:
पीएमकेवीवाई
स्थापना के बाद से
31.10.2025 तक
एनएपीपीएस
2018-19 के बाद से
31.10.2025 तक
सीटीएस (आईटीआई)
2018-19 से
2024-25 तक
7,25,517
4,35,915
7,55,736
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने उद्योग-अनुकूल पाठ्यक्रमों, रोजगार के अवसरों और उद्यमिता सहायता प्रदान कर देश भर के युवाओं के कौशल विकास के उद्देश्य से एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) आरंभ किया है। स्किल इंडिया डिजिटल हब- डिजिटल कौशल सहित विभिन्न उपयोगी पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का फ्यूचरस्किल्स प्राइम (एफएसपी) प्लेटफॉर्म सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं-आईटीईएस क्षेत्र में डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस/ मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा आदि सहित विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
विद्यार्थियों और प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय भारतीय युवाओं के ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण और कौशल के लिए क्रमशः राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना- एनएपीएस और राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना- एनएटीएस के माध्यम से अप्रेंटिसशिप प्रदान करते हैं। एनएटीएस के तहत नए स्नातकों, डिप्लोमा धारकों और डिग्री धारक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षुता प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि एनएपीएस के तहत अन्य उम्मीदवारों को प्रशिक्षुता प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
इसके अतिरिक्त, स्नातकों की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अध्ययन के दौरान व्यावहारिक ज्ञान के लिए प्रशिक्षुता एम्बेडेड डिग्री / डिप्लोमा कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।