Saturday, December 13, 2025
Latest:
Current Affairs

डीपीआईआईटी ने एआई-कॉपीराइट इंटरफेस पर कार्य-पत्र का पहला भाग प्रकाशित किया

डीपीआईआईटी ने एआई-कॉपीराइट इंटरफेस पर कार्य-पत्र का पहला भाग प्रकाशित किया

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कॉपीराइट कानून के अंतर्संबंधों की जांच करते हुए अपने कार्य पत्र का पहला भाग प्रकाशित किया है। यह पत्र डीपीआईआईटी द्वारा 28 अप्रैल, 2025 को गठित आठ सदस्यीय समिति (“कमेटी”) की अनुशंसाओं को शामिल करता है, जिसका उद्देश्य जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए विद्यमान कानून की पर्याप्तता का आकलन करना और आवश्‍यकता पड़ने पर कानून में संशोधन के लिए अनुशंसाएं करना है।

कार्य-पत्र में विद्यमान दृष्टिकोणों का मूल्यांकन किया गया है, जिसमें व्यापक छूट, टेक्स्ट और डेटा-माइनिंग अपवाद, ऑप्ट-आउट अधिकार के साथ या उसके बिना, स्वैच्छिक लाइसेंसिंग, या विस्तारित सामूहिक लाइसेंसिंग शामिल हैं। इन सभी मॉडलों के संबंध में उपयुक्तता संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, जैसा कि कार्यपत्र में बताया गया है, कार्यपत्र एक नए नीतिगत संरचना का प्रस्ताव करता है जिसका उद्देश्य कंटेट क्रिएटर और एआई इनोवेटर के अधिकारों के बीच संतुलन बनाना है।  

शून्य मूल्य लाइसेंस मॉडल को अस्वीकार करते हुए समिति का तर्क है कि इससे मानव रचनात्मकता के लिए प्रोत्साहन कम हो जाएगा तथा मानव निर्मित सामग्री का दीर्घकालिक रूप से निम्‍न उत्पादन हो सकता है।

एक विकल्प के रूप में, समिति एक हाइब्रिड मॉडल का प्रस्ताव रखती है जिसके अंतर्गत:

डॉ. राघवेन्द्र राव ने इसमें बहुमूल्य योगदान दिया, जिनका सहयोग कार्य पत्र तैयार करने में महत्वपूर्ण रहा।

सुश्री डी. श्रीप्रिया, श्री कुशल वधावन और सुश्री प्रियंका अरोड़ा ने भी समिति के सदस्यों को पेपर तैयार करने में सहायता की।

इस प्रकाशन की घोषणा करते हुए, डीपीआईआईटी ने प्रस्तावित मॉडल पर आम लोगों की प्रतिक्रिया आमंत्रित करते हुए, 30 दिनों के लिए जनता और हितधारकों के परामर्श हेतु मसौदा तैयार किया है। यह शोधपत्र – 

आगंतुक पटल : 401