जीएसटी सुधार 2025: नगालैंड की अर्थव्यवस्था इससे सभी क्षेत्रों में कैसे लाभ अर्जित करेगी
जीएसटी सुधार 2025: नगालैंड की अर्थव्यवस्था इससे सभी क्षेत्रों में कैसे लाभ अर्जित करेगी
प्रमुख तथ्य
परिचय
नगालैंड की अर्थव्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों और उभरते उद्यमों का मिश्रण है। राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि, हथकरघा, हस्तशिल्प और पर्यटन से जुड़ी है। हाल ही में किए गए जीएसटी सुधार कई उद्योगों में कर दरों को तर्कसंगत बनाकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। इससे स्थानीय उत्पादकों और उद्यमियों की आय में सुधार होने के साथ ही उत्पादों और सेवाओं को अधिक किफायती बनाने की आशा है।
यह सुधार समावेशी विकास, कारीगरों, किसानों और सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर प्रदान करते हैं और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध नगालैंड को व्यापार और पर्यटन के बढ़ते केंद्र के रूप में स्थापित करते हैं।
हथकरघा
जीआई–टैग वाले चाखेसांग शॉल सहित हथकरघा शॉल और वस्त्र, नगालैंड की शिल्पी अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। इनका मुख्य उत्पादन क्लस्टर कोहिमा, फेक (चखेसांग) और दीमापुर के आसपास स्थित है। हाल ही में कोहिमा में एक राज्य एम्पोरियम हब भी स्थापित किया गया है। यह क्षेत्र मुख्य रूप से महिलाओं के नेतृत्व वाला है, जिसमें बुनकर आवास–आधारित करघों पर काम करते हैं और सूक्ष्म उद्यमों के तौर पर कार्य करते हैं। इस क्षेत्र में लगभग 44,000 व्यक्ति कार्यरत हैं और यह पारंपरिक बुनाई प्रथाओं को संजोए हुए हैं।
उत्पादों को परिधान और स्मारिका बाजारों में और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान विक्रय जाता है, जिससे वैश्विक स्तर पर नगालैंड की विरासत को बढ़ावा मिलता है। निर्यात बाजारों में संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन और कनाडा जैसे गंतव्यों के साथ–साथ कई यूरोपीय देश भी शामिल हैं।
हथकरघा शॉल और वस्त्रों पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने के साथ, 2,500 रूपए तक की लागत वाली वस्तुएं (पहले सीमा 1,000 रूपए थी) अब लगभग 6.25% सस्ती हो जाएंगी। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा, बुनकरों की आय बढ़ेगी और महिला कारीगरों का समर्थन भी मिलेगा।
पर्यटन सेवाएं
नगालैंड में टूर ऑपरेशन, होटल और होमस्टे जैसे पर्यटन क्षेत्रों के जीएसटी सुधारों से लाभान्वित होने की संभावना है। इन गतिविधियों के मुख्य केंद्र कोहिमा, दीमापुर और किसामा का हॉर्नबिल उत्सव हैं, हालांकि पर्यटन सेवाओं का धीरे–धीरे अन्य जिलों में भी विस्तार हो रहा है।
हालांकि विदेशी पर्यटन सीमित है परन्तु इनमें भारतीय प्रवासियों के कुल आगंतुकों का हिस्सा अधिक है। आतिथ्य सेवाओं पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने के साथ, 7,500 रुपए तक की कीमत वाले होटल के कमरे लगभग 6.25% सस्ते होने की आशा है। इससे सामर्थ्य को बढ़ावा मिलेगा और राज्यव्यापी व्यापक पर्यटन विकास का समर्थन मिलेगा।
बांस और बेंत उत्पाद
नगालैंड का बांस और बेंत क्षेत्र सोविमा (चुमौकेदिमा) और दीमापुर में एनबीआरसी केंद्रों में केंद्रित है, जिसमें बांस के क्लस्टर विभिन्न जिलों में फैले हुए हैं। वर्ष 2004 से सक्रिय नगालैंड बांस विकास एजेंसी (एनबीडीए) बांस आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह क्षेत्र लगभग 13,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें कारीगरों के नेतृत्व वाले एमएसएमई, घरेलू उद्योग और ग्रामीण बढ़ई शामिल हैं।
इन उत्पादों का घरेलू बाजारों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है और यह फर्नीचर, हस्तशिल्प और पर्यावरण के अनुकूल सजावट की बढ़ती मांग को पूरा करते हैं। फर्नीचर और हस्तशिल्प पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने के साथ, कीमतों में 6.25% की गिरावट होने की आशा है, जिससे सामर्थ्य और कारीगर आय में वृद्धि होगी।
नगालैंड कॉफी
जीएसटी सुधारों ने नगालैंड कॉफी के लिए नए अवसरों का सृजन किया है, जिसमें भुनी हुई बीन्स पर दरें 12% से घटाकर 5% और कॉफी के अर्क पर 18% से घटाकर 5% कर दी गई हैं। यह उद्योग मोकोकचुंग, वोखा, मोन, ज़ुन्हेबोटो और तुएनसांग में विरासत और सक्रिय क्षेत्रों के साथ राज्य–व्यापी है। यह क्षेत्र जनजातीय छोटे किसानों द्वारा छायादार भूखंडों की खेती और भूनने और खुदरा बिक्री में लगे एमएसएमई की बढ़ती संख्या द्वारा संचालित है। वर्ष 2022-23 तक, नगालैंड में लगभग 2,200 पंजीकृत कॉफी उत्पादक थे।
नगालैंड कॉफी ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में अपनी एक जगह बनाई है। यहां से इसे दक्षिण अफ्रीका, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और पूरे दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशों को निर्यात किया जाता है। हरी बीन्स आमतौर पर व्यापारियों को बेची जाती हैं, जबकि भुनी हुई फलियों की कैफे और विशेष खरीदारों को आपूर्ति की जाती है। हाल ही में जीएसटी में कमी से कुल लागत 6.25% से 11% तक कम होने की उम्मीद है, जिससे नगालैंड कॉफी उत्पादकों और एमएसएमई के लिए अधिक मूल्य–प्रतिस्पर्धी और लाभदायक हो जाएगी।
निष्कर्ष
नगालैंड की विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था, जो इसकी शिल्पी परंपराओं और कृषि में गहन रूप से निहित है, हाल ही में हुए जीएसटी सुधारों से काफी लाभान्वित हुई है। ये सुधार स्थानीय उत्पादकों और उद्यमियों के लिए सामर्थ्य, प्रतिस्पर्धात्मकता और बाजार पहुंच को सीधे प्रभावित करते हैं।
राज्य के कॉफी उत्पादकों, हथकरघा बुनकरों, बांस कारीगरों और आतिथ्य संचालकों को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से लाभ होगा। कुल मिलाकर ये सुधार नगालैंड की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक विरासत को समर्थन और मजबूती प्रदान करेंगे।
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